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कटिहार: चीन की तकरार ने दिया रोजगार, देसी राखी से सज रहा है बाजार - देसी राखी की डिमांड

जिले में राखी के त्योहार को देखते हुए इन दिनों देसी राखी की डिमांड जोरों पर हैं. यह राखियां जिले की महिलाएं खुद अपने हाथों से बनाकर बाजारों में उपलब्ध करा रही हैं.

Katihar
Katihar
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Published : Jul 29, 2020, 9:54 PM IST

Updated : Aug 12, 2020, 12:07 AM IST

कटिहार: सीमा पर चीन के साथ तकरार के कारण अब वोकल फोर लोकल के मंत्र का असर दिखने लगा है. कोरोना संक्रमण के दौर में जहां बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है, वहीं कुछ संभावनाएं भी सामने आई है. मुख्य रूप से इस बार राखी के त्योहार पर बहनें अपने भाई की कलाई पर स्थानीय स्तर पर तैयार की गई राखी बांधेगी. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में महिलाएं राखी बनाने का काम कर रही है और उन्हें काफी ऑर्डर भी मिल रहा है. परंपरा के सहारे महिलाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी है.

जिले में राखी के त्योहार को देखते हुए इन दिनों देसी राखी की डिमांड जोरों पर हैं. एक ओर जहां भारत चीन सीमा पर बढ़ते विवाद ने व्यवसाय पर असर डाला है और बाजारों में चीनी सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है. वहीं आने वाले रक्षाबंधन को लेकर बाजारों में देसी राखियां सजने लगी है. यह राखियां जिले की महिलाएं खुद अपने हाथों से बनाकर बाजारों में उपलब्ध करा रही हैं.

देसी राखी की बढ़ी डिमांड
देसी राखी की बढ़ी डिमांड

स्थानीय लोगों को मिला मौका
बता दें कि जिले में राखी बनाने का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है. सालों से यहां कारोबारियों द्वारा राखी तैयार कर बाजारों में सप्लाई किया जाता है. इस बार चीन के प्रति आम लोगों में मौजूद आक्रोश से बेहतर कारोबार की उम्मीद बंधी है. इसको लेकर जिले के लोग बड़े पैमाने पर राखी बनाने का काम कर रहे है.

लोकल राखी से सजा बाजार
लोकल राखी से सजा बाजार

कोसी और सीमांचल के कई इलाकों में की जाती है सप्लाई
व्यवसायी उर्मिला केडिया बताती हैं कि वो राखी का कारोबार पिछले 40 सालों से कर रही हैं. लेकिन इस साल देसी राखी की डिमांड काफी बढ़ी है. इससे कई महिलाओं को रोजगार मिला है. जिले में निर्मित राखी की सप्लाई कोसी और सीमांचल के अन्य जिलों में भी की जाती है. उर्मिला बताती है इस बार बाजारों में चीनी राखी की कमी देखी जा रही है. इसका मुख्य वजह है भारत चीन में तकरार और दूसरा कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के कारण चीन से इस बार बाहर से राखी नहीं आई है. जिस कारण बाजारों में देसी राखी की भरमार है.

देखें रिपोर्ट

बाजारों में देसी राखी की है डिमांड
वहीं व्यवसायी हेमंत कुमार केडिया ने बताया कि पिछले वर्ष की बची हुई चीनी राखी लोग बाजारों में बेचने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इस वर्ष चीन से राखी नहीं आई है. जिस कारण बाजारों में देसी राखी की डिमांड अधिक है. इनकी मानें तो राखी बनाने में प्रयोग होने वाला सामान कोलकाता, मुंबई गुजरात जैसे शहरों से मंगाया जाता है. जिसे फिर घरों में बैठकर पिरोया जाता है.

कटिहार: सीमा पर चीन के साथ तकरार के कारण अब वोकल फोर लोकल के मंत्र का असर दिखने लगा है. कोरोना संक्रमण के दौर में जहां बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है, वहीं कुछ संभावनाएं भी सामने आई है. मुख्य रूप से इस बार राखी के त्योहार पर बहनें अपने भाई की कलाई पर स्थानीय स्तर पर तैयार की गई राखी बांधेगी. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में महिलाएं राखी बनाने का काम कर रही है और उन्हें काफी ऑर्डर भी मिल रहा है. परंपरा के सहारे महिलाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी है.

जिले में राखी के त्योहार को देखते हुए इन दिनों देसी राखी की डिमांड जोरों पर हैं. एक ओर जहां भारत चीन सीमा पर बढ़ते विवाद ने व्यवसाय पर असर डाला है और बाजारों में चीनी सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है. वहीं आने वाले रक्षाबंधन को लेकर बाजारों में देसी राखियां सजने लगी है. यह राखियां जिले की महिलाएं खुद अपने हाथों से बनाकर बाजारों में उपलब्ध करा रही हैं.

देसी राखी की बढ़ी डिमांड
देसी राखी की बढ़ी डिमांड

स्थानीय लोगों को मिला मौका
बता दें कि जिले में राखी बनाने का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है. सालों से यहां कारोबारियों द्वारा राखी तैयार कर बाजारों में सप्लाई किया जाता है. इस बार चीन के प्रति आम लोगों में मौजूद आक्रोश से बेहतर कारोबार की उम्मीद बंधी है. इसको लेकर जिले के लोग बड़े पैमाने पर राखी बनाने का काम कर रहे है.

लोकल राखी से सजा बाजार
लोकल राखी से सजा बाजार

कोसी और सीमांचल के कई इलाकों में की जाती है सप्लाई
व्यवसायी उर्मिला केडिया बताती हैं कि वो राखी का कारोबार पिछले 40 सालों से कर रही हैं. लेकिन इस साल देसी राखी की डिमांड काफी बढ़ी है. इससे कई महिलाओं को रोजगार मिला है. जिले में निर्मित राखी की सप्लाई कोसी और सीमांचल के अन्य जिलों में भी की जाती है. उर्मिला बताती है इस बार बाजारों में चीनी राखी की कमी देखी जा रही है. इसका मुख्य वजह है भारत चीन में तकरार और दूसरा कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के कारण चीन से इस बार बाहर से राखी नहीं आई है. जिस कारण बाजारों में देसी राखी की भरमार है.

देखें रिपोर्ट

बाजारों में देसी राखी की है डिमांड
वहीं व्यवसायी हेमंत कुमार केडिया ने बताया कि पिछले वर्ष की बची हुई चीनी राखी लोग बाजारों में बेचने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इस वर्ष चीन से राखी नहीं आई है. जिस कारण बाजारों में देसी राखी की डिमांड अधिक है. इनकी मानें तो राखी बनाने में प्रयोग होने वाला सामान कोलकाता, मुंबई गुजरात जैसे शहरों से मंगाया जाता है. जिसे फिर घरों में बैठकर पिरोया जाता है.

Last Updated : Aug 12, 2020, 12:07 AM IST
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