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यहां के युवा ऐसे करते हैं NEW YEAR सेलिब्रेशन, 20 सालों से गरीबों को कंबल बांट खिलाते हैं खाना

आयोजक राजेश कुमार सिंह बताते हैं कि जरुरतमंदों की जिन्दगी में नया-पुराना कुछ नहीं होता. इसलिए साल के आखिरी दिन हम ऐसा आयोजन करते हैं ताकि इनके चेहरे पर खुशी बनी रहे.

गरीब-गुरबों को पेट भर खाना खिलाती है युवाओं की टोली
गरीब-गुरबों को पेट भर खाना खिलाती है युवाओं की टोली
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Published : Jan 1, 2020, 8:06 AM IST

कटिहार: मंगलवार को पूरा देश नए साल के स्वागत के लिए जोरों-शोरों से तैयारियां करता नजर आया. साल के आखिरी दिन जश्न मनाने के लिए खासे इंतजाम किए गए. इस बीच कटिहार में युवाओं की टोली ने कुछ अलग अंदाज में 31 दिसंबर सेलिब्रेट किया. अपनी पॉकिट मनी से युवाओं ने गरीब लोगों को खाना खिलाया और गर्म कपड़ों का वितरण किया.

दिलचस्प बात ये है कि युवाओं का ये ग्रुप पिछले 20 सालों से इसी अंदाज में न्यू ईयर मनाता है. ग्रुप के युवा अपनी पॉकेट मनी से गरीब, असहायों को नए साल के मौके पर पेट भर खाना खिलाते हैं, उसके बाद अपने और आसपास के घरों में रहने वाले लोगों से पुराने कपड़े इकट्ठा कर जरूरदमंदों को बांटते हैं.

KATIHAR
पेट भर खाना मिलने से खुश दिखे लोग

ऐसा कर देना चाहते हैं समरसता का संदेश
कटिहार के मिरचाईबाड़ी इलाका के युवाओं से जब इस अनूठे न्यू ईयर सेलिब्रेशन की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि नए साल में हर कोई अपने करीबी और परिवार वालों के साथ रहना चाहता है. ऐसे में इन गरीब असहायों की कोई नहीं सुनता, इसलिए ये ग्रुप जरुरदमंदों के साथ सालों से नया साल मनाता आ रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: HAPPY NEW YEAR 2020 : बिहार में नए साल का जश्न

क्या बोले आयोजक?
आयोजक राजेश कुमार सिंह बताते हैं कि जरुरतमंदों की जिन्दगी में नया-पुराना कुछ नहीं होता. बस सुबह उठना है और दो जून की रोटी के लिए कड़ी मशक्कत करनी है. ना कोई खुशी और ना कोई गम. न्यू ईयर के दिन इनकी भी नई शुरुआत हो इसलिए साल के आखिरी दिन हम ऐसा आयोजन करते हैं ताकि इनके चेहरे पर खुशी बनी रहे. वहीं, पेट भर भोजन पाकर खुश सुनैना देवी ने कहा कि ऐसा काम सराहनीय है. वे नए साल में इनके और पूरे देश के लिए दुआ करेंगी.

कटिहार: मंगलवार को पूरा देश नए साल के स्वागत के लिए जोरों-शोरों से तैयारियां करता नजर आया. साल के आखिरी दिन जश्न मनाने के लिए खासे इंतजाम किए गए. इस बीच कटिहार में युवाओं की टोली ने कुछ अलग अंदाज में 31 दिसंबर सेलिब्रेट किया. अपनी पॉकिट मनी से युवाओं ने गरीब लोगों को खाना खिलाया और गर्म कपड़ों का वितरण किया.

दिलचस्प बात ये है कि युवाओं का ये ग्रुप पिछले 20 सालों से इसी अंदाज में न्यू ईयर मनाता है. ग्रुप के युवा अपनी पॉकेट मनी से गरीब, असहायों को नए साल के मौके पर पेट भर खाना खिलाते हैं, उसके बाद अपने और आसपास के घरों में रहने वाले लोगों से पुराने कपड़े इकट्ठा कर जरूरदमंदों को बांटते हैं.

KATIHAR
पेट भर खाना मिलने से खुश दिखे लोग

ऐसा कर देना चाहते हैं समरसता का संदेश
कटिहार के मिरचाईबाड़ी इलाका के युवाओं से जब इस अनूठे न्यू ईयर सेलिब्रेशन की वजह पूछी गई तो उन्होंने कहा कि नए साल में हर कोई अपने करीबी और परिवार वालों के साथ रहना चाहता है. ऐसे में इन गरीब असहायों की कोई नहीं सुनता, इसलिए ये ग्रुप जरुरदमंदों के साथ सालों से नया साल मनाता आ रहा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: HAPPY NEW YEAR 2020 : बिहार में नए साल का जश्न

क्या बोले आयोजक?
आयोजक राजेश कुमार सिंह बताते हैं कि जरुरतमंदों की जिन्दगी में नया-पुराना कुछ नहीं होता. बस सुबह उठना है और दो जून की रोटी के लिए कड़ी मशक्कत करनी है. ना कोई खुशी और ना कोई गम. न्यू ईयर के दिन इनकी भी नई शुरुआत हो इसलिए साल के आखिरी दिन हम ऐसा आयोजन करते हैं ताकि इनके चेहरे पर खुशी बनी रहे. वहीं, पेट भर भोजन पाकर खुश सुनैना देवी ने कहा कि ऐसा काम सराहनीय है. वे नए साल में इनके और पूरे देश के लिए दुआ करेंगी.

Intro:अनोखा सेलिब्रेशन - युवा , गरीबों को भोजन करा मनाते हैं नववर्ष ।

........नववर्ष के मौके पर हर कोई अपने तरह से एक दूसरे को सेलिब्रेट कर रहा हैं । कोई दोस्तों के साथ पिकनिक स्पॉट पर घूमने गया हैं तो कोई मोबाइल के व्हाट्सएप पर मैसेज भेज खुशियों में सराबोर हैं लेकिन कटिहार में नववर्ष के मौक़े पर युवाओं की टोली कुछ अलग अंदाज में सेलिब्रेट करती हैं । दरअसल , यह युवा अपने पॉकेटमनी से गरीब , निःसहायो को नववर्ष आने के उपलक्ष्य पर भरपेट भोजन कराती हैं । इतना ही नहीं , युवाओं की यह टोली अपने और आसपास के घरों में पहनने वाले पुराने कपड़े का इंतजाम कर जरूरतमंदों के बीच वितरण करती हैं ताकि कड़ाके की शीतलहर से गरीबों की जिन्दगी महफूज रह सकें ......।


Body:बीते बीस वर्षों से चला आ रहा हैं यह सिलसिला भोजन और वस्त्र वितरण कर मनाते हैं नववर्ष ।

यह दृश्य कटिहार के मिरचाईबाड़ी इलाके का हैं जहाँ गरीबों और बेसहारों के लिये भोज का आयोजन किया गया हैं । दरअसल , इस आयोजन के पीछे एक - दूसरे को न्यू ईयर सेलिब्रेशन करना हैं । युवाओं की टोली अपने पॉकेटमनी से नववर्ष के मौके पर वर्ष के अंतिम दिन भोजन का इंतजाम की हैं जिसमें पूरी , सब्जी , दाल और बुंदिया थी । आयोजक राजेश कुमार सिंह बताते हैं कि हर लोग नये साल का एक - दूसरे को सेलिब्रेट करते हैं लेकिन गरीबों की ओर कोई सुनता । इनकी जिन्दगी में नया - पुराना कुछ नहीं होता......बस , सुबह उठना हैं , दो जून की रोटी के इंतजाम के लिये मशक्कत करनी हैं और फिर सो जाना हैं......। ना कोई खुशी और ना कोई गम.....। हैप्पी न्यू ईयर का इन्हें मालूम भी नहीं होता ....। हम सभी की कोशिश हैं कि क्यों ना हम इस बेजान जिन्दगी में खुशियों के दो पल बिखेरे ताकि गरीब - अमीर का फासला पलभर के लिये खत्म हो जाये । इसी कारण हमलोग बीते बीस वर्षों से साल के अंत मे भोज का आयोजन करते हैं जो देर रात तक चलता हैं ......। स्थानीय सुशांत दत्ता बताते हैं कि यह कोशिश भले ही थोड़ी देर की हों लेकिन नये साल के जश्न में हम सभी को दोगुनी ऊर्जा दे डालता हैं .....। भोजन पाकर सुनैना देवी काफी खुश दिखी और सब के लिये दुआयें की......।


Conclusion:सामाजिक सरोकार से जुड़े कटिहार के युवाओं की अनोखा अंदाज ।



सामाजिक सरोकार से जुड़ी कटिहार के युवाओं की यह यूनिक न्यू ईयर सेलिब्रेशन हमारे लिये एक उदाहरण भी हैं क्योंकि भागती - दौड़ती दुनिया मे हमारे पास एक पल भी टूटे , बेसहारों के लिये नहीं हैं । उस बीच में न्यू ईयर सेलिब्रेशन का अनोखा अंदाज सचमुच में सराहनीय हैं ......।
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