ETV Bharat / state

लॉकडाउन की फांस, अब भविष्य पर आस: नहीं बिके मिट्टी के बर्तन तो कुम्हार बनाने लगे मूर्ति

मिट्टी की मूर्तियों की बिक्री सितंबर महीने के बाद शुरू होती है. लेकिन जिले में प्रत्येक साल आने वाले बाढ़ के कारण कुम्हारों को मिट्टी उपलब्ध नहीं हो पाती है. ऐसे में जिले के कुम्हार अभी से मूर्ति बनाने में जुट गए हैं.

पटना
पटना
author img

By

Published : May 23, 2020, 12:56 PM IST

Updated : May 23, 2020, 3:10 PM IST

कटिहार: कोरोना महामारी के चलते देश में जारी लाॅकडाउन का असर सभी वर्गों पर समान रूप से पड़ा है. इस दौरान कुम्‍हारों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. कुम्हार जो मई महीने की चिलचिलाती धूप में मिट्टी के बर्तन बनाकर लोगों की प्यास बुझाते हैं. कोरोना महामारी ने उनके सामने रोजी रोटी की विकट समस्या खड़ी कर दी है.

कटिहार
कुम्हारों ने शुरू किया मूर्ति निर्माण

बता दें कि इस समय उन्हें बर्तन बनाने के लिए मिट्टी नहीं मिल पा रहा है. जिस कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कटिहार
सतोबती मिट्टी के बर्तनों के साथ

अप्रैल-मई के महीने में कुम्हार मिट्टी का घड़ा, सुराही, लस्सी का ग्लास और चाय का कुल्हड़ बनाते हैं. लेकिन लॉकडाउन का असर ऐसा कि इनके इस व्यवसाय पर खतरा मंडराने लगा है. ये सीजन इन कुम्हारों के लिए पीक सीजन माना जाता है. इस दौरान गर्मी के दिन में प्रयोग किए जाने वाले बर्तनों की खूब बिक्री होती है. वहीं, इसके उलट कोरोना ने उन्हें आर्थिक संकट में ला दिया है.

कटिहार
कुम्हारों द्वारा निर्मित मूर्ति

मूर्तियां बनाने में जुटे कुम्हार
मिट्टी की मूर्तियों की बिक्री सितंबर महीने के बाद शुरू होती है. लेकिन जिले में प्रत्येक साल आने वाले बाढ़ के कारण कुम्हारों को मिट्टी उपलब्ध नहीं हो पाती है. ऐसे में जिले के कुम्हार अभी से मूर्ति बनाने में जुट गए हैं. मिट्टी की मूर्ति का उपयोग काली पूजा, दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा, तीज, विश्वकर्मा पूजा और जिउतिया पर्व में होता है. इन त्योहारों के लिए अलग-अलग मूर्तियां बनाई जाती हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सरकार से मदद की आस
जिले के कुम्हार बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण उनका बिजनेस पूरी तरह से ठप हो गया है. लेकिन अब आने वाले समय में अच्छी जिंदगी गुजार सके, इसलिए अभी से ही मिट्टी की मूर्ति बनानी शुरू कर दी है. कुम्हारों की मानें तो बाढ़ के समय मिट्टी उपलब्ध नहीं हो पाता है. साथ ही बारिश में मिट्टी के बर्तनों को सुखाने में भी असुविधा होती है. इसलिए गर्मी के दिनों में हैं ये काम शुरू कर दिया गया है. उनका कहना था कि लॉकडाउन की स्थिति में सरकार की ओर से भी हमें कोई मदद नहीं मिल सका है.

कटिहार: कोरोना महामारी के चलते देश में जारी लाॅकडाउन का असर सभी वर्गों पर समान रूप से पड़ा है. इस दौरान कुम्‍हारों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. कुम्हार जो मई महीने की चिलचिलाती धूप में मिट्टी के बर्तन बनाकर लोगों की प्यास बुझाते हैं. कोरोना महामारी ने उनके सामने रोजी रोटी की विकट समस्या खड़ी कर दी है.

कटिहार
कुम्हारों ने शुरू किया मूर्ति निर्माण

बता दें कि इस समय उन्हें बर्तन बनाने के लिए मिट्टी नहीं मिल पा रहा है. जिस कारण उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कटिहार
सतोबती मिट्टी के बर्तनों के साथ

अप्रैल-मई के महीने में कुम्हार मिट्टी का घड़ा, सुराही, लस्सी का ग्लास और चाय का कुल्हड़ बनाते हैं. लेकिन लॉकडाउन का असर ऐसा कि इनके इस व्यवसाय पर खतरा मंडराने लगा है. ये सीजन इन कुम्हारों के लिए पीक सीजन माना जाता है. इस दौरान गर्मी के दिन में प्रयोग किए जाने वाले बर्तनों की खूब बिक्री होती है. वहीं, इसके उलट कोरोना ने उन्हें आर्थिक संकट में ला दिया है.

कटिहार
कुम्हारों द्वारा निर्मित मूर्ति

मूर्तियां बनाने में जुटे कुम्हार
मिट्टी की मूर्तियों की बिक्री सितंबर महीने के बाद शुरू होती है. लेकिन जिले में प्रत्येक साल आने वाले बाढ़ के कारण कुम्हारों को मिट्टी उपलब्ध नहीं हो पाती है. ऐसे में जिले के कुम्हार अभी से मूर्ति बनाने में जुट गए हैं. मिट्टी की मूर्ति का उपयोग काली पूजा, दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा, तीज, विश्वकर्मा पूजा और जिउतिया पर्व में होता है. इन त्योहारों के लिए अलग-अलग मूर्तियां बनाई जाती हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सरकार से मदद की आस
जिले के कुम्हार बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण उनका बिजनेस पूरी तरह से ठप हो गया है. लेकिन अब आने वाले समय में अच्छी जिंदगी गुजार सके, इसलिए अभी से ही मिट्टी की मूर्ति बनानी शुरू कर दी है. कुम्हारों की मानें तो बाढ़ के समय मिट्टी उपलब्ध नहीं हो पाता है. साथ ही बारिश में मिट्टी के बर्तनों को सुखाने में भी असुविधा होती है. इसलिए गर्मी के दिनों में हैं ये काम शुरू कर दिया गया है. उनका कहना था कि लॉकडाउन की स्थिति में सरकार की ओर से भी हमें कोई मदद नहीं मिल सका है.

Last Updated : May 23, 2020, 3:10 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.