मधेपुरा: देश आज 'मिसाइल मैन' के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती मना रहा है. जिला मुख्यालय स्थित कलाम पार्क में भी जयंती समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में आरजेडी विधायक चंद्रशेखर यादव समेत कई अन्य गणमान्य लोगों ने डॉ.कलाम की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
'कलाम देश के लिए प्रेरणा'
इस अवसर पर सदर विधायक ने लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम देश वासियों के लिए एक प्रेरणा है. विश्व इतिहास के मानचित्र पर उनका अमिट हस्ताक्षर हमेशा सदैव मौजूद रहेगा. इस दौरान उन्होंने संगीत के क्षेत्र में अपनी कृति स्थापित करने वाली शिवाली को सम्मानित किया.
अभाव में गुजारा था अपना जीवन
डॉ. कलाम को पूरी दुनिया मिसाइलमैन के नाम से जानती है. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था. उनका पूरा जीवन हमें एक अलग ही प्रेरणा देता है. अभाव में पले-बढ़े डॉ.कलाम मदरसे में पढ़ने के बाद अखबार बेचते थे. उन्होंने बचपन में ही आत्मनिर्भर रहने का हुनर सीख लिया था. आगे चलकर उन्होंने भौतिकी और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और इसरो पहुंचकर भारत के मिसाइल प्रोग्राम में अहम योगदान दिया. इसके बाद साल 2002 से 2007 तक भारते के 11वें राष्ट्रपति के रूप में देशी की सेवा की. लोगों से जुड़ाव होने के कारण उन्हें 'पिपुल्स प्रेजिडेंट' के नाम से भी जाना जाता है.
1997 में मिला था सर्वोच्च नागरिक सम्मान
डॉ. कलाम को देश के प्रति उनके किए कार्यों के लिए 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण और 1997 में भारत रत्न प्रदान किया. भारत के सर्वोच्च पर पद पर नियुक्ति से पहले भारत रत्न पाने वाले कलाम देश के केवल तीसरे राष्ट्रपति हैं. उनसे पहले यह मुकाम सर्वपल्ली राधाकृष्णन और जाकिर हुसैन ने हासिल किया था.