खगड़िया: बिहार के खगड़िया जिले के सबसे ज्यादा अपराध प्रभावित इलाके में अपराध नियंत्रण के लिए 45 वर्ष पहले पसराहा थाना का निर्माण कराया गया था. जो पीडब्ल्यूडी की जमीन से संचालित हो रहा है. वहीं इसे मॉडल थाना बनाने के लिए जिला प्रशासन ने इस जगह से काफी दूर स्थापित करने को सोचा है. जिसके बाद से स्थानीय लोग पसराहा थाना संघर्ष समिति बनाकर जिस जगह से थाना संचालित है वहीं मॉडल थाना बनाने की मांग कर रहे हैं. थाना की अतिक्रमित 1 एकड़ 27 डिसमल जमीन को खाली करवाने में लगे हुए हैं.
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थाना निर्माण के लिए खाली कराई गई जमीन: अबतक इनलोगों के प्रयास से एक एकड़ से ज्यादा जमीन खाली करा दी गई है जो थाना निर्माण के लिए पर्याप्त है. दर्जनों ग्रामीण परवत्ता विधायक डाक्टर संजीव के पास पहुंचे और थाना को उसी जगह से संचालित करने की गुहार लगायी. वहीं खगड़िया एसपी अमितेश कुमार भी वर्तमान जगह से थाना संचालित होने के लिए डीएम को पत्र लिखने की बात कर रहे हैं.
"पसराहा माॅडल थाना वर्तमान जगह पर ही बने इसके लिए एक संघर्ष समिति बनाया गया और इनलोगो की पहल पर एक एकड़ से ज्यादा जमीन अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है."-संजीव, स्थानीय विधायक
अपराध प्रभावित है इलाका: पसराहा थाना खगड़िया जिले के सबसे ज्यादा अपराध प्रभावित थानों में से एक है. जहां आए दिन हत्या, लूट, अपहरण जैसी गंभीर अपराध की घटना होती रहती हैं. ऐसे में सरकार अपराध नियंत्रण के लिए इसे माॅडल थाना के रूप में विकसित करना चाहती है. जिससे अपराध नियंत्रण में सहुलियत हो सके, लेकिन जिला प्रशासन के द्वारा थाना की जमीन अतिक्रमित होने की वजह से वर्तमान जगह से चार किलोमीटर दूर माॅडल थाना बनाने के लिए जगह का चयन किया गया है. जहां काफी दूर तक कोई गांव नहीं है.
यहां 2012 से संचालित हो रहा थाना: इससे 10 पंचायत के ग्रामीण आंदोलित हैं और वर्तमान जगह पर ही थाना निर्माण करवाने के लिए जिला प्रशासन से लेकर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए स्थानीय विधायक डॉ संजीव से मिले. जिसके बाद स्थानीय विधायक ने भी वर्तमान जगह को थाना केलिए काफी उपयोगी बताया और गृह सचिव को पत्र लिखने की बात कही है. वहीं स्थानीय लोगों की माने तो पीडब्लूडी के द्वारा 2012 में जहां थाना संचालित हो रहा है उसे थाना बनाने के लिए हस्तांतरित किया गया था, लेकिन यह जमीन अतिक्रमित होने की वजह से दूसरे जगह पर थाना बनाने के लिए जमीन का चयन किया गया है.
"पीडब्ल्यूडी के द्वारा 2012 में जहां थाना संचालित हो रहा है उसे थाना बनाने के लिए हस्तांतरित किया गया था, लेकिन यह जमीन अतिक्रमित होने की वजह से दूसरे जगह का चयन किया गया. एक एकड़ से ज्यादा जमीन को बातचीत कर अतिक्रमण मुक्त करा लिया गया है."-श्रीकांत, स्थानीय