खगड़िया: बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का प्रचार प्रसार गुरुवार की शाम से ही थम गया है. लोजपा सांसद महबूब अली कैसर पुत्र मोह में लगातार पार्टी के खिलाफ कार्य करते आए हैं. इसके बावजूद चिराग पासवान पार्टी के खिलाफ कार्य करने के बावजूद भी लोजपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा एकलौती ऐसी पार्टी है जो अकेले चुनाव लड़ रही है. एनडीए से अलग होने के बाद लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावार रहे हैं.
चिराग के साथ नहीं दिखे खगड़िया के लोजपा सांसद
लोजपा से खगड़िया के सांसद महबूब अली कैसर ने अपने बेटे को राजद से प्रत्याशी बनाया है और लगातार पार्टी के खिलाफ जाकर बेटे के समर्थन में वोट मांगते नजर आ रहे थे. लोजपा प्रमुख चिराग पासवान दरअसल कल गुरुवार को तीसरे चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन लोजपा प्रत्याशी के समर्थन में सिमरी बख्तियारपुर उच्च विद्यालय पहुंचकर चुनावी सभा को संबोधित किया. लेकिन इस दौरान खगड़िया के लोजपा के सांसद ने सिमरी बख्तियारपुर में रहने के बावजूद भी मंच साझा नहीं किया. लोजपा अध्यक्ष ने जनसभा को संबोधित करते हुए यहां तक कह दिया था कि संभवत कुछ अपने ही लोग हैं जो विरोधियों का साथ दे रहे हैं. उनका हाथ मजबूत करने का काम कर रहे हैं व्यक्तिगत मोह के कारण पुत्र के चक्कर में पड़कर पार्टी के गद्दारी करने का काम कर रहे हैं. ऐसे लोगों से सिमरी बख्तियारपुर की जनता को सावधान रहने की जरूरत है उन्हें सबक सिखाने की जरूरत है.
बेटे को राजद में किया शामिल
बता दें कि लोजपा सांसद महबूब अली कैसर ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपने बेटे का भविष्य लोजपा में ना देखते हुए बेटे को राजद में शामिल करा दिया. इसके बाद तेजस्वी यादव से मिलकर उन्हें सिमरी बख्तियारपुर क्षेत्र से टिकट भी दिलवा दिया. लोजपा के सांसद के पुत्र युसूफ सलाउद्दीन राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और लगातार पिता पुत्र मिलकर प्रचार-प्रसार करते हुए नजर आ रहे थे. सवाल यही खड़ा हो रहा है कि आखिर चिराग पासवान जो लगातार बिहार सरकार और खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर दिख रहे थे. ऐसे में वह अपने ही पार्टी के खिलाफ कार्य कर रहे सांसद के खिलाफ एक्शन नहीं ले पा रहे हैं.