किशनगंज: एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने अमौर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की बात कही. अख्तरुल इमान ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन का भारी दबाव है. जिसके वाद उन्होंने अमौर से ही चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है.
'कार्यकर्ताओं का था भारी दबाव'
अख्तरुल ईमान ने अमौर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के सवाल पर बताया कि उनके ऊपर पार्टी कार्यकर्ता और संगठन भारी दबाव था. जिस वजह से उन्होंने अमौर से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि अमौर विधानसभा वैसे तो पूर्णिया जिले में आता है. लेकिन यह किशनगंज लोकसभा अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र भी है. जिस वजह से उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए इस विधानसभा क्षेत्र का चयन किया है.
'एनडीए कर रही जनता को ठगने कोशिश'
एनडीए में चल रहे एनडीए प्रकरण को लेकर एआईएमआईएम नेता ने कहा कि बीजेपी जनता को ठगने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार के शासन काल को जनता ने देख लिया है. उन्होंने कहा कि बिहार की जनता वादों और घोषणाओं से ऊब चुकी है. अख्तरुल ईमान ने आगे कहा कि जनता परिवर्तन चाह रही है. इसलिए बिहार में इस बार थर्ड फ्रंट की सेकुलर सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि इस बार सीमांचल में एआईएमआईएम को भारी सफलता मिलेगी और बिहार विधानसभा में हमलोगों का गठबंधन महत्वपूर्ण भूमिका में रहेगा.
कई बार दल बदल चुके हैं अख्तरुल ईमान
एआईएमआईएम प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान की राजनीतिक करियर पर गौर करें तो उन्होंने 2005 में पहली बार राजद के टिकट पर किशनगंज विधानसभा से चुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज की थी. इसके बाद अख्तरुल ईमान ने राजद के ही टिकट पर वर्ष 2010 मे कोचाधामन विधानसभा से जीत का परचम लहराया.
2014 के लोकसभा चुनाव में अख्तरुल को जदयू ने अपना उम्मीदवार धोषित किया, लेकिन उन्होंने चुनाव में 10 दिन पूर्व अपना नामंकन वापस लेकर राजनीतिज्ञों कौ चौंका दिया था. जिसके बाद अख्तरुल ईमान ने असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का दामन थाम लिया और 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में कोचाधामन से चुनाव भी लड़े लेकिन जदयू उम्मीदवार मास्टर मुजाहिद आलम से इन्हें हार नसीब हुई.इसके बाद साल 2019 में एआईएमआईएम के टिकट पर अख्तरुल ने लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन वे तीसरे पायदान पर रहे थे.