खगड़िया: बिहार के खगड़िया में लोक आस्था के महापर्व (Great Festival Of Folk Faith Chhath Vrat) छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान का आज से आगाज हो गया है. नहाय खाय के साथ छठ व्रती आज कद्दू भात का रस्म पूरा करेंगी. इस मौके पर विभिन्न नदियों में स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी. छठ घाटों पर साफ-सफाई और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. लेकिन कुछ छठ व्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं ने अपने इलाके में पक्की सड़क नहीं होने का दुख जताया है. छठ घाटों पर फरकिया दियरा से आई महिलाओं ने नीतीश सरकार से मांग की है कि उनके गांव को सड़क मार्ग से जोड़ा जाय.
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छठ व्रती महिलाओं ने सड़क बनाने की मांग की : इस अवसर पर विभिन्न नदियों के तट पर श्रद्धालुओं की (Chhath Puja 2022) भीड़ उमड़ पड़ी है. परेशानी की बात यह है कि खगड़िया नगर परिषद क्षेत्र के विभिन्न छठ घाटों पर अभी भी पहुंच पाना लोगों के लिए परेशानी से भरा हुआ है. बीते 2 सप्ताह पूर्व गंडक और गंगा नदी के बढ़े जलस्तर के कारण कई छठ घाट जलमग्न हो गए थे. वैसे नदियों का जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है. लेकिन ज्यादातर घाटों पर अभी भी जलजमाव और कीचड़ का अंबार लगा हुआ है. ऐसे में लोग अभी भी छठ घाट नहीं पहुंच पा रहे हैं.
सरकार से सड़क बनाने की मांग : शहर के गायत्री मंदिर घाट पर अभी भी लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं. छठ व्रती महिला घाट पर पहुंचने में हो रही परेशानी के बावजूद भी काफी उत्साहित हैं. और उनका मानना है कि छठ व्रत कठिनाई और घोर साधना का व्रत है. जो भी सच्चे मन से छठ की पूजा करता है. भगवान भास्कर उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करते हैं. इस अवसर पर भागलपुर सहरसा और खगड़िया जिले की छठ व्रती महिलाओं ने बताया के छठ व्रत की पूजा जो भी सच्चे मन से करता है उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं.
'गांव में लोग परस्पर सहयोग से छठ मनाते हैं. कोई आर्थिक या शारीरिक रूप से कमजोर श्रद्धालु है तो अन्य लोग उन्हें पैसे और सहयोग कर उनका व्रत पूरा करवाते हैं.' - गीता देवी, महिला श्रद्धालु
रोड नहीं होने से लोगों को परेशानी : खगड़िया के फरकिया इलाका के फनगो और धनचर आदि ग्रामीण इलाके से भी सैकड़ों की संख्या में लोग गंगा स्नान को पहुंच रहे हैं. इन इलाके के लोगों का दर्द भी छलक कर सामने आया. छठ व्रती महिलाओं ने बताया कि वह खगड़िया जिले के सबसे उपेक्षित इलाके से बड़ी कठिन-परिश्रम से गंडक नदी में स्नान करने को पहुंच पाए हैं. उन्होंने बताया कि आजादी के दशकों बीत जाने के बावजूद भी फनगो और कात्यानी मंदिर को जोड़ने के लिए आज तक सड़क नहीं बनी है.
गंगा स्नान करने में होती है परेशानियां : छठ व्रती महिलाओं ने नीतीश सरकार से मांग की है कि इस छठ पर सरकार यह घोषणा करे कि उनके इलाकों को सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा. छठ व्रती महिलाओं ने बताया कि वह अपने गांव से किसी तरह फनगो हॉल्ट पहुंचती हैं और ट्रेन के सहारे खगड़िया स्टेशन आती हैं. फिर वहां से पैदल गंडक नदी के तट पर पहुंची हैं. बहरहाल लाख कठिनाइयों के बावजूद भी छठ व्रती महिलाएं काफी उत्साहित हैं और उनका मानना है कि छठ पूजा कठिन व्रत और तपस्या का ही है. इसमें छठ व्रती महिलाएं जितना कठिन तपस्या करेंगी उतना ज्यादा फल छठी मैया देंगी. इसको लेकर उन्हें किसी भी प्रकार की कठिनाइयों से कोई फर्क नहीं पड़ता और जो भी रस्म है, वह पूरी की जाएंगी.
आज है नहाय खाय : गौरतलब है कि चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत (Chhath Puja 2022 In Bihar) की शुरुआत आज से नहाय खाय (Nahay Khay) के साथ हो गई है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. छठव्रतियों को नए कपड़े की आवश्यकता होती है. पीले और लाल रंग के कपड़ों की विशेष महत्ता होती है. हालांकि दूसरे रंग के कपड़े भी पहने जा सकते हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं.
छठ पूजा की तिथि
- पहला दिन- नहाय खाय (28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार)
- दूसरा दिन- खरना (29 अक्टूबर 2022, शनिवार)
- तीसरा दिन- अस्तचलगामी सूर्य को अर्घ्य (30 अक्टूबर 2022, रविवार)
- आखिरी दिन व चौथे दिन- उदीयमान सूर्य को अर्घ्य (31 अक्टूबर 2022, सोमवार)
बता दें कि आज 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय है. नहाय खाय से छठ पूजा का आरंभ हो जाता है. 29 अक्टूबर शनिवार के दिन दिन खरना किया जाएगा. 30 अक्टूबर रविवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 31 अक्टूबर सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. और इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है.