किशनगंज: एक इंजीनियर बहन की कुर्बानी रंग लाई है. जिस भाई के लिए उसने अपनी इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ दी. उसे एम्स एंट्रेंस एमबीबीएस की परीक्षा में देशभर में 43वां रैंक मिला है. दरअसल उनके डॉक्टर पिता का देहांत हो चुका था और घर को संभालने के लिए कोई भी नहीं था.
भाई ने भी अपनी बहन की कुर्बानी को जाया नहीं होने दिया. इतनी मेहनत और कड़ी लगन से पढ़ाई की और एम्स एंट्रेंस एमबीबीएस की परीक्षा में देशभर में 43वां रैंक लाकर अपनी बहन और पिता के सपने को साकार किया.
अभिनव के पिता भी डॉक्टर थे
अभिनव अग्रवाल किशनगंज के ही रहने वाले हैं. अभिनव के पिता स्वर्गीय सुशील कुमार अग्रवाल किशनगंज के प्रतिष्ठित डॉक्टरों में से एक थे. उनका सपना था कि अभिनव उनसे भी अच्छा डॉक्टर बने और गरीबों की सेवा करे.
अभिनव ने क्या कहा
जब अभिनव आठवीं क्लास में थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया. डॉक्टर सुशील कुमार अग्रवाल दुनिया छोड़कर जा चुके थे. अभिनव ने बताया कि वो अपने पिता की तरह सफल डॉक्टर बनकर किशनगंज के लोगों की सेवा करेंगे. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां और बहन को दिया. वहीं, अभिनव की इस सफलता से उनकी मां और बहन दोनों बहुत खुश हैं. दोनों ने अभिनव को शुभकामनाएं दी हैं.