कटिहार: बिहार लोक सेवा आयोग में भ्रष्टाचार मामले में युवा आरजेडी छात्र संगठन ने सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे राम किशोर सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. इस दौरान छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन करने का अनोखा हथकंडा अपनाया. छात्रों ने बाटा रेलवे स्टेशन के पास चाय बेचकर सरकार के खिलाफ धरना दिया.
आरजेडी छात्रसंघ का आरोप
प्रदर्शन कर रहे आरजेडी छात्र संगठन प्रदेश सचिव आशु पांडे ने कहा कि नीतीश कुमार के शासन में बीपीएससी का सदस्य अभ्यार्थी को घर में बुलाकर रिश्वत की मांग करते हैं. ऐसे में जो मेधावी छात्र हैं उनका भविष्य गर्त में जा रहा है. चाय बेचकर धरना के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब बीए और एमए कर अपनी प्रतिभा पर नौकरी नहीं लगेगी, क्योंकि भ्रष्टाचार का बोलबाला है, तो चाय बेचकर ही गुजारा करना पड़ेगा.
आंदोलन की चेतावनी?
आशु पांडे ने बताया कि राम किशोर सिंह बीजेपी से एमएलसी हैं और यूपीएससी इंटरव्यू बोर्ड में बैठते हैं. जहां, वह पैसे लेकर लोगों को डीएसपी बनाते हैं. जिसके कारण बिहार के मेधावी छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है. साथ ही बिहार पुलिस-प्रशासन में भ्रष्टाचारी अभ्यर्थी डीएसपी बन जाते हैं. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा वह बिहार में कानून व्यवस्था को क्या संभालेगा? आशु पांडे ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर बिहार सरकार राम किशोर सिंह को गिरफ्तार नहीं करती है या फिर पूरे मामले की जांच सीबीआई से नहीं कराती है तो बिहार के युवा छात्र सड़क पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे.
क्या है मामला?
बता दें कि बीपीएससी में भ्रष्टाचार मामले में राम किशोर सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है. एमएलसी पर आरोप है कि बीपीएससी 56वीं से 58वीं संयुक्त परीक्षा में उम्मीदवार को इंटरव्यू में पास कराने के लिए राम किशोर सिंह ने 25 लाख रुपये की मांग की थी. आरोप लगने के बाद निगरानी ब्यूरो ने एफआईआर दर्ज कर लिया है.
क्या हैं जांच सैंपल में ?
जानकारी के अनुसार बीजेपी एमएलसी और कैंडिडेट के बीच हुई पूरी बातचीत को एक गुप्तचर ने रिकॉर्ड कर लिया है. ऑडियो रिकॉर्डिंग की सत्यता की जांच का जिम्मा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सौंपा गया. जानकारी के अनुसार जांच में यह बात प्रमाणित हो गई है कि इस बातचीत में एक तरफ की आवाज बीपीएससी के सदस्य राम किशोर सिंह की है.