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कटिहार: शराब तस्कर गिरफ्तार, गाड़ी पर 'POLICE' का स्टीकर लगाकर करता था तस्करी - सदर एसडीपीओ अनिल कुमार

सनोज पासवान इससे पहले भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है. उसका कहना है कि वह भाड़े पर स्कॉर्पियो लेकर तस्करी करता था. जिसके बदले में गाड़ी मालिक को प्रतिदिन 10 हजार रुपये देता था.

कटिहार
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Published : Sep 23, 2019, 10:14 AM IST

कटिहारः जिले की पुलिस ने शराब तस्कर का भंडाफोड़ किया है. रविवार को मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में शराब की बड़ी खेप बरामद की गई और एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया. तस्कर ने शराब ढुलाई के लिए गाड़ी पर पुलिस का स्टीकर लगा रखा था. पुलिस ने एसएच-81 पर जांच अभियान चलाकर 257 लीटर शराब बरामद की है.

सदर एसडीपीओ अनिल कुमार का बयान

पश्चिम बंगाल से लाता था शराब
सदर एसडीपीओ अनिल कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर हुई इस कार्रवाई में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. इसके पीछे एक पूरा गिरोह सक्रिय है. पश्चिम बंगाल के दालकोला और टुनिदिघी से स्कॉर्पियो पर लादकर शराब यहां लायी जाती थी. पुलिस को झांसा देने के लिए तस्करों ने गाड़ी पर पुलिस लिखा स्टीकर चिपका रखा था.

कटिहार
इसी गाड़ी से हो रही थी शराब की तस्करी

पुलिस को देख भागने लगे तस्कर
एसडीपीओ ने बताया कि गाड़ी पर पुलिस लिखा देख उसे रुकवाना जाहा तो वो भागने लगे. जिसके बाद गाड़ी का पीछा कर तस्कर को दबोचा गया. गिरफ्तार तस्कर का नाम सनोज पासवान है. एक तस्कर भागने में कामयाब रहा. सनोज पासवान ने पुलिस को बताया कि स्कॉर्पियो जितेंदर यादव की है. जिसे गाड़ी के बदले प्रतिदिन 10 हजार रुपये दिए जाते थे. पुलिस का कहना है कि गाड़ी मालिक पर भी कार्रवाई की जाएगी.

कटिहार
मीडिया से बात करते सदर एसडीपीओ

पुलिस को थी सरोज की तलाश
एसडीपीओ अनिल कुमार ने कहा कि सनोज पासवान इससे पहले भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है. हाल ही में हुए एक लूट कांड में उसका नाम आया था. पुलिस को उसकी तलाश थी. उसने पुलिस को बताया कि लूट के पैसे से ही शराब की तस्करी का धंधा कर रहा है. एसडीपीओ ने कहा कि पुलिस सनोज पासवान के फरार साथी की भी तालाश कर रही है.

कटिहारः जिले की पुलिस ने शराब तस्कर का भंडाफोड़ किया है. रविवार को मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में शराब की बड़ी खेप बरामद की गई और एक तस्कर को भी गिरफ्तार किया गया. तस्कर ने शराब ढुलाई के लिए गाड़ी पर पुलिस का स्टीकर लगा रखा था. पुलिस ने एसएच-81 पर जांच अभियान चलाकर 257 लीटर शराब बरामद की है.

सदर एसडीपीओ अनिल कुमार का बयान

पश्चिम बंगाल से लाता था शराब
सदर एसडीपीओ अनिल कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर हुई इस कार्रवाई में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. इसके पीछे एक पूरा गिरोह सक्रिय है. पश्चिम बंगाल के दालकोला और टुनिदिघी से स्कॉर्पियो पर लादकर शराब यहां लायी जाती थी. पुलिस को झांसा देने के लिए तस्करों ने गाड़ी पर पुलिस लिखा स्टीकर चिपका रखा था.

कटिहार
इसी गाड़ी से हो रही थी शराब की तस्करी

पुलिस को देख भागने लगे तस्कर
एसडीपीओ ने बताया कि गाड़ी पर पुलिस लिखा देख उसे रुकवाना जाहा तो वो भागने लगे. जिसके बाद गाड़ी का पीछा कर तस्कर को दबोचा गया. गिरफ्तार तस्कर का नाम सनोज पासवान है. एक तस्कर भागने में कामयाब रहा. सनोज पासवान ने पुलिस को बताया कि स्कॉर्पियो जितेंदर यादव की है. जिसे गाड़ी के बदले प्रतिदिन 10 हजार रुपये दिए जाते थे. पुलिस का कहना है कि गाड़ी मालिक पर भी कार्रवाई की जाएगी.

कटिहार
मीडिया से बात करते सदर एसडीपीओ

पुलिस को थी सरोज की तलाश
एसडीपीओ अनिल कुमार ने कहा कि सनोज पासवान इससे पहले भी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है. हाल ही में हुए एक लूट कांड में उसका नाम आया था. पुलिस को उसकी तलाश थी. उसने पुलिस को बताया कि लूट के पैसे से ही शराब की तस्करी का धंधा कर रहा है. एसडीपीओ ने कहा कि पुलिस सनोज पासवान के फरार साथी की भी तालाश कर रही है.

Intro:.....बिहार में शराबबंदी के बाद आये दिन शराब तस्करों के नित नये - नये तरीके सामने आते रहते हैं । कहीं सब्जियों के बोरे में तो कहीं पूरी ट्रक ही शराब के साथ कानून के हत्थे चढ़ते रहे हैं लेकिंन पश्चिम बंगाल से सटे कटिहार में शराब तस्करों ने कानून को चकमा देने के लिये कानून की ही छेद का सहारा लिया और महीनों से बेखौफ शराब तस्करी में जुटे थे लेकिन जब स्थानीय पुलिस प्रशासन को वारदात का इल्म हुआ तो मानों होश ही उड़ गये .....। रात की नींद तोड़कर बाबुओं ने बदमाशों को पकड़ने के लिये जाल बिछाया तो आरोपी कानून के लम्बे गिरहबान की भेंट चढ़ गये .......।


Body:दरअसल , पूरी घटना जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र की हैं जहाँ पुलिस ने शराब लदे स्कॉर्पियो को बरामद किया है .....। बताया जाता हैं कि कटिहार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि इन दिनों इलाके में प्रतिबंधित शराब का धंधा खूब फल - फूल रहा हैं और इस धंधे में पुलिस की लोगों लगी चार पहिये से सप्लाई होती हैं ....। आरोपी सीमावर्ती पश्चिम बंगाल के दालकोला या टुनिदिघी से माल उठाता हैं और स्कॉर्पियों पर लाद कटिहार तक लाता हैं । इस बीच गाड़ी पर पुलिस की लोगों , नेमप्लेट और सिंबल का इस्तेमाल करता हैं जिससे यह फायदा होता था कि यदि कहीं बीच रास्ते मे जाँच टीम मिलती भी थी तो डिपार्टमेंट के किसी बड़े पुलिस अधिकारी की गाड़ी का नाम बता चेकिंग से बच जाते थे और सिंबल देख कोई विशेष पूछताछ नहीं होती थी । खास बात यह थी कि शराब का खेल केवल रात के अंधेरों में ही चलता था और जिस गाड़ी पर शराब की खेप लदी होती थी , उससे ठीक पहले एक अन्य गाड़ी रास्ते भर उसका पायलट करती थी ताकि गुनाह पर विभाग का नकाब पहनाया जा सकें ....। कटिहार सदर एसडीपीओ अनिल कुमार ने बताया कि स्कॉर्पियों को जप्त कर लिया गया हैं और इस तार से बड़े रैकेट का खुलासा हुआ हैं । उन्होंने बताया कि इस मामले में बरामद स्कॉर्पियों शहर के एक ठीकेदार की बतायी जाती हैं जिसकी संलिप्तता की जाँच की जा रही हैं । आरोपी का पूर्व में भी आपराधिक इतिहास रह चुका हैं । लूट के पैसे का खपत तस्करी के धंधे में लगाते थे । उन्होंने बताया कि पुलिस यह भी तफशीश कर रही हैं कि गुनाह के दलदल में कितने लोग शामिल हैं .....।


Conclusion:कटिहार , पश्चिम बंगाल की सरहद से सीधा सटता हैं जिस कारण लोग प्रतिबंध के बाबजूद चोरी - छिपे शराब तस्करी की वारदात को अंजाम देते हैं जिससे काली आमदनी होती हैं लेकिन कटिहार पुलिस का तस्करी के नये अंजाम के तरीके को देख इतना कहा जा सकता हैं कि शराब तस्करी के खिलाफ और कड़े कार्रवाई की जरूरत के साथ सीमावर्ती इलाके में गहन वाहन चेकिंग की जरूरत हैं क्योंकि " जाने किस रूप में मिल जाये शराब तस्कर रे .....।"
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