किशनगंजः एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान और विधायक कमरुल हुदा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को डीएम के मार्फत एक आवेदन दिया है. इसके जरिेये तबलीगी जमात के निर्दोष विदेशी लोगों पर चल रहे मुकदमा वापस लेने की मांग की गई है.
विभिन्न जिलों में मुकदमा दायर
प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा कि एक साजिश के तहत विदेशी तबलीगी जमात के सदस्यों पर नेशनल एपिडेमिक एक्ट के तहत किशनगंज के साथ पूरे बिहार के विभिन्न जिलों में मुकदमा दायर कर जेल भेज दिया गया है.
शर्तों का पालन होना अनिवार्य
एआईएमआईएम के विधायक कमरुल हुदा ने बताया कि हमारे देश में सदियों से अतिथि देवो भव: की मिसाल रही है. जिस पर उक्त मामले से सवालिया निशान खड़ा हुआ है. विदेशियों का आना विदेश मंत्रालय की अनुमति और शर्तों का पालन होना अनिवार्य है.
वाद वापस लेने की मांग
प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमाम ने बताया कि औरंगाबाद बैच माननीय बॉम्बे हाई कोर्ट के माननीय न्यायाधीश ने सभी दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आदेश पारित किया है. प्रदेश अध्यक्ष ने बिहार सरकार से न्याय पूर्वक और अतिथि देवो भवः की परंपरा को देखते हुए बिहार सरकार की ओर से की गई सभी विदेशी तबलीगी जमात के लोगों पर चल रहे वाद को वापस लेने की मांग की है.
11 जमाती गिरफ्तार
बता दें धार्मिक प्रचार के लिए किशनगंज आये 11 जमातियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था. जो आज भी किशनगंज जेल में बंद है. इंडोनेशिया के दस और मलेशिया के एक विदेशी नागरिक को किशनगंज में गिरफ्तार किया गया था. वीजा नियमों के उल्लंघन करने के आरोप में 14 अप्रैल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
तबलीगी मरकज से जुड़े 13 जमाती 22 मार्च को अवध-असम एक्सप्रेस से किशनगंज पहुंचे थे. जिसमें 10 इंडोनेशिया, एक मलेशिया के और दो भारतीय हैं. 24 मार्च को जिला प्रशासन ने शहर के खानकाह मस्जिद में सभी जमातियों को क्वारंटीन कर रखा था.
किशनगंज जेल में हैं बंद
13 जमातियों का एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एक अप्रैल को कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल पटना भेजा गया था. जो कोरोना नेगेटिव आया था. जिसके बाद सरकार के निर्देश पर 14 अप्रैल को जेल भेजा गया था और अब तक सभी किशनगंज जेल में बंद हैं. वहीं अब एआईएमआईएम ने पूरे बिहार के विभिन्न जिलों के जेल में बंद तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों के रिहाई की मांग कर रहे हैं.