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सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर घंटों तड़पती रही महिला, बोले उपाधीक्षक- 'नहीं पड़ी नजर'

बिहार के खगड़िया सदर अस्पताल ( Khagaria Sadar Hospital In Bad Condition) के इमरजेंसी वार्ड के बाहर डायरिया से पीड़ित एक महिला घंटों छटपटाती रही. लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली. वहीं अस्पताल के उपाधीक्षक का कहना है कि हमने महिला को देखा ही नहीं.. पढ़िए पूरी खबर..

sick woman suffering outside in Khagaria Sadar Hospital
sick woman suffering outside in Khagaria Sadar Hospital
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Published : Mar 12, 2022, 8:08 PM IST

खगड़िया: खगड़िया सदर अस्पताल की बड़ी लापरवाही (Sick Woman Suffering Outside In Khagaria Sadar Hospital) एक बार फिर सामने आई है. आधे घंटे तक सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर डायरिया से पीड़ित एक महिला तड़पती रही. लेकिन किसी भी अस्पताल कर्मी ने उसे नहीं देखा. जब उक्त महिला की तस्वीर कुछ मीडिया कर्मियों द्वारा कैमरा में कैद की गयी तो आनन फानन में अस्पताल प्रबंधन की ओर से बीमार महिला को इमरजेंसी में भर्ती किया गया. महिला की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के संसारपुर निवासी मुकेश कुमार की 38 वर्षीय पत्नी पूनम देवी के रूप में हुई है.

पढ़ें:महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों का अस्पताल में हंगामा, कोरोना की दूसरी डोज लेने के बाद बिगड़ी थी तबीयत

खगड़िया सदर अस्पताल के बाहर तड़पती रही महिला: शनिवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर एक डायरिया पीड़ित महिला घंटों तड़पती रही, जिसकी सुधी किसी ने नहीं ली. मौके पर ईटीवी भारत ने पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर ली. इसके बाद महिला को आनन फानन में इमरजेंसी में भर्ती किया गया. अस्पताल की इस लापरवाही से उक्त महिला की जान भी जा सकती थी. ऐसे में जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

पढ़ें- खगड़िया सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी को लेकर कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

पीड़ित ने कहा-' इमरजेंसी वार्ड में नहीं किया गया भर्ती': वहीं बीमार महिला पूनम देवी ने किसी तरह से बताया कि वह पिछले चार दिनों से बीमार है. उसे उल्टी दस्त हो रहा है. शनिवार को परिजन उसे जब सदर अस्पताल लेकर आए तो महिला को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती नहीं किया गया. जिसके कारण महिला की हालत बिगड़ने लगी और वह जमीन पर छटपटाने लगी. खगड़िया सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर महिला घंटों छटपटाती रही. वहीं, मामले में खगड़िया सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर योगेंद्र सिंह (Deputy Superintendent Doctor Yogendra Singh ) प्रयासी ने बताया कि उनको पता नहीं था कि कोई महिला इमरजेंसी वार्ड के बाहर लेटी है और छटपटा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी ने इस मामले में लापरवाही बरती है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें- खगड़िया: सांप काटने से शख्स की मौत, परिजनों ने अस्पताल में की तोड़फोड़

खगड़िया सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल: बहरहाल ये पहला ऐसा मामला नहीं है जब सदर अस्पताल की लापरवाही उजागर हुई है. इसके पहले भी कई मौके पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ के मामले सामने आते रहे हैं. आए दिन इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजन हंगामा करते हैं. 6 मार्च को प्रसव के दौरान नवजात की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की थी. तो वहीं पिछले साल नवंबर में सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की खगड़िया सदर अस्पताल (Khagaria Sadar Hospital) में मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मृतक के परिजनों ने इस दौरान डॉक्टर की पिटाई (Doctor Beating in Khagaria) भी कर दी थी.

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खगड़िया: खगड़िया सदर अस्पताल की बड़ी लापरवाही (Sick Woman Suffering Outside In Khagaria Sadar Hospital) एक बार फिर सामने आई है. आधे घंटे तक सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर डायरिया से पीड़ित एक महिला तड़पती रही. लेकिन किसी भी अस्पताल कर्मी ने उसे नहीं देखा. जब उक्त महिला की तस्वीर कुछ मीडिया कर्मियों द्वारा कैमरा में कैद की गयी तो आनन फानन में अस्पताल प्रबंधन की ओर से बीमार महिला को इमरजेंसी में भर्ती किया गया. महिला की पहचान मुफस्सिल थाना क्षेत्र के संसारपुर निवासी मुकेश कुमार की 38 वर्षीय पत्नी पूनम देवी के रूप में हुई है.

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खगड़िया सदर अस्पताल के बाहर तड़पती रही महिला: शनिवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर एक डायरिया पीड़ित महिला घंटों तड़पती रही, जिसकी सुधी किसी ने नहीं ली. मौके पर ईटीवी भारत ने पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही की तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर ली. इसके बाद महिला को आनन फानन में इमरजेंसी में भर्ती किया गया. अस्पताल की इस लापरवाही से उक्त महिला की जान भी जा सकती थी. ऐसे में जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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पीड़ित ने कहा-' इमरजेंसी वार्ड में नहीं किया गया भर्ती': वहीं बीमार महिला पूनम देवी ने किसी तरह से बताया कि वह पिछले चार दिनों से बीमार है. उसे उल्टी दस्त हो रहा है. शनिवार को परिजन उसे जब सदर अस्पताल लेकर आए तो महिला को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती नहीं किया गया. जिसके कारण महिला की हालत बिगड़ने लगी और वह जमीन पर छटपटाने लगी. खगड़िया सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के बाहर महिला घंटों छटपटाती रही. वहीं, मामले में खगड़िया सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर योगेंद्र सिंह (Deputy Superintendent Doctor Yogendra Singh ) प्रयासी ने बताया कि उनको पता नहीं था कि कोई महिला इमरजेंसी वार्ड के बाहर लेटी है और छटपटा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी ने इस मामले में लापरवाही बरती है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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खगड़िया सदर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल: बहरहाल ये पहला ऐसा मामला नहीं है जब सदर अस्पताल की लापरवाही उजागर हुई है. इसके पहले भी कई मौके पर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ के मामले सामने आते रहे हैं. आए दिन इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजन हंगामा करते हैं. 6 मार्च को प्रसव के दौरान नवजात की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की थी. तो वहीं पिछले साल नवंबर में सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की खगड़िया सदर अस्पताल (Khagaria Sadar Hospital) में मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मृतक के परिजनों ने इस दौरान डॉक्टर की पिटाई (Doctor Beating in Khagaria) भी कर दी थी.

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