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कटिहारः बरसात में ऐसी हो जाती है इस गांव की सड़क, धूप निकलने पर ही बाहर निकलते हैं लोग

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Published : Jul 18, 2020, 9:01 AM IST

बरसात के दिनों में गांव की कच्ची सड़क पूरी तरह किचड़ बन जाती है. धूप निकलती है और जब सड़क सूखती है तो गांव के लोग जरूरी सामान लाने के लिए बाजार जाते हैं, अगर धूप नहीं निकली तो लोग घरों में ही दुबके रहते हैं.

सड़क
सड़क

कटिहारः जिले के गोवागाछी गांव के लोग सालों से एक पक्की सड़क के लिए परेशान हैं. ये लोग सड़क नहीं होने के कारण नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर हैं. बारिश में हो जाने पर कच्ची सड़क पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो जाती है और लोगों का पैदल चलना मुहाल हो जाता है.

इन ग्रामीणों को स्थानीय विधायक 10 सालों से आश्वासन देते आ रहे हैं. लेकिन आज तक पक्की सड़क का निर्माण नहीं करवा सके. इसको लेकर गांव वालों में काफी नाराजगी है.

बदहाल सड़क
बदहाल सड़क

5000 की आबादी को नहीं है पक्की सड़क
एक ओर सरकार कहती है 500 या उससे ऊपर आबादी वाले गांव को मुख्य सड़क से जोड़ा जाए. लेकिन आज भी जिले में कई ऐसे गांव हैं जो मुख्य सड़क से पूरी तरह वंचित हैं. दरअसल मनिहारी विधानसभा क्षेत्र के दक्षिणी कांटाकोश पंचायत के गोवागाछी गांव की आबादी करीब 5000 है. आज भी इस गांव में मुख्य सड़क नहीं होने के कारण यहां के लोग बदहाल हैं.

कई बार स्थानीय विधायक से लगाई गई गुहार
साल के 3 महीने इस इलाके में बाढ़ अपना कहर बरपाती है और लोगों को इस दौरान काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. यही वजह है कि आज भी इस गांव के 5000 लोग कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर हैं. पक्की सड़क के लिए कई बार स्थानीय विधायक को लिखित आवेदन दिया गया लेकिन विधायक जी ने इस इलाके का विकास करना मुनासिब नहीं समझा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बरसात मे घरों में ही दुबके रहते हैं लोग
गर्मी के दिनों में लोग कच्ची सड़के से आवागमन तो कर लेते हैं. लेकिन बरसात के दिनों में इस गांव के लोग एलियन की तरह हो जाते हैं. अगर धूप निकलती है तो गांव के लोग जरूरी सामान लाने के लिए बाजार जाते हैं, अगर धूप नहीं निकली तो लोग घरों में हीं दुबके रहते हैं. बरसात के दिनों में इन कच्ची सड़कों पर चलना काफी मुश्किल हो जाता है. कीचड़ होने के वजह से आवागमन में काफी परेशानी होती है.

ये भी पढ़ेंः दरभंगा: टूट गया गोपालपुर का सुरक्षा बांध, कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

पक्की सड़क नहीं होने से टूट जाता है रिशता
स्थानीय लोग बताते हैं कि कांग्रेस के मनोहर सिंह पिछले 10 साल से इस इलाके के विधायक हैं. उन्होंने वादा किया था कि इस गांव में सड़क बना देंगे. लेकिन 10 साल गुजर जाने के बाद भी आज तक विधायक जी इस गांव में नहीं आए और हालत ऐसी है कि हमें कीचड. में चलना पड़ता है. हमारी बहन बेटियों का रिश्ता तय होता है लेकिन गांव में सड़के नहीं होने के कारण रिश्ता टूट जाता है.

चुनाव से पहले नेताओं को है कुछ उम्मीद
कुछ दिन बाद बिहार में विधानसभा के चुनाव होने वाला है. सरकार विकास के नाम पर लोगों से वोट मांगने की बात कहती है. लेकिन कटिहार जिले के मनिहारी विधानसभा क्षेत्र के गोवागाछी गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क का निर्माण आजादी के 73 साल के बाद भी नहीं हो सका है. ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए चुनाव से पहले इस गांव के लोगों को पक्की सड़क शायद नसीब हो सके. ताकि लोगों को आवागमन में सहूलियत मिले.

कटिहारः जिले के गोवागाछी गांव के लोग सालों से एक पक्की सड़क के लिए परेशान हैं. ये लोग सड़क नहीं होने के कारण नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर हैं. बारिश में हो जाने पर कच्ची सड़क पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो जाती है और लोगों का पैदल चलना मुहाल हो जाता है.

इन ग्रामीणों को स्थानीय विधायक 10 सालों से आश्वासन देते आ रहे हैं. लेकिन आज तक पक्की सड़क का निर्माण नहीं करवा सके. इसको लेकर गांव वालों में काफी नाराजगी है.

बदहाल सड़क
बदहाल सड़क

5000 की आबादी को नहीं है पक्की सड़क
एक ओर सरकार कहती है 500 या उससे ऊपर आबादी वाले गांव को मुख्य सड़क से जोड़ा जाए. लेकिन आज भी जिले में कई ऐसे गांव हैं जो मुख्य सड़क से पूरी तरह वंचित हैं. दरअसल मनिहारी विधानसभा क्षेत्र के दक्षिणी कांटाकोश पंचायत के गोवागाछी गांव की आबादी करीब 5000 है. आज भी इस गांव में मुख्य सड़क नहीं होने के कारण यहां के लोग बदहाल हैं.

कई बार स्थानीय विधायक से लगाई गई गुहार
साल के 3 महीने इस इलाके में बाढ़ अपना कहर बरपाती है और लोगों को इस दौरान काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. यही वजह है कि आज भी इस गांव के 5000 लोग कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर हैं. पक्की सड़क के लिए कई बार स्थानीय विधायक को लिखित आवेदन दिया गया लेकिन विधायक जी ने इस इलाके का विकास करना मुनासिब नहीं समझा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बरसात मे घरों में ही दुबके रहते हैं लोग
गर्मी के दिनों में लोग कच्ची सड़के से आवागमन तो कर लेते हैं. लेकिन बरसात के दिनों में इस गांव के लोग एलियन की तरह हो जाते हैं. अगर धूप निकलती है तो गांव के लोग जरूरी सामान लाने के लिए बाजार जाते हैं, अगर धूप नहीं निकली तो लोग घरों में हीं दुबके रहते हैं. बरसात के दिनों में इन कच्ची सड़कों पर चलना काफी मुश्किल हो जाता है. कीचड़ होने के वजह से आवागमन में काफी परेशानी होती है.

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पक्की सड़क नहीं होने से टूट जाता है रिशता
स्थानीय लोग बताते हैं कि कांग्रेस के मनोहर सिंह पिछले 10 साल से इस इलाके के विधायक हैं. उन्होंने वादा किया था कि इस गांव में सड़क बना देंगे. लेकिन 10 साल गुजर जाने के बाद भी आज तक विधायक जी इस गांव में नहीं आए और हालत ऐसी है कि हमें कीचड. में चलना पड़ता है. हमारी बहन बेटियों का रिश्ता तय होता है लेकिन गांव में सड़के नहीं होने के कारण रिश्ता टूट जाता है.

चुनाव से पहले नेताओं को है कुछ उम्मीद
कुछ दिन बाद बिहार में विधानसभा के चुनाव होने वाला है. सरकार विकास के नाम पर लोगों से वोट मांगने की बात कहती है. लेकिन कटिहार जिले के मनिहारी विधानसभा क्षेत्र के गोवागाछी गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क का निर्माण आजादी के 73 साल के बाद भी नहीं हो सका है. ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए चुनाव से पहले इस गांव के लोगों को पक्की सड़क शायद नसीब हो सके. ताकि लोगों को आवागमन में सहूलियत मिले.

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