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खगड़िया: अलौली विधानसभा से राजद विधायक रामवृक्ष सदा ने किया नामांकन

जिले के अलौली विधानसभा से महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर रामवृक्ष सदा ने शुक्रवार को नामांकन किया.

Khagadia
खगड़िया
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Published : Oct 16, 2020, 4:21 PM IST

खगड़िया: जिले के अलौली विधानसभा से महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर रामवृक्ष सदा ने शुक्रवार को नामांकन किया. नामांकन के बाद कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया. इस दौरान रामवृक्ष सदा ने कहा कि वह जमीन से जुड़े कार्यकर्ता हैं. उन्होंने कहा कि अलौली में विकास करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी.

नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अलौली का विकास करेंगे. बता दें कि अलौली लोजपा सुप्रीमो स्वर्गीय रामविलास पासवान का गृह क्षेत्र है माना जाता है. यहां से रामविलास पासवान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. इस सीट से लोजपा सुप्रीमो स्व. रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इसलिए यह सीट लोजपा के लिए प्रतिष्ठा का सीट बन चुका है.

लोजपा ने रामचंद्र सदा को दिया टिकट
इस बार लोजपा ने रामचंद्र सदा को और जदयू ने साधना देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं महागठबंधन की तरफ से राजद ने रामवृक्ष सदा को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसलिए यह सीट कई मायनों में अपने आप में एक हॉट सीट माना जाएगा. यहां लोजपा के अलावे राजद का भी प्रतिष्ठा दांव पर है. जहां यह लोजपा सुप्रीमो का घर है, वहीं राजद की यह सीटिंग सीट भी है. यहां से 2015 से राजद से चंदन राम ने चुनाव जीता था. इस बार चंदन राम का टिकट काट कर राजद ने रामवृक्ष सदा को टिकट दिया है.

राजद ने सीटिंग विधायक का टिकट काटकर रामवृक्ष सदा पर जताया विश्वास
जिस तरह राजद ने अपने सिटिंग विधायक का टिकट काटकर रामवृक्ष सदा पर विश्वास जताया है. यह देखना दिलचस्प होगा की रामवृक्ष सदा क्या अलौली में जीत दर्ज कर पाते हैं. बता दें कि 2015 में जदयू और राजद दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा था. राजद उम्मीदवार चंदन राम ने लोजपा सुप्रीमो के छोटे भाई पशुपति पारस को मात दिया था. वहीं इस बार लोजपा, राजद और जदयू ने अपना अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है. जिससे राजद उम्मीदवार के लिए जीतना आसान नहीं होगा.

खगड़िया: जिले के अलौली विधानसभा से महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर रामवृक्ष सदा ने शुक्रवार को नामांकन किया. नामांकन के बाद कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया. इस दौरान रामवृक्ष सदा ने कहा कि वह जमीन से जुड़े कार्यकर्ता हैं. उन्होंने कहा कि अलौली में विकास करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी.

नामांकन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अलौली का विकास करेंगे. बता दें कि अलौली लोजपा सुप्रीमो स्वर्गीय रामविलास पासवान का गृह क्षेत्र है माना जाता है. यहां से रामविलास पासवान ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. इस सीट से लोजपा सुप्रीमो स्व. रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इसलिए यह सीट लोजपा के लिए प्रतिष्ठा का सीट बन चुका है.

लोजपा ने रामचंद्र सदा को दिया टिकट
इस बार लोजपा ने रामचंद्र सदा को और जदयू ने साधना देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं महागठबंधन की तरफ से राजद ने रामवृक्ष सदा को अपना उम्मीदवार बनाया है. इसलिए यह सीट कई मायनों में अपने आप में एक हॉट सीट माना जाएगा. यहां लोजपा के अलावे राजद का भी प्रतिष्ठा दांव पर है. जहां यह लोजपा सुप्रीमो का घर है, वहीं राजद की यह सीटिंग सीट भी है. यहां से 2015 से राजद से चंदन राम ने चुनाव जीता था. इस बार चंदन राम का टिकट काट कर राजद ने रामवृक्ष सदा को टिकट दिया है.

राजद ने सीटिंग विधायक का टिकट काटकर रामवृक्ष सदा पर जताया विश्वास
जिस तरह राजद ने अपने सिटिंग विधायक का टिकट काटकर रामवृक्ष सदा पर विश्वास जताया है. यह देखना दिलचस्प होगा की रामवृक्ष सदा क्या अलौली में जीत दर्ज कर पाते हैं. बता दें कि 2015 में जदयू और राजद दोनों ने मिलकर चुनाव लड़ा था. राजद उम्मीदवार चंदन राम ने लोजपा सुप्रीमो के छोटे भाई पशुपति पारस को मात दिया था. वहीं इस बार लोजपा, राजद और जदयू ने अपना अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है. जिससे राजद उम्मीदवार के लिए जीतना आसान नहीं होगा.

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