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कटिहार: शाहीन बाग की तर्ज पर पिछले 8 दिनों से CAA के खिलाफ जारी है विरोध प्रदर्शन

जामिया यूनिवर्सिटी की छात्रा मोहम्मद रोजी ने बताया कि देश में सीएए की कोई जरूरत नहीं है. जरूरत है तो आज महिलाएं सड़क पर बैठी हैं उनकी सुरक्षा की, शिक्षा की, बेरोजगारी कम करने की.

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8 दिनों से CAA का जारी है विरोध प्रदर्शन
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Published : Jan 31, 2020, 10:10 AM IST

Updated : Jan 31, 2020, 10:22 AM IST

कटिहार: देशभर में हर जगह सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध जारी है. इसी कड़ी में कटिहार जिले में भी दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पिछले 8 दिनों से बलरामपुर प्रखंड के बारसोई बाजार से महिलाएं और बच्चे नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

'30 करोड़ लोग सड़कों पर भूखे रहते हैं'
जामिया यूनिवर्सिटी की छात्रा मोहम्मद रोजी ने बताया कि देश में सीएए की कोई जरूरत नहीं है. जरूरत है तो जो आज महिलाएं सड़क पर बैठी है उनकी सुरक्षा की, शिक्षा की, बेरोजगारी कम करने की. इस देश में बेरोजगारी इस कदर बढ़ गई है कि करीब 30 करोड़ लोग सड़कों पर भूखे रहते हैं. इसीलिए एनआरसी सीएए और एनपीआर के विरोध में हजारों महिलाएं बैठी हुई हैं. सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रही हैं.

'हमारा संविधान खतरे में है'
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आज हमारा संविधान खतरे में है. अपने देश और संविधान को बचाने के लिए हजारों महिलाएं और बच्चे सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार लोगों को नए-नए पैंतरे के जरिए परेशान करती रहती है. कभी 370 के नाम पर तो कभी ट्रिपल तलाक के नाम पर, तो कभी बाबरी मस्जिद पर हमारे खिलाफ फैसला सुनाती है. लेकिन आज हमारे संविधान की बात है जब तक केंद्र सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.

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विरोध प्रदर्शन

'संविधान की हत्या की जा रही है'
स्थानीय बलरामपुर से भाकपा माले विधायक महबूब आलम जो इन प्रदर्शनकारियों के समर्थन में पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि संविधान की हत्या की जा रही है. बाबा साहेब आंबेडकर ने प्रतिज्ञा लिया था कि संविधान में आर्थिक समानता का अधिकार, विचार का अधिकार, पूजा-पाठ का अधिकार और भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश बनाने के संकल्प से छेड़छाड़ किया जा रहा है. इसीलिए संविधान की रक्षा के लिए केंद्र सरकार जो एनआरसी, सीएए कानून लाई है, उसे वापस लेने की मांग करते हैं.

8 दिनों से CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी
बता दें कि पिछले एक महीने से एनआरसी और सीएए को लेकर पूरे देश में विरोध जारी है. जगह जगह पर प्रदर्शन किया जा रहा है, जनसभाएं की जा रही है. ताकि केंद्र सरकार इस कानून को वापस ले. लेकिन देश के गृह मंत्री अमित शाह ने साफ इंकार कर दिया है कि इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा. इस कानून से किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी बावजूद लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

कटिहार: देशभर में हर जगह सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध जारी है. इसी कड़ी में कटिहार जिले में भी दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पिछले 8 दिनों से बलरामपुर प्रखंड के बारसोई बाजार से महिलाएं और बच्चे नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

'30 करोड़ लोग सड़कों पर भूखे रहते हैं'
जामिया यूनिवर्सिटी की छात्रा मोहम्मद रोजी ने बताया कि देश में सीएए की कोई जरूरत नहीं है. जरूरत है तो जो आज महिलाएं सड़क पर बैठी है उनकी सुरक्षा की, शिक्षा की, बेरोजगारी कम करने की. इस देश में बेरोजगारी इस कदर बढ़ गई है कि करीब 30 करोड़ लोग सड़कों पर भूखे रहते हैं. इसीलिए एनआरसी सीएए और एनपीआर के विरोध में हजारों महिलाएं बैठी हुई हैं. सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रही हैं.

'हमारा संविधान खतरे में है'
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आज हमारा संविधान खतरे में है. अपने देश और संविधान को बचाने के लिए हजारों महिलाएं और बच्चे सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार लोगों को नए-नए पैंतरे के जरिए परेशान करती रहती है. कभी 370 के नाम पर तो कभी ट्रिपल तलाक के नाम पर, तो कभी बाबरी मस्जिद पर हमारे खिलाफ फैसला सुनाती है. लेकिन आज हमारे संविधान की बात है जब तक केंद्र सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.

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विरोध प्रदर्शन

'संविधान की हत्या की जा रही है'
स्थानीय बलरामपुर से भाकपा माले विधायक महबूब आलम जो इन प्रदर्शनकारियों के समर्थन में पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि संविधान की हत्या की जा रही है. बाबा साहेब आंबेडकर ने प्रतिज्ञा लिया था कि संविधान में आर्थिक समानता का अधिकार, विचार का अधिकार, पूजा-पाठ का अधिकार और भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश बनाने के संकल्प से छेड़छाड़ किया जा रहा है. इसीलिए संविधान की रक्षा के लिए केंद्र सरकार जो एनआरसी, सीएए कानून लाई है, उसे वापस लेने की मांग करते हैं.

8 दिनों से CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी
बता दें कि पिछले एक महीने से एनआरसी और सीएए को लेकर पूरे देश में विरोध जारी है. जगह जगह पर प्रदर्शन किया जा रहा है, जनसभाएं की जा रही है. ताकि केंद्र सरकार इस कानून को वापस ले. लेकिन देश के गृह मंत्री अमित शाह ने साफ इंकार कर दिया है कि इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा. इस कानून से किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी बावजूद लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

Intro:कटिहार

सीएए और एनआरसी का विरोध जारी, कटिहार में भी शाहीन बाग के तर्ज पर प्रदर्शन जारी, पिछले 8 दिनों से हजारों महिलाएं और बच्चे प्रदर्शन में लिए हुए हैं भाग, केंद्र सरकार से सीएए कानून को वापस लेने की कर रहे हैं मांग, संविधान बचाओ देश बचाओ के बैनर तले कर रहे हैं प्रदर्शन।


Body:ANCHOR_ सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध जारी है। और देश के हर कोने में इस कानून को लेकर प्रदर्शन जारी है। कटिहार जिले में भी दिल्ली के शाहीन बाग के तर्ज पर पिछले 8 दिनों से महिलाएं और बच्चे नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्र सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

V.O1_ जिले के बलरामपुर प्रखंड के बारसोई बाजार जो पश्चिम बंगाल की सीमा से सटा हुआ है और यह इलाका अल्पसंख्यक बहुल इलाका है जहां पिछले 8 दिनों से संविधान बचाओ देश बचाओ के बैनर तले सीएए के विरोध में हजारों महिलाएं और बच्चे दिल्ली की शाहीन बाग के तर्ज पर प्रदर्शन में बैठे हुए हैं।

BYTE1_ जामिया यूनिवर्सिटी की छात्रा जो कटिहार के रहने वाली है इन शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने पहुंची मोहम्मद रोजी बताती है देश में सीएए की कोई जरूरत नहीं है। जरूरत है तो आज महिलाएं सड़क पर बैठी है उनकी सुरक्षा की, शिक्षा की, बेरोजगारी कम करने की। इस देश में बेरोजगारी इस कदर बढ़ गई है कि करीब 30 करोड़ लोग सड़कों पर भूखे रहते हैं इसीलिए एनआरसी सीएए और एनपीआर के विरोध में हजारों महिलाएं बैठी हुई हैं और सरकार से इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

BYTE2_ मौके पर मौजूद अन्य महिला बताती है आज हमारा संविधान खतरे में है अपने देश और संविधान को बचाने के लिए हजारों महिलाएं और बच्चे सड़कों पर हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार लोगों को नए नए पैंतरे के जरिए परेशान करते रहती है कभी 370 के नाम पर तो कभी ट्रिपल तलाक के नाम पर तो कभी बाबरी मस्जिद पर हमारे खिलाफ फैसला सुनाती है। लेकिन आज हमारे संविधान की बात है हमारे देश की बात है जब तक केंद्र सरकार इस काले कानून को वापस नहीं लेती तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा।

BYTE3_स्थानीय बलरामपुर से भाकपा माले विधायक महबूब आलम जो इन प्रदर्शनकारियों के समर्थन में पहुंचे हैं उनका मानना है संविधान की हत्या की जा रही है बाबासाहेब आंबेडकर ने जो प्रतिज्ञा लिया था कि संविधान में आर्थिक समानता का अधिकार, विचार का अधिकार पूजा-पाठ का अधिकार और भारत को एक धर्मनिरपेक्ष देश बनाने का संकल्प उसको छेड़छाड़ किया जा रहा है। इसीलिए संविधान की रक्षा के लिए केंद्र सरकार ने जो एनआरसी, सीएए लाया है उसे वापस लेने की मांग करते हैं।


Conclusion:पिछले डेढ़ महीने से एनआरसी और सीएए को लेकर पूरे देश में विरोध जारी है जगह जगह पर प्रदर्शन किया जा रहा है जनसभाएं की जा रही है ताकि केंद्र सरकार इस कानून को वापस ले। लेकिन देश के गृह मंत्री अमित शाह जी ने साफ इंकार कर दिया है कि इस कानून को वापस नहीं लिया जाएगा और इस कानून से किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी बावजूद लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं और इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। अब देखना दिलचस्प होगा पिछले डेढ़ महीने से जो लोग सड़कों पर उतर कर आवाजें उठा रहे हैं प्रदर्शन कर रहे हैं उसका कितना असर केंद्र सरकार पर पड़ता है।
Last Updated : Jan 31, 2020, 10:22 AM IST
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