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कुव्यवस्था का आलम: छत पर सर्दी की परवाह नहीं बस लक्ष्य साधने में जुटे बच्चे

खुले आसमान में धूप और सर्दी झेलकर बच्चे पढ़ते हैं. विभाग को कई बार इस बारे में बताया गया है लेकिन अब इसकी सुध किसी ने नहीं ली.

खगड़िया
छत पर होती है पढ़ाई
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Published : Jan 30, 2020, 8:21 AM IST

खगड़िया: जिले के अलौली प्रखंड के मध्य विद्यालय रामपुर में बच्चे कहीं छत तो कहीं मिट्टी वाली जमीन पर ठंड में बैठकर पढ़ाई करते हैं. विद्यालय में कई कमरे भी हैं लेकिन सभी कमरे लगभग अर्धनिर्मित हालत में हैं. इतना ही नहीं बड़ी समस्या यह है कि जहां बच्चे छत पर पढ़ाई करते हैं उस छत पर कोई घेरा भी नहीं है. जिससे हर समय अनहोनी की आशंका बनी रहती है.

'कमरा बना दिया जाए तो होगी सुविधा'
मामले में विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि यहां कमरों की कमी है, इसलिए छत पर कक्षा चलती है. विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे कहते हैं कि जब स्कूल में ज्यादा बच्चे आ जाते हैं तो हम सभी नीचे बैठकर पढ़ते हैं. अगर हमारे विद्यालय के ऊपर में और कमरा बना दिया जाए तो हमलोगों को बहुत सुविधा होगी.

पेश है रिपोर्ट

'हर बार दिया जाता है आश्वासन'
वहीं, मामले में विद्यालय के शिक्षक अमरकांत मंडल ने बताया कि विभाग को कई बार अवगत कराया गया है कि हमें कमरे की जरूरत है लेकिन अभी तक इस पर कोई पहल नहीं की गई. हमें हर बार आश्वासन ही दिया जाता है.





खगड़िया: जिले के अलौली प्रखंड के मध्य विद्यालय रामपुर में बच्चे कहीं छत तो कहीं मिट्टी वाली जमीन पर ठंड में बैठकर पढ़ाई करते हैं. विद्यालय में कई कमरे भी हैं लेकिन सभी कमरे लगभग अर्धनिर्मित हालत में हैं. इतना ही नहीं बड़ी समस्या यह है कि जहां बच्चे छत पर पढ़ाई करते हैं उस छत पर कोई घेरा भी नहीं है. जिससे हर समय अनहोनी की आशंका बनी रहती है.

'कमरा बना दिया जाए तो होगी सुविधा'
मामले में विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि यहां कमरों की कमी है, इसलिए छत पर कक्षा चलती है. विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे कहते हैं कि जब स्कूल में ज्यादा बच्चे आ जाते हैं तो हम सभी नीचे बैठकर पढ़ते हैं. अगर हमारे विद्यालय के ऊपर में और कमरा बना दिया जाए तो हमलोगों को बहुत सुविधा होगी.

पेश है रिपोर्ट

'हर बार दिया जाता है आश्वासन'
वहीं, मामले में विद्यालय के शिक्षक अमरकांत मंडल ने बताया कि विभाग को कई बार अवगत कराया गया है कि हमें कमरे की जरूरत है लेकिन अभी तक इस पर कोई पहल नहीं की गई. हमें हर बार आश्वासन ही दिया जाता है.





Intro:खगड़िया के अलौली प्रखंड के रामपुर गांव में बच्चे विद्यालय के बिना घेरे वाले छत पर बैठ कर पढ़ाई करते है।विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि यंहा कमरो की कमी है इसलिए छत पर क्लास चलती है


Body:खगड़िया के अलौली प्रखंड के रामपुर गांव में बच्चे विद्यालय के बिना घेरे वाले छत पर बैठ कर पढ़ाई करते है।विद्यालय के शिक्षकों का कहना है कि यंहा कमरो की कमी है इसलिए छत पर क्लास चलती है।

मध्य विद्यालय रामपुर में बच्चे कंही छत तो कंही मिट्टी वाले जमीन पर ठंड में बैठ कर पढ़ाई करते है। विद्यालय में कई कमरे भी है लेकिन सभी कमरे लगभग अर्धनिर्मित हालात में है। जंहा बच्चे छत पर पढ़ाई करते है उसके आसपास कोई घेरा भी नही जिससे कभी भी अनहोनी घट सकती है।

विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे कहते है कि जब स्कूल में ज्यादा बच्चे आ जाते है तो हम सभी निचे बैठ कर पढ़ते है। अगर हमारे विद्यालय के ऊपर में और कमरा बना दिया जाय तो हमलोगों को बहुत सुविधा होगी।

वंही विद्यालय के शिक्षक अमर कांत मंडल का कहना है कि विभाग को कई बार अवगत कराया गया है कि हमे कमरे की जरूरत है लेकिन अभी तक इस पर कोई पहल नही किया गया है।






Conclusion:जिला शिक्षा विभाग को चाहिए कि ऐसे विद्यालय में खुद अधिकारी जाए और बच्चो के लिए कमरा और बेंच-डेस्क की व्यबस्था कराए। विद्यालय के लिखित आवेदन पर विशेष ध्यान देना चाहिए
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