कटिहार: विदा हो रहे साल में अन्नदाता काफी परेशान और हतप्रभ हैं. किसान जिला प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगा रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार हमारी भूमी का अधिग्रहण तो कर रही है, लेकिन हमें इसके लिए कोई उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है.
दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग-131 A को फोरलेन करने के लिए सरकार किसानों की जमीन को अधिग्रहित कर लिया है. जिस वजह से किसान अपने कृषि कार्य को छोड़कर सरकारी अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं. किसानों का आरोप है कि सरकार हमें उचित मुआवजा नहीं दे रही है. दर्जनों किसानों ने एक स्वर में सरकार पर शोषण का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.
'कानून को ताक पर रखकर किया गया मूल्यांकन'
इस बाबत रतौरा से आए हुए किसान सुबोध कुमार झा बताते है कि प्रस्तावित राजमार्ग के लिए उनके भूमि और मकान नेशनल हाइवे के नक्शे पर आ गया. जिस वजह से प्रशासन नें उन्हें नोटिस थमा दिया. लेकिन मकान और जमीन का मूल्यांकन किया गया. वह कहीं से भी न्यायोचित नहीं है. अधिकारियों ने कानून को ताक पर रखकर काफी कम राशि का आकलन किया है.
'घर-जमीन एक साथ गया, मिला सरकारी लॉलीपॉप'
पीड़ित किसान उमेश कुमार साह बताते है कि इस विकास ( फोरलेन रोड का निर्माण ) के वजह से घर-जमीन एक साथ गया. वहीं, अधिकारियों ने हमारे जख्मों पर मरहम लगाते हुए सरकारी लॉलीपॉप हाथ में थमा दिया. हम हर रोज जिले के विभिन्न कार्यालयों का चक्कर लगा रहें है. मजदूरी करते है. नियम कानून हमें ज्यादा समझ में नहीं आता है. लेकिन फिर भी हर रोज अधिकिरियों के दफ्तरों का चक्कर लगा रहे है.
![नोटिस दिखाते हुए किसान](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-ktr-raj-02-farmer-land-problem-pkg-bh-10009_31122019112132_3112f_1577771492_612.jpg)
'मुख्यमंत्री से लगाएंगे गुहार'
इस मामले पर स्थानीय उमेश कुमार सिंह बताते हैं हमारी परेशानी यह है कि हम यदि मामले को उठाते हैं, तो सबसे पहले तकनीकी तौर पर कम मूल्यों वाले मुआवजे के चेक स्वीकार करना पड़ेगा. जिसके बाद इसका क्लेम प्रमंडलीय आयुक्त के पास कर सकते है. आयुक्त कार्यालय पुर्णिया में है, जो यहां से लगभग 30 किमी है और सबसे अहम बात यह है कि इसका फैसला आने में महीनों लग जायेगा. जिससे हमलोगों पर दोहड़ी मार पड़ेगी.उन्होंने बताया कि आगामी 7 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जिले में आगमन होनी है. जहां वे अपनी फरियाद सूबे के मुखिया के समक्ष रखेंगे.