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जेल में बंद विचाराधीन कैदी की इलाज के दौरान मौत, परिजनों का रो-रोकर हुआ बुरा हाल

खगड़िया जेल में बंद कैदी की मौत हो गई. मृतक तीन महीना से जेल में बंद था. मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया. मौत की वजहों का खुलासा नहीं हो पाया है.

जेल में बंद विचाराधीन कैदी की मौत
जेल में बंद विचाराधीन कैदी की मौत
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Published : Nov 30, 2021, 10:17 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 10:54 PM IST

खगड़िया: बिहार के खगड़िया जिले में जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी की तबीयत बिगड़ने से मौत (Undertrial Prisoner Dies in Khagaria Jail) हो गई. परिवार वालों की माने तो कैदी छोटे लाल पासवान पहले से ही बीमार चल रहे थे हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के स्पष्ट कारणों का पता चल पायगा.

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खगड़िया के मंडलकारा में शराबबंदी के बाबजूूद शराब बेचने और पिलाने के मामले में पिछले तीन महीना से वृद्ध कैदी छोटे लाल पासवान बंद थे. तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल में वृद्ध कैदी छोटे लाल पासवान को भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई.

कैदी की मौत के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. बताया जा रहा है कि जेल में अचानक शौच जाने के दौरान वह गिर गए जिसके बाद उन्हें जेल के डाॅक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद खगड़िया के सदर अस्पताल रेफर कर दिया.

लेकिन अस्पताल पहुंचते ही डाॅक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिवार वालों की माने तो छोटे लाल पासवान पहले से ही बीमार चल रहे थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के स्पष्ट कारणों का खुलासा हो पायेगा.

कैदी की इलाज के दौरान मौत

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बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है. वहीं, सीएम नीतीश की समीक्षा बैठक के बाद से शराबबंदी कानून सख्ती से लागू करने को लेकर पुलिस मुस्तैद नजर आ रही है.

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खगड़िया के मंडलकारा में शराबबंदी के बाबजूूद शराब बेचने और पिलाने के मामले में पिछले तीन महीना से वृद्ध कैदी छोटे लाल पासवान बंद थे. तबीयत खराब होने पर इलाज के लिए सदर अस्पताल में वृद्ध कैदी छोटे लाल पासवान को भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई.

कैदी की मौत के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. बताया जा रहा है कि जेल में अचानक शौच जाने के दौरान वह गिर गए जिसके बाद उन्हें जेल के डाॅक्टर ने प्राथमिक उपचार के बाद खगड़िया के सदर अस्पताल रेफर कर दिया.

लेकिन अस्पताल पहुंचते ही डाॅक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिवार वालों की माने तो छोटे लाल पासवान पहले से ही बीमार चल रहे थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के स्पष्ट कारणों का खुलासा हो पायेगा.

कैदी की इलाज के दौरान मौत

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बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है. वहीं, सीएम नीतीश की समीक्षा बैठक के बाद से शराबबंदी कानून सख्ती से लागू करने को लेकर पुलिस मुस्तैद नजर आ रही है.

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Last Updated : Nov 30, 2021, 10:54 PM IST
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