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बोले पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष- केन्द्रीय सेवाओं में आरक्षित वर्ग को मिले पूरा लाभ

पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवान लाल सहनी ने कहा कि इस आयोग का मकसद है कि 27 प्रतिशत आरक्षण का शत प्रतिशत अधिकार पिछड़ों को मिल सके. विश्वास रखिए मंडल कमिशन के 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों को जरूर मिलेगा.

छड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवान लाल सहनी
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Published : Sep 9, 2019, 10:28 AM IST

कटिहार: जिले में समाजिक उत्थान के लिए एक वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. भगवान लाल सहनी ने किया. इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक चिंतक उर्मिलेश उर्मिल, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रतन लाल सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग की उन्नति और सामाजिक न्याय के बिंदुओं पर चर्चा की गई.

भगवान लाल सहनी ने वीपी मंडल को किया याद
भगवान लाल सहनी ने कहा कि पिछ़ा का अधिकार और उन्नति कैसे हो इसका प्रयास सरकार कर रही है. 1947 में देश आजाद हुआ लेकिन विधिवत आजादी 1950 को मिली. काका कालेलकर आयोग ने भी आरक्षण पर बात की थी. पिछड़े वर्ग के अधिकार पर वैज्ञानिक प्रयास बीपी मंडल आयोग ने की थी. उन्होंने कहा कि 1993 में पिछड़ा वर्ग का गठन किया गया है. लेकिन संवैधानिक अधिकार नहीं मिली थी. वर्तमान में केंद्र सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर एक संवैधानिक अधिकार प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सेवाओं में आरक्षित वर्ग को पूरा लाभ मिल सके इसके लिए कार्य करना है.

वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन

'27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों को जरूर मिलेगा'
भगवान लाल सहनी ने कहा कि पिछड़ों के हित में जो भी संविधान में दिया गया, यदि कोई उससे छीनने का प्रयास करता है तो वह उसके खिलाफ न केवल सख्त कार्रवाई करेंगे बल्कि वारंट भी जार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि पिछड़ा का कल्याण हो. इस आयोग का मकसद है कि 27 प्रतिशत आरक्षण का शत प्रतिशत अधिकार पिछड़ों को मिल सके. विश्वास रखिए मंडल कमिशन के 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों को जरूर मिलेगा. उन्होंने बताया कि कुछ विशेष वर्ग इसपर एकाधिकार कर रखें हैं, उसे तोड़ा जायेगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण की सबसे बड़ी बाधाएं क्रिमिलेयर, आरक्षण कोटा और सामान्य मेधा सूची है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि जिससे आरक्षण में कटअप किया जा सके.

कटिहार
पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवान लाल सहनी

कार्यक्रम में इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
कार्यक्रम में आरक्षण को लेकर कहा गया कि समाजिक न्याय के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है. संविधान में सभी को उचित प्रतिनिधित्व की बात कही गयी हैं. उचित प्रतिनिधित्व से ही समाज और देश का विकाश होगा. सभी वर्गों की हिस्सेदारी से ही देश समृद्ध बनेगा. आरक्षण ही एकमात्र उपाय हैं, जिससे कम समय मे सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ा हुआ व्यक्ति मुख्यधारा से जुड़ सके.

कटिहार
वैचारिक संगोष्ठी में शामिल लोग

कटिहार: जिले में समाजिक उत्थान के लिए एक वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. भगवान लाल सहनी ने किया. इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक चिंतक उर्मिलेश उर्मिल, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रतन लाल सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग की उन्नति और सामाजिक न्याय के बिंदुओं पर चर्चा की गई.

भगवान लाल सहनी ने वीपी मंडल को किया याद
भगवान लाल सहनी ने कहा कि पिछ़ा का अधिकार और उन्नति कैसे हो इसका प्रयास सरकार कर रही है. 1947 में देश आजाद हुआ लेकिन विधिवत आजादी 1950 को मिली. काका कालेलकर आयोग ने भी आरक्षण पर बात की थी. पिछड़े वर्ग के अधिकार पर वैज्ञानिक प्रयास बीपी मंडल आयोग ने की थी. उन्होंने कहा कि 1993 में पिछड़ा वर्ग का गठन किया गया है. लेकिन संवैधानिक अधिकार नहीं मिली थी. वर्तमान में केंद्र सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर एक संवैधानिक अधिकार प्रदान किया है. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सेवाओं में आरक्षित वर्ग को पूरा लाभ मिल सके इसके लिए कार्य करना है.

वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन

'27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों को जरूर मिलेगा'
भगवान लाल सहनी ने कहा कि पिछड़ों के हित में जो भी संविधान में दिया गया, यदि कोई उससे छीनने का प्रयास करता है तो वह उसके खिलाफ न केवल सख्त कार्रवाई करेंगे बल्कि वारंट भी जार कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है कि पिछड़ा का कल्याण हो. इस आयोग का मकसद है कि 27 प्रतिशत आरक्षण का शत प्रतिशत अधिकार पिछड़ों को मिल सके. विश्वास रखिए मंडल कमिशन के 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ों को जरूर मिलेगा. उन्होंने बताया कि कुछ विशेष वर्ग इसपर एकाधिकार कर रखें हैं, उसे तोड़ा जायेगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण की सबसे बड़ी बाधाएं क्रिमिलेयर, आरक्षण कोटा और सामान्य मेधा सूची है. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि जिससे आरक्षण में कटअप किया जा सके.

कटिहार
पिछड़ा वर्ग आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवान लाल सहनी

कार्यक्रम में इन बिंदुओं पर हुई चर्चा
कार्यक्रम में आरक्षण को लेकर कहा गया कि समाजिक न्याय के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है. संविधान में सभी को उचित प्रतिनिधित्व की बात कही गयी हैं. उचित प्रतिनिधित्व से ही समाज और देश का विकाश होगा. सभी वर्गों की हिस्सेदारी से ही देश समृद्ध बनेगा. आरक्षण ही एकमात्र उपाय हैं, जिससे कम समय मे सामाजिक और आर्थिक तौर पर पिछड़ा हुआ व्यक्ति मुख्यधारा से जुड़ सके.

कटिहार
वैचारिक संगोष्ठी में शामिल लोग
Intro:......राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भगवान लाल सहनी ने कहा हैं कि देश मे आरक्षण को लेकर काफी भ्रांति फैली हैं और इससे प्रतिभागियों को भारी क्षति उठानी पड़ रही हैं ....। उन्होंने कहा हैं कि रिजर्वेशन कोटा में ही आरक्षण , यह तो बहुत ही घातक नीति हैं , इसपर विचार करने की जरूरत हैं.....। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष कटिहार में आयोजित वैचारिक संगोष्ठी में हिस्सा ले रहे थे .....।


Body:वैचारिक संगोष्ठी में हिस्सा लेने के बाद ' ईटीवी भारत ' से बातचीत करते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भगवान लाल सहनी ने बताया कि आरक्षण को सम्यक ढंग से लागू कराना आयोग का दायित्व हैं , उसी दिशा में यह प्रयास हैं । आयोग , जगह - जगह जाकर , हर प्रदेश में उसका अध्ययन कर रहा हैं और आरक्षण के मार्ग में जो बाधाएँ हैं , वह कैसे दूर होंगी , विचार कर रहा हूँ । उन्होंने बताया कि आरक्षण के मार्ग में दो सबसे बडी बाधाएँ दिखाई पड़ रही हैं । पहला क्रीमीलेयर को लेकर भ्रांति फैली हुई हैं और क्रीमीलेयर को लेकर हमारे नवयुवको को भारी क्षति उठानी पड़ रही हैं। क्रीमीलेयर का अर्थ समझ नहीं रहें हैं क्योंकि क्रीमीलेयर में यह स्पष्ट कहा गया हैं कि कृषि और वेतन की आय को उसमें नहीं जोड़ा जायेगा लेकिन यहाँ फिर भी जहाँ आठ लाख रुपये की आय सीमा से अधिक हुई कि तलवार गर्दन पर लटक जाती हैं ,यह बहुत ही गलत हो रहा हैं .....। आरक्षण कोटा में ही आरक्षण , जो पिछड़े वर्ग के लोग हैं , उसमें सारे आवेदन को डाल दिया जाता हैं । नतीजा यह होता हैं कि जो मेधा सूची बनती हैं , उसमें आरक्षित वर्ग के लोग वंचित रह जाते हैं । यह तो बहुत ही घातक नीति हैं , इसपर विचार किया जाना चाहिये और इस दिशा में जो गलतियाँ हो रही हैं , उसको कैसे सुधारा जाय , इसपर हमें काम करना हैं ...। उन्होंने बताया कि यदि कोई जानबूझकर पिछड़ा समझ कर वर्ग को दबाया जाता हैं तो इस संबंध में भी आयोग का दायित्व बनता हैं कि उसको इससे बचायें .....।


Conclusion:राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष भगवान लाल सहनी ने बताया कि वह सम्मेलन के माध्यम से जिले में पिछड़े वर्गों , कमजोर वर्गों को मिलने वाली आरक्षण की जमीनी हालात को जानने कटिहार पहुँचे थे लेकिन डीएम ने जानबूझकर बहाना बनाकर अपना उत्तरदायित्व नहीं समझा , जो बहुत ही गलत बात हैं । उन्होंने प्रशासन से सम्पर्क करना चाहा लेकिन जिला पदाधिकारी हमारे सामने पेश नही हुए , यह बहुत ही गलत हैं । आरक्षण की वास्तविक स्थिति को जानना मेरा कर्तव्य हैं और उसके मार्ग में पड़ने वाले बाधाओं को दूर करना भी मेरा दायित्व .....।
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