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खगड़िया: एक साल से बंद पड़ा है आंगनबाड़ी केंद्र, लोगों ने जिला प्रशासन पर लगाया आरोप

खगड़िया के खर्राधार गांव के बच्चे शिक्षा से कोशों दूर हैं. यहां स्थित आंगनबाड़ी केंद्र लगभग एक साल से बंद पड़ा हुआ है. स्थानीय लोगों ने इस मामले में जिला प्रशासन को दोषी बताया है.

आंगनबाड़ी
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Published : Nov 19, 2019, 4:05 AM IST

खगड़िया: जिले में लगभग एक साल से एक आंगनबाड़ी केंद्र के बंद होने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि सहायिका नहीं होने की वजह से आंगनबाड़ी बंद पड़ा हुआ है. संबंधित विभाग को कई बार इस बात की सूचना भी दी गई, लेकिन अबतक यहां कोई सहायिका की नियुक्ति नहीं की गई.

आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका की कमी
यह मामला खगड़िया प्रखंड के खर्राधार गांव का है, जहां आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 332 लगभग एक साल से बंद पड़ा हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वहां की सहायिका दूसरी शादी कर कहीं और चली गई, जिसके बाद से यह केंद्र सहायिका नहीं होने की वजह से बंद पड़ा हुआ है. लोगों ने बताया कि इस घटना को बीते एक साल से ज्यादा हो गए, फिर भी केंद्र में नई सहायिका की नियुक्ति नहीं की गई.

आंगनबाड़ी की स्थिति

जल्द खुलेगा आंगनबाड़ी
खर्राधार गांव के बच्चे शिक्षा से अभी भी कोशों दूर हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के बंद होने की सूचना संबंधित विभाग को कई महीने पहले दी गई थी. फिर भी विभाग की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं, संबंधित पदाधिकारी ने बताया कि कुछ दिन पहले हीं उन्हें इस बात की जानकारी मिली. उन्होंने बहुत जल्द नई सहायिका की बहाली कर आंगनबाड़ी को फिर से खोलने की बात कही.

यह भी देखें- बिहार में प्रदूषण का कहर, 315 AQI के साथ देश में पहले स्थान पर मुजफ्फरपुर

खगड़िया: जिले में लगभग एक साल से एक आंगनबाड़ी केंद्र के बंद होने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि सहायिका नहीं होने की वजह से आंगनबाड़ी बंद पड़ा हुआ है. संबंधित विभाग को कई बार इस बात की सूचना भी दी गई, लेकिन अबतक यहां कोई सहायिका की नियुक्ति नहीं की गई.

आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका की कमी
यह मामला खगड़िया प्रखंड के खर्राधार गांव का है, जहां आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 332 लगभग एक साल से बंद पड़ा हुआ है. स्थानीय लोगों का कहना है कि वहां की सहायिका दूसरी शादी कर कहीं और चली गई, जिसके बाद से यह केंद्र सहायिका नहीं होने की वजह से बंद पड़ा हुआ है. लोगों ने बताया कि इस घटना को बीते एक साल से ज्यादा हो गए, फिर भी केंद्र में नई सहायिका की नियुक्ति नहीं की गई.

आंगनबाड़ी की स्थिति

जल्द खुलेगा आंगनबाड़ी
खर्राधार गांव के बच्चे शिक्षा से अभी भी कोशों दूर हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के बंद होने की सूचना संबंधित विभाग को कई महीने पहले दी गई थी. फिर भी विभाग की ओर से अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं, संबंधित पदाधिकारी ने बताया कि कुछ दिन पहले हीं उन्हें इस बात की जानकारी मिली. उन्होंने बहुत जल्द नई सहायिका की बहाली कर आंगनबाड़ी को फिर से खोलने की बात कही.

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Intro:बीते एक साल से खगड़िया का एक अनंगबाड़ी केंद्र है बंद
सहायिका के नही होने के वजह से बंद पड़ा है आनंगनबाड़ी केंद्र


Body:बीते एक साल से खगड़िया का एक अनंगबाड़ी केंद्र है बंद
सहायिका के नही होने के वजह से बंद पड़ा है आनंगनबाड़ी केंद्र।
खगड़िया के खर्राधार गांव के केन्द्रसंख्या 332 बीते एक साल से इसलिये बंद पड़ा है क्यों कि वंहा की सहायिका दूसरी शादी कर के कहीं और चली गई है लेकिन इसमें दुर्भाग्य की बात ये है कि इसकी जानकारी विभाग को कई महीनों से है फिर भी केंद्र पर अब तक सहायिका की नियुक्ति नही की गई है।
खर्राधार गांव महादलितों का गांव है जंहा पर शिक्षा अभी भी कोशो दूर है और सरकार की जो कोशिस है हर वर्ग को शिक्षित करना और विकशित करना इसको अस्थानिये जिला प्रसाशन के अधिकारियों के वजह से सिर्फ कागज पर ही विकशित और शिक्षित किया जा रहा है।
खर्राधार के महादलित ग्रामीण कहते है कि बीते एक साल से यंहा का आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़ा है और इसकी सूचना सम्बंधित वीभग को कई महीने पहले ही दे दी गई है फिर भी अब तक कोई पहल नही किया गया ।ग्रामीणों का जिला प्रसाशन पर आरोप है कि यंहा के महादलितों को जान बूझ कर अनदेखा किया जाता है ताकि हमारे समाज के बच्चे विकशित नही हो।अस्थानिये महिलाओं ने बताया कि जब आंगनबाड़ी संचालित होता था तब बच्चे नियमित रूप से जा कर आंगनबाड़ी में बैठते थे और कुछ ना कुछ सीखते थे लेकिन पहले यंहा की सहायिका ने लापरवाही की और बच्चो के बारे में बिना सोचे ही दूसरी शादी कर के यंहा से चली गई उसके बाद सम्बंधित विभाग की लापरवाही अभी भी जारी है वंही जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मीना सिंह ने कैमरे पर कुछ बताने से इंकार कर दी और ऑफ कैमरा उनका कहना था कि इस बारे में अब्बी कुछ दिन पहले ही हमे जानकारी मिली है कि वंहा सहायिका नही है। नय बहाली की प्रक्रिया की जा रही है बहुत जल्द वंहा सहायिका की बहाली कर अनागनबाड़ी को खोला जायगा
अस्थानिये पुरुष की बाइट-राम प्रसाद
आंगनबाड़ी सेविका की बाईट -सरस्वती देवी


Conclusion:
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