कटिहार: एक विदेशी दंपति ने कटिहार के विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान से सुमन नाम की बच्ची को गोद लिया है. बता दें कि मासूम सुमन की उम्र 6 साल है. सुमन अब न्यूजीलैंड में अपने माता-पिता के साथ जिंदगी की नई शुरुआत करेगी. बता दें कि बाल संरक्षण इकाई को सुमन लावारिस हालत में मिली थी.
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न्यूजीलैंड के एक दंपति ने बच्ची को लिया गोद
विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में पल रही सुमन के लिए यह दिन बहुत ही शुभ साबित हुआ. लावारिस हालत में मिली बिटिया को न्यूजीलैंड के एक दंपति ने गोद ले लिया है. उम्मीद है कि अब सुमन को मां की ममता की छांव और एक पिता का प्यार नसीब होगा. न्यूजीलैंड से पहुंचे इस दंपति ने कागजी प्रक्रिया पूरा करने के बाद इस बेटी को गोद ले लिया है.
दंपति ने बेटी के तौर पर अपनाया
दरअसल न्यूजीलैंड के डेनियल जेम्स हैंसन और सैरोन कृष्टी की कोई संतान नहीं है. उन लोगों ने विदेशी दस्तक संस्थान आफा के माध्यम से बच्चा गोद लेने के लिए इच्छा जतायी थी. जिस पर बच्चों के एडमिशन के लिए काम करने वाले भारत की संस्था कारा (सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी) के माध्यम से न्यूजीलैंड के दंपति ने कटिहार के चाइल्ड केयर संस्थान से बच्ची को बेटी के तौर पर अपना लिया है.
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बेहतर जिंदगी देने की कही बात
सुमन को अपनाने के बाद जहां डेनियल ने कहा कि वह पिता के तौर पर सुमन को एक बेहतर जिंदगी देंगे. वहीं मां सैरोन क्रिस्टी ने कहा कि यह उनके लिए एक भावनात्मक पल है. जिसका वह वर्णन नहीं कर पा रही है. विदेशी दंपति पहले से नि:संतान है.
'चाइल्ड केयर संस्था की मैनेजर प्रियंका कुमारी ने कहा कि तमाम कागजी प्रक्रियाओं के माध्यम से बच्ची को सौंपा गया है. पिछले कई महीनों से उन लोगों के संपर्क में थी. अब कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार के आदेश पर सुमन को बेटी के तौर पर उन लोगों को सौंपा जा रहा है. उम्मीद है आगे सुमन को अपने माता-पिता के साथ बेहतर जिंदगी मिलेगी.' -प्रियंका कुमारी, मैनेजर, चाइल्ड केयर संस्था
'सुमन को बाल संरक्षण इकाई को लावारिस हालत में मिली थी. बड़े लाड़-प्यार से उसे पाला गया है. भारत के पांच एडाप्टिव पैरेंट्स ने सुमन को गोद लेने से इनकार कर दिया. क्योंकि उसे खुजली की बीमारी थी. उसके बाद अब न्यूजीलैंड के माता-पिता सुमन को बड़े प्यार से ले जा रहे हैं. उम्मीद है कि आगे उसे एक बेहतर जिंदगी मिलेगी.' -बेबी रानी, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई