खगड़िया: खगड़िया में लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath festival in khagaria) को लेकर तैयारी शुरू हो गई है. छठ घाटों की साफ-सफाई शुरू हो गई है. हाल के दिनों में नेपाल से लेकर दूसरे प्रदेश में जिस तरह से बारिश हुई है उससे गंगा और गंडक नदी के जलस्तर (river level risein Gandak ) में काफी वृद्धि हुई है. दोनों नदी खगड़िया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
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गंगा और बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा : गंगा जहां खतरे के निशान से 64 सेंटीमीटर ऊपर है, वहीं बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर 40 सेंटीमीटर ऊपर है. दोनों नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि भी जारी है. जिसके कारण जिले में एक बार फिर से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं और निचले क्षेत्र में बाढ़ का पानी भर गया है. ऐसे में छठ पूजा को लेकर नगर परिषद के विभिन्न घाट का निरिक्षण करने के लिए डीएम आलोक रंजन घोष और एसपी अमितेश कुमार के साथ नगर परिषद की पूरी टीम निकली और विभिन्न घाटों का जायजा लिया.
बाढ़ के पानी में डूबा घाट : शहर बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसा हुआ है. शहर के हजारों की आबादी गंडक नदी के प्रमुख पांच घाटों पर आकर महापर्व छठ धार्मिक अनुष्ठान के साथ मनाते हैं. नगर परिषद के सीढी घाट, गायत्री मंदिर घाट, दान नगर घाट , अघोरी स्थान घाट सभी बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. ऐसे में स्थानीय लोगों की माने तो पानी घट जाने पर पूरा छठ घाट दलदल और कीचर से भर जाएगा. जिला प्रशासन को वैकल्पिक व्यवस्था करने की जरूरत है.
"विकल्प के तौर पर दो तीन और छठ घाटों को चिह्नित किया गया है. चार पांच दिन बाद फिर से छठ घाटों का जायजा लेंगे यदि जलस्तर नहीं घटता है तो दूसरे विकल्प पर बात करेंगे. " - आलोक रंजन घोष, डीएम, खगड़िया
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