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मक्का किसानों को राहत नहीं! करोड़ों की लागत से बना प्रिस्टिन मेगा फूड पार्क अबतक नहीं हुआ शुरू

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Published : Jun 16, 2020, 7:39 PM IST

अरबों की लागत से शुरू हुई प्रिस्टिन मेगा फूड पार्क की योजना अब तक अधर में लटकी हुई है. यह फूड पार्क अब महज शोभा बनकर रह गया है. यहां अब तक काम चालू नहीं हो सका है.

डिजाइन इमेज
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खगड़िया: जनता के रुपयों की बर्बादी का ताजा नजारा इन दिनों खगड़िया जिले में देखने को मिल रहा है. करोड़ों रुपये लगाकर यहां बिहार का एकमात्र फूड पार्क खोला गया ताकि मक्का किसानों को लाभ मिल सके. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी पार्क की शुरुआत नहीं हो पाई है. यहां काम अधूरा पड़ा हुआ है.

खगड़िया मक्का उत्पादन के लिए जाना जाता है. आसपास के इलाकों में मक्का की खेती ज्यादा होती है, इसलिए यहां प्रिस्टिन मेगा फूड पार्क स्थापित किया गया था. ताकि आसपास के जिलों के किसानों को भी मदद मिल सके. लेकिन ऐसा हो नहीं सका. किसान आज भी इस फूड पार्क के शुरू होने की बाट जोह रहे हैं.

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सालों बाद भी काम पूरा नहीं हुआ

पिछले साल ही शुरू होना था प्रोडक्शन
बीते साल केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल इसके उद्घाटन के लिए मानसी के एकनिया पहुंची थीं. लेकिन उस समय तक प्रिस्टिन मेगा फूड पार्क का काम पूरा नहीं हो सका था. जिस वजह से नाराज होकर वो बिना उद्घाटन किए ही वापस चली गईं थीं. उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि 15 दिनों में मेगा फूड पार्क में यूनिट को स्थापित कर इसका पूर्णता संचालन कर लिया जाए. लेकिन, साल बीत जाने के बाद भी अब तक मेगा फूड पार्क सुचारू ढंग से चालू नहीं हो पाया है.

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अधर में लटका है निर्माण कार्य

अधर में मेगा फूड पार्क का काम
मेगा फूड पार्क परियोजना का उद्देश्य किसानों, प्रोसेसिंग इंडस्ट्री और खुदरा व्यापारियों को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादन को बाजार से जुड़ने के लिए एक ऐसा तंत्र उपलब्ध कराना है, जिससे किसानों की उपज की बर्बादी न हो. साथ ही किसानों की आय में वृद्धि हो और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर दिए जाए. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी खगड़िया का मेगा फूड पार्क अधूरा पड़ा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

2011 में ही अधिकृत की गई थी जमीन
जानकारी के मुताबिक साल 2011 में मेगा फूड पार्क के लिए जमीन अधिकृत कर ली गई थी. 2015 में मेगा फूड का का निर्माण शुरू कर दिया गया था. लेकिन 5 साल बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है. खगड़िया के इस प्रिस्टिन मेगा फूड पार्क में 34 अलग-अलग यूनिट लगाने की बात कही जा रही थी, लेकिन आज तक एक भी यूनिट चालू नहीं हो सका है.

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कोल्ड स्टोरेज में काम जारी

आज केवल गोदाम है चालू
मौजूदा समय में यहां केवल एक गोदाम चालू है. जिसमें बाहर के व्यापारियों की ओर से जिले के किसानों से मक्का औने-पौने दाम में खरीद कर स्टॉक किया जा रहा है. एक और यूनिट बनने का काम चालू है. इस यूनिट को अगस्त में चालू करना था, लेकिन अब ये अगले वर्ष तक ही शुरू हो पाएगा.

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लीज पर लेकर किया जा रहा काम

400 करोड़ रुपये की योजना
बता दें कि सैकड़ों एकड़ में फैला मेगा फूड पार्क तकरीबन करीब 400 करोड़ रुपये की योजना है. इसमें एक चौथाई पैसा यानी 126 करोड़ रुपया अनुदान के रूप में भारत सरकार की ओर से दे दिया गया है. लेकिन हरसिमरत कौर ने अतिरिक्त राशि आवंटन पर रोक लगा दी. जिस कारण अब यह काम अधूरा पड़ा है. नतीजतन मक्का किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

खगड़िया: जनता के रुपयों की बर्बादी का ताजा नजारा इन दिनों खगड़िया जिले में देखने को मिल रहा है. करोड़ों रुपये लगाकर यहां बिहार का एकमात्र फूड पार्क खोला गया ताकि मक्का किसानों को लाभ मिल सके. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी पार्क की शुरुआत नहीं हो पाई है. यहां काम अधूरा पड़ा हुआ है.

खगड़िया मक्का उत्पादन के लिए जाना जाता है. आसपास के इलाकों में मक्का की खेती ज्यादा होती है, इसलिए यहां प्रिस्टिन मेगा फूड पार्क स्थापित किया गया था. ताकि आसपास के जिलों के किसानों को भी मदद मिल सके. लेकिन ऐसा हो नहीं सका. किसान आज भी इस फूड पार्क के शुरू होने की बाट जोह रहे हैं.

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सालों बाद भी काम पूरा नहीं हुआ

पिछले साल ही शुरू होना था प्रोडक्शन
बीते साल केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल इसके उद्घाटन के लिए मानसी के एकनिया पहुंची थीं. लेकिन उस समय तक प्रिस्टिन मेगा फूड पार्क का काम पूरा नहीं हो सका था. जिस वजह से नाराज होकर वो बिना उद्घाटन किए ही वापस चली गईं थीं. उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि 15 दिनों में मेगा फूड पार्क में यूनिट को स्थापित कर इसका पूर्णता संचालन कर लिया जाए. लेकिन, साल बीत जाने के बाद भी अब तक मेगा फूड पार्क सुचारू ढंग से चालू नहीं हो पाया है.

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अधर में लटका है निर्माण कार्य

अधर में मेगा फूड पार्क का काम
मेगा फूड पार्क परियोजना का उद्देश्य किसानों, प्रोसेसिंग इंडस्ट्री और खुदरा व्यापारियों को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादन को बाजार से जुड़ने के लिए एक ऐसा तंत्र उपलब्ध कराना है, जिससे किसानों की उपज की बर्बादी न हो. साथ ही किसानों की आय में वृद्धि हो और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर दिए जाए. लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी खगड़िया का मेगा फूड पार्क अधूरा पड़ा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

2011 में ही अधिकृत की गई थी जमीन
जानकारी के मुताबिक साल 2011 में मेगा फूड पार्क के लिए जमीन अधिकृत कर ली गई थी. 2015 में मेगा फूड का का निर्माण शुरू कर दिया गया था. लेकिन 5 साल बाद भी काम पूरा नहीं हो पाया है. खगड़िया के इस प्रिस्टिन मेगा फूड पार्क में 34 अलग-अलग यूनिट लगाने की बात कही जा रही थी, लेकिन आज तक एक भी यूनिट चालू नहीं हो सका है.

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कोल्ड स्टोरेज में काम जारी

आज केवल गोदाम है चालू
मौजूदा समय में यहां केवल एक गोदाम चालू है. जिसमें बाहर के व्यापारियों की ओर से जिले के किसानों से मक्का औने-पौने दाम में खरीद कर स्टॉक किया जा रहा है. एक और यूनिट बनने का काम चालू है. इस यूनिट को अगस्त में चालू करना था, लेकिन अब ये अगले वर्ष तक ही शुरू हो पाएगा.

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लीज पर लेकर किया जा रहा काम

400 करोड़ रुपये की योजना
बता दें कि सैकड़ों एकड़ में फैला मेगा फूड पार्क तकरीबन करीब 400 करोड़ रुपये की योजना है. इसमें एक चौथाई पैसा यानी 126 करोड़ रुपया अनुदान के रूप में भारत सरकार की ओर से दे दिया गया है. लेकिन हरसिमरत कौर ने अतिरिक्त राशि आवंटन पर रोक लगा दी. जिस कारण अब यह काम अधूरा पड़ा है. नतीजतन मक्का किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

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