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खगड़िया DM ने पूरी रात मौजूद रहकर करवाया कटाव निरोधी कार्य, टूटने से बचा बांध

बांध में कटाव की खबर के बाद डीएम आलोक रंजन घोष ने खुद पूरी रात बागडोर संभाले रखा. पूरी रात डीएम और अन्य अधिकारियों को मौजूदगी में कटाव निरोधी कार्य जारी रहा. डीएम को मौजूद देख ग्रामीण भी उत्साह में रात भर डीएम के साथ बांध को दुरुस्त करने में जुटे रहे.

खगड़िया
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Published : Aug 7, 2020, 6:46 PM IST

खगड़िया: बिहार में बाढ़ का प्रलय अभी थमा नहीं है. जिले से होकर गुजरने वाली नदी कोसी, बागमती और बुढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अभी भी बढ़ोतरी जारी है. इलाके को बाढ़ से बचाने के लिए नदी के तटबंधों पर जो बांध बनाए गए हैं, उस पर दिन-प्रतिदिन दबाव बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में पानी के बढ़ते दबाव के कारण सदर प्रखंड के चन्द्रपुरा बांध में कटाव की खबरें सामने आई.

डीएम आलोक रंजन और एसपी मीनू कुमारी
डीएम आलोक रंजन और एसपी मीनू कुमारी

बांध में कटाव की खबर के बाद इलाके के लोग ऊंचे स्थान की और अपने पशु और जरूरत के सामान के साथ पलायन करने लगे. हालांकि, बांध में कटाव की भनक जैसे ही जिले के डीएम आलोक रंजन को लगी, वे जिला प्रशासन की टीम के साथ मिलकर बांध को दुरुस्त कराने में जुट गए.

पूरी रात जारी रहा कटाव निरोधी कार्य
पूरी रात जारी रहा कटाव निरोधी कार्य

डीएम ने बांध को करवाया दुरुस्त
बांध में कटाव की खबर के बाद डीएम आलोक रंजन घोष ने खुद पूरी रात बागडोर संभाले रखा. पूरी रात डीएम और अन्य अधिकारियों को मौजूदगी में कटाव निरोधी कार्य जारी रहा. डीएम को मौजूद देख ग्रामीण भी उत्साह में रात भर डीएम के साथ बांध को दुरुस्त करने में जुटे रहे. आसपास के ग्रामीणों का जिला प्रशासन की टीम को भरपूर सहयोग मिला. बांध को सुरक्षित करने के लिए जियो बैग में मिट्टी, बालू और सीमेंट भरकर कटाव स्थल पर भरा गया. जिसके बाद कटाव पर काबू पा लिया गया.

जियो बैग में मिट्टी भरते ग्रामीण
जियो बैग में मिट्टी भरते ग्रामीण

मौके पर डीएम आलोक रंजन के साथ खगड़िया पुलिस अधिक्षक मीनू कुमारी और जिला प्रशासन के कई वरीय अधिकारी मौजूद रहें. बता दें कि कोसी के जलस्तर में वृद्धि से नदी किनारे बसे ग्रामीण भयभीत हैं. ग्रामीणों को कहना है कि कोसी में बीते एक सप्ताह से धीरे-धीरे कटाव हो रहा था. कटाव से सैकड़ों एकड़ उपजाऊ नदी के गर्भ में समा चुकी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

हर साल बाढ़ की त्रासदी
बताते चले कि गोगरी प्रखंड क्षेत्र में गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है. मुंगेर दियारा क्षेत्र के झौआबहियार हरिणमार सहित गोगरी के सात पंचायतों पर खतरा मंडराने लगा है. जीएन बांध के अंदर बसे बौरनापुरा पंचायत गोगरी का इमादपुर, बिंदटोली, लतामबाड़ी, ब्रह्मटोला, इटहरी का कटघरा दियरा, आश्रमटोला, भुड़िया, बन्नी झिकटिया, रामपुर आदि पर खतरा मंडराने लगा है. कोसी में पानी बढ़ने से वलतार, पौरा, कोयला और देवठा पंचायत के अलावे कई अन्य पंचायत भी प्रभावित होता है.

खगड़िया: बिहार में बाढ़ का प्रलय अभी थमा नहीं है. जिले से होकर गुजरने वाली नदी कोसी, बागमती और बुढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में अभी भी बढ़ोतरी जारी है. इलाके को बाढ़ से बचाने के लिए नदी के तटबंधों पर जो बांध बनाए गए हैं, उस पर दिन-प्रतिदिन दबाव बढ़ता जा रहा है. इसी क्रम में पानी के बढ़ते दबाव के कारण सदर प्रखंड के चन्द्रपुरा बांध में कटाव की खबरें सामने आई.

डीएम आलोक रंजन और एसपी मीनू कुमारी
डीएम आलोक रंजन और एसपी मीनू कुमारी

बांध में कटाव की खबर के बाद इलाके के लोग ऊंचे स्थान की और अपने पशु और जरूरत के सामान के साथ पलायन करने लगे. हालांकि, बांध में कटाव की भनक जैसे ही जिले के डीएम आलोक रंजन को लगी, वे जिला प्रशासन की टीम के साथ मिलकर बांध को दुरुस्त कराने में जुट गए.

पूरी रात जारी रहा कटाव निरोधी कार्य
पूरी रात जारी रहा कटाव निरोधी कार्य

डीएम ने बांध को करवाया दुरुस्त
बांध में कटाव की खबर के बाद डीएम आलोक रंजन घोष ने खुद पूरी रात बागडोर संभाले रखा. पूरी रात डीएम और अन्य अधिकारियों को मौजूदगी में कटाव निरोधी कार्य जारी रहा. डीएम को मौजूद देख ग्रामीण भी उत्साह में रात भर डीएम के साथ बांध को दुरुस्त करने में जुटे रहे. आसपास के ग्रामीणों का जिला प्रशासन की टीम को भरपूर सहयोग मिला. बांध को सुरक्षित करने के लिए जियो बैग में मिट्टी, बालू और सीमेंट भरकर कटाव स्थल पर भरा गया. जिसके बाद कटाव पर काबू पा लिया गया.

जियो बैग में मिट्टी भरते ग्रामीण
जियो बैग में मिट्टी भरते ग्रामीण

मौके पर डीएम आलोक रंजन के साथ खगड़िया पुलिस अधिक्षक मीनू कुमारी और जिला प्रशासन के कई वरीय अधिकारी मौजूद रहें. बता दें कि कोसी के जलस्तर में वृद्धि से नदी किनारे बसे ग्रामीण भयभीत हैं. ग्रामीणों को कहना है कि कोसी में बीते एक सप्ताह से धीरे-धीरे कटाव हो रहा था. कटाव से सैकड़ों एकड़ उपजाऊ नदी के गर्भ में समा चुकी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

हर साल बाढ़ की त्रासदी
बताते चले कि गोगरी प्रखंड क्षेत्र में गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है. मुंगेर दियारा क्षेत्र के झौआबहियार हरिणमार सहित गोगरी के सात पंचायतों पर खतरा मंडराने लगा है. जीएन बांध के अंदर बसे बौरनापुरा पंचायत गोगरी का इमादपुर, बिंदटोली, लतामबाड़ी, ब्रह्मटोला, इटहरी का कटघरा दियरा, आश्रमटोला, भुड़िया, बन्नी झिकटिया, रामपुर आदि पर खतरा मंडराने लगा है. कोसी में पानी बढ़ने से वलतार, पौरा, कोयला और देवठा पंचायत के अलावे कई अन्य पंचायत भी प्रभावित होता है.

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