ETV Bharat / state

कालाजार से मुक्त हुआ खगड़िया, बोले सिविल सर्जन- सरकारी योजनाओं से मिली सफलता

सिविल सर्जन का कहना है कि कालाजार से लड़ने के लिए बिहार और केंद्र सरकार दोनों की ओर से योजनाए चलाई जाती है. जहां केंद्र सरकार के तरफ से राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जाता है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना चालाई जाती है.

खगड़िया जिला हुआ कालाजार मुक्त
author img

By

Published : Sep 8, 2019, 4:25 AM IST

खगड़िया: जिला कालाजार मुक्त हो चुका है. इस बबात सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल का कहना है कि जिले में इस बीमारी को खत्म करना एक चुनौतीपुर्ण कार्य था. लेकिन जिले में लगातार कालाजार से संबंधित योजनाओं को सफलतापूर्वक संचालित कर और लोगों के बीच जागरूकता फैला कर इस घातक बीमारी पर जीत पाने में हम सफल हुए हैं.

जिला में पूर्व में चलाया गया कालाजार अभियान
जिला में पूर्व में चलाया गया कालाजार अभियान

जिले में मात्र 20 कालाजार रोगी है
कालाजार जैसी खतरनाक बीमारी से जिले में जहां पहले हर साल 200 से 300 कालाजार के मरीज पाए जाते थे. वह अब यह संख्या घटकर मात्र 20 रह गई है. सिविल सर्जन का कहना है कि कालाजार से लड़ने के लिए बिहार और केंद्र सरकार दोनों की ओर से योजनाए चलाई जाती है. जहां केंद्र सरकार के तरफ से राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जाता है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना चलाई जाती है.

सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल
सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल

क्या है कालाजार
कालाजार एक संक्रमण बीमारी है जो परजीवी लिश्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है. कालाजार का परजीवी बालू मक्खी के कारण फैलता है. इस परजीवी का जीवन चक्र मनुष्य और बालू मक्खी के ऊपर निर्भर करता है. यह परजीवी अपने जीवन का ज्यादातर समय मनुष्यों के शरीर में रहकर बिताता है. बालू मक्खी कम रौशनी वाली और नम जगहों- जैसे कि मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों तथा नम मिट्टी में रहती है.

खगड़िया जिला हुआ कालाजार मुक्त

कैसे करें कालाजार को नियंत्रित

  • अपने घरों की भीतरी दीवारों और मवेशी रहने वाले जगहों पर कीटनाशक का छिड़काव कराएं.
  • अपने आस-पास स्वच्छता रखें
  • मच्छरदानी का प्रयोग करें
  • पूरे कपड़े पहन कर शरीर को ढ़के रखें
  • ज्यादा दिन तक बुखार रहने पर फौरन जांच नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच करवांए

खगड़िया: जिला कालाजार मुक्त हो चुका है. इस बबात सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल का कहना है कि जिले में इस बीमारी को खत्म करना एक चुनौतीपुर्ण कार्य था. लेकिन जिले में लगातार कालाजार से संबंधित योजनाओं को सफलतापूर्वक संचालित कर और लोगों के बीच जागरूकता फैला कर इस घातक बीमारी पर जीत पाने में हम सफल हुए हैं.

जिला में पूर्व में चलाया गया कालाजार अभियान
जिला में पूर्व में चलाया गया कालाजार अभियान

जिले में मात्र 20 कालाजार रोगी है
कालाजार जैसी खतरनाक बीमारी से जिले में जहां पहले हर साल 200 से 300 कालाजार के मरीज पाए जाते थे. वह अब यह संख्या घटकर मात्र 20 रह गई है. सिविल सर्जन का कहना है कि कालाजार से लड़ने के लिए बिहार और केंद्र सरकार दोनों की ओर से योजनाए चलाई जाती है. जहां केंद्र सरकार के तरफ से राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जाता है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना चलाई जाती है.

सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल
सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल

क्या है कालाजार
कालाजार एक संक्रमण बीमारी है जो परजीवी लिश्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है. कालाजार का परजीवी बालू मक्खी के कारण फैलता है. इस परजीवी का जीवन चक्र मनुष्य और बालू मक्खी के ऊपर निर्भर करता है. यह परजीवी अपने जीवन का ज्यादातर समय मनुष्यों के शरीर में रहकर बिताता है. बालू मक्खी कम रौशनी वाली और नम जगहों- जैसे कि मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों तथा नम मिट्टी में रहती है.

खगड़िया जिला हुआ कालाजार मुक्त

कैसे करें कालाजार को नियंत्रित

  • अपने घरों की भीतरी दीवारों और मवेशी रहने वाले जगहों पर कीटनाशक का छिड़काव कराएं.
  • अपने आस-पास स्वच्छता रखें
  • मच्छरदानी का प्रयोग करें
  • पूरे कपड़े पहन कर शरीर को ढ़के रखें
  • ज्यादा दिन तक बुखार रहने पर फौरन जांच नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच करवांए
Intro:कालाजार जैसी खतरनाक बीमारी से इस साल खगडिया मुक्त हो चुका है जंहा हर साल 200 से 300 कालाजार के मरीज पाए जाते थे अब वो गिनती के 20 राह गए है


Body:कालाजार जैसी खतरनाक बीमारी से इस साल खगडिया मुक्त हो चुका है। जंहा हर साल 200 से 300 कालाजार के मरीज पाए जाते थे अब वो गिनती के 20 राह गए है।

कालाजार से लड़ने के लिए बिहार व केंद्र सरकार की योजनायें चलाई जाती है ।राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यकम्र के नाम से केंद्र सरकार की योजना चलाई जाती है। इस योजना के तहत महामारी वाली बीमारी कालाजार से लड़ने में अहम योगदान रहा।वंही बिहार सरकार की योजना है जो मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के नाम से कालाजार मरीजो के लिए चलाई जाती है।
खगडिया सदर अस्पताल के सिविल सर्जन दिनेश कुमार निर्मल का कहना है कि इस बीमारी को जड़ से खत्म करना एक वार जैसा रहा सरकार के लिए लेकिन लगातार योजनाओं को संचालित कर के और लोगो मे जागरूकता फैला कर हम इस बीमारी के ऊपर जीत पाने में सक्षम हुए।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की माने तो ये इस बीमारी में जितने मरीज पूरे भारत मे पाए जाते है।उसमे 80 प्रतिशत मरीज सिर्फ बिहार में मिलते है लेकिन अब समय बदल गया।

कैसे होता है कालाजार
डॉक्टरों के दिये जानकारी के अनुसार बालू मक्खी के काटने और आसपास गन्दगी होने के वजह से होता है कालाजार।कालाजार का उपचार पहले के दिनों में बहुत मुश्किल हुआ करता था।पहले के समय मे कालाजार के उपचार में 30 दिन का समय लगता था लेकिन आज सरकार की योजनाओं के बदौलत सिर्फ एक दिन में किया जाता है इसका ईलाज।आप को बता दे कि एक मरीज को ठीक करने में सरकार का एक लाख रुपये का खर्च आता है।एक रैपिड डंगोस्टिक किट (RDT) होता है ये एक प्रकार का इंजेक्टसन है जो पानी के सहारे कालाजार के मरीज को चढ़ाया जाता है और इसमें भी खास ये है कि ये निजी डॉक्टरों के पास उपलब्ध नही रहती है।

सरकार किस तरह से पहल कर रही है इस बिमारी से लड़ने में
भारत सरकार की राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग निंयत्रण कार्यक्रम एयर बिहार सरकार की मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत स्प्रे किया जाता है। जंहा भी कालाजार बीमारी होने की शंका होती है वंहा सदर अस्पताल के टीम द्वारा स्प्रे किया जाता है साथ ही अस्थनये लोगो को जगरुक्त किया जाता है

क्या है तरीका कालाजार जैसी बीमारी से दूर रहने का
1. मच्छरदानी का प्रयोग
2. अपने आस पास साफ सफाई रखना
3. पूरे कपड़े पहन कर शरीर को ढके रखना
4. जैसे ही बुखार लगे और ज्यादा दिन तक रहे उस समय आरके 39 नामक जांच कराना

कैसे बचें कालाजार जैसी खतरनाक बीमारी से
सबसे पहले अपने आसपास सफाई रखा जाय।




Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.