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किशनगंज: 1 दशक बाद खगड़ा मेला में सर्कस देख मंत्रमुग्ध हुए लोग

सर्कस सिर्फ शामियाने के भीतर चलने वाला तमाशा ही नहीं बल्कि देश का विराट रूपक भी है. जहां कलाकार अपनी-अपनी आकांक्षाओं और द्वंदों में सांस लेते हुए दर्शकों का मनोरंजन करते हैं.

खगड़ा मेला में लगा सर्कस
खगड़ा मेला में लगा सर्कस
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Published : Feb 10, 2020, 8:35 AM IST

किशनगंज: शहर के ऐतिहासिक खगड़ा मेला में देश का मशहूर अजंता सर्कस शिरकत करने पहुंचा है. जिसका उद्घाटन डीएम हिमांशु शर्मा और एसपी कुमार आशीष ने किया. आधुनिक साज-सज्जा से युक्त शामियाने में करीब एक दशक बाद ये विशाल 12 पोल का सर्कस लगाया गया है.

कलाकारों ने बांधा समा
उद्घाटन अवसर पर सर्कस के प्रबंधक और मेले ठेकेदार अजय साह ने डीएम और एसपी को पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया. वहीं, सर्कस में विदेशी कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति देकर अतिथियों का मन मोह लिया. इस दौरान कलाकारों ने साइकिल रेस, ग्लोब में बाइकों की दौड़ और हवाई झूला के हैरत अंगेज कारनामों से समां बांध दिया. इसके अलावा सर्कस के जोकरों ने अपनी विभिन्न मुद्राओं से दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर दिया.

देखें पूरी रिपोर्ट

पारंपारिक जगह खो रहा सर्कस
गौरतलब है कि, सर्कस सिर्फ शामियाने के भीतर चलने वाला तमाशा ही नहीं बल्कि देश का विराट रूपक भी है. जहां कलाकार अपनी-अपनी आकांक्षाओं और द्वन्द्वों में सांस लेते हुए दर्शकों का मनोरंजन करते हैं. लेकिन तंबू और शमियाने में सिमटी ये कला अब दम तोड़ रही है. जहां सरकारी संरक्षण और प्रोत्साहन का अभाव है.

किशनगंज: शहर के ऐतिहासिक खगड़ा मेला में देश का मशहूर अजंता सर्कस शिरकत करने पहुंचा है. जिसका उद्घाटन डीएम हिमांशु शर्मा और एसपी कुमार आशीष ने किया. आधुनिक साज-सज्जा से युक्त शामियाने में करीब एक दशक बाद ये विशाल 12 पोल का सर्कस लगाया गया है.

कलाकारों ने बांधा समा
उद्घाटन अवसर पर सर्कस के प्रबंधक और मेले ठेकेदार अजय साह ने डीएम और एसपी को पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया. वहीं, सर्कस में विदेशी कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति देकर अतिथियों का मन मोह लिया. इस दौरान कलाकारों ने साइकिल रेस, ग्लोब में बाइकों की दौड़ और हवाई झूला के हैरत अंगेज कारनामों से समां बांध दिया. इसके अलावा सर्कस के जोकरों ने अपनी विभिन्न मुद्राओं से दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर दिया.

देखें पूरी रिपोर्ट

पारंपारिक जगह खो रहा सर्कस
गौरतलब है कि, सर्कस सिर्फ शामियाने के भीतर चलने वाला तमाशा ही नहीं बल्कि देश का विराट रूपक भी है. जहां कलाकार अपनी-अपनी आकांक्षाओं और द्वन्द्वों में सांस लेते हुए दर्शकों का मनोरंजन करते हैं. लेकिन तंबू और शमियाने में सिमटी ये कला अब दम तोड़ रही है. जहां सरकारी संरक्षण और प्रोत्साहन का अभाव है.

Intro:शहर के ऐतिहासिक खगड़ा मेला में बीते एक दशक बाद आए देश के मशहूर अजंता सर्कस। डीएम हिमांशु व शर्मा एसपी कुमार आशीष ने विधिवत किया उद्घाटन। आधुनिक साज-सज्जा से युक्त समियाना में लगाए गए विशाल 12 पोल का सर्कस का जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने फीता काटकर उद्घाटन किया।

बाइटः हिमांशु शर्मा, डीएम


Body:सर्कस में विदेशी कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति देकर अतिथियों का मन मोह लिया उद्घाटन अवसर पर सर्कस के प्रबंधक एवं मेले ठेकेदार अजय साह ने डीएम और एसपी को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।इस दौरान कलाकारों ने साइकिल रेस, ग्लोब में बाइकों की दौड़, हवाई झूला के हैरत अंगेज कारमानों ने जहां समां बांध दिया वही सर्कस के जोकरों ने अपनी विभिन्न मुद्राओं से दर्शकों को हंसने के लिए मजबूर कर दिया। तो डॉगी, चिड़िया और घोड़ा ने रिंग मास्टर के इशारे पर अपना करतब दिखाकर दर्शकों को ताली बजाने के पर मजबूर कर दिया।


Conclusion:बता दे सर्कस सिर्फ शामियाने के भीतर चलने वाला तमाशा ही नहीं देश का विराट रूपक भी है। जहां अभिनेता अपनी अपनी आकांक्षाओं,द्वन्द्वों और छद्म में सांस लेते हुए दर्शकों का मनोरंजन करते हैं। इन सर्कसों में काम करने वाले कलाकार दो वक्त की रोटी के लिए अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों का मनरंजन करते हैं। हालांकि तंबूओ और शमियानों में सिमटी वह कला अब दम तोड़ रही है ।जो कभी हमारे मनोरंजन का प्रमुख जरिया हुआ करती थी। जी हां भारत में सर्कस अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। सरकारी संरक्षण और प्रोत्साहन के अभाव, और मनोरंजन के आधुनिक साधनों के आगे सर्कस अपनी पारंपारिक जगह खोता जा रहा है। लेकिन करीब एक दशक बाद एक बार फिर से किशनगंज के खगड़ा मेला में सर्कस लोगों का आकर्षण का केंद्र बना है और लोग इस बार सर्कस का लुफ्त उठा रहे हैं।
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