कटिहार: राष्ट्रीय जनता दल (RJD ) ने सरकार पर बड़ा हमला बोला है. आरजेडी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रो.अब्दुल खालिद (prof. Abdul Khalid) ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार में देश को बेचने की साजिश चल रही है और सरकारी विभागों के निजीकरण से करोड़ों युवा बेरोजगार हो चुके हैं.
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मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रदेश आरजेडी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रो.अब्दुल खालिद ने कहा कि मोदी सरकार में देश प्राइवेट सेक्टर के हाथों में दिया जा रहा है. देश को बेचने की साजिश चल रही है.
"देश बिक्री की ओर बढ़ रहा है. देश के संस्थानों को बेचा जा रहा है. रेलवे प्राइवेट सेक्टर में डाल दिये गये. हवाई अड्डा बेचा जा रहा है. मल्टीनेशनल कंपनियों से हजारों लोग बेरोजगार हो गये. पांच साल में नौकरी की जो संभावनाएं थी, वह भी खत्म हो गयी."- प्रो.अब्दुल खालिद, प्रदेश अध्यक्ष,आरजेडी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ
अब्दुल खालिद ने कहा कि सरकार को बताना चाहिये कि अब तक कितने लोगों को रोजगार मिला है. उन्होंने कहा कि क्या बिहार से पलायन रुक गया है. सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं है. लगातार बिहार के लोग पलायन कर दूसरे राज्यों में काम करने के लिये जाने को मजबूर हैं.
बता दें कि प्रदेश आरजेडी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष प्रो.अब्दुल खालिद ने मोहम्मद जफर इकबाल को प्रदेश सचिव बनाने की घोषणा की है. इस मौके पर राज्यसभा सदस्य अहमद अशफाक करीम भी मौजूद थे.
दरअसल केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रूट, स्टेडियम, वेयरहाउस, पावर ग्रिड पाइपलाइन जैसी सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में देने की पूरी तैयारी कर चुकी है. बीएसएनएल और एमटीएनएल जैसे संस्थानों के बाद मोदी सरकार ने एक साथ रोडवेज, देश की रीढ़ कही जाने वाली रेलवे, गेल की पाइप लाइन, पेट्रोलियम की पाइपलाइन व वेयरहाउसिंग को भी निजी हाथों में देने की योजना बनाई है. इसे लेकर आरजेडी ने सरकार पर निशाना साधा है.
हालांकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने साफ किया है कि इन एसेट का ओनरशिप सरकार के पास ही रहेगा, बस इन्हें कमाने के लिए ही कंपनियों को दिया जाएगा, जिसे वे कुछ साल के बाद वापस कर देंगे. हमारी नीति बेचने के बारे में नहीं है. केंद्र सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रूट, स्टेडियम, वेयरहाउस, पावर ग्रिड पाइपलाइन जैसी सरकारी बुनियादी ढांचा संपत्तियों को निजी क्षेत्र को कमाई के लिए लीज पर देकर केंद्र की मोदी सरकार करीब 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है.
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