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हादसे में विभा ने गंवा दिए थे दोनों पैर, फिर भी नहीं डगमगाया जोश, आज भी करती हैं ड्यूटी

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Published : Mar 7, 2021, 8:35 PM IST

Updated : Mar 7, 2021, 9:12 PM IST

कटिहार की महिला पुलिसकर्मी आज सभी महिलाओं के लिए प्रेरणस्रोत बनीं हुई है. विभा ने ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर खो दिये दे. बावजूद इसके इस पुलिसकर्मी ने हौसला नहीं खोया. और कृत्रिम पैर के जरिए पूरे जोश और जुनून के साथ आज भी अपनी ड्यूटी निभा रहीं हैं.

story of brave woman policeman
story of brave woman policeman

कटिहार: ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने के बावजूद विभा के हौसले की उड़ान कभी कम नहीं हुई. विभा, कटिहार के बीएमपी 7 में पदस्थापित हैं. महिला पुलिसकर्मी के जज्बे को सभी सलाम कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- वूमेन डे स्पेशल: पद्मश्री सुधा वर्गीज ने बदली लाखों दलितों की जिंदगी, अब हैं महिलाओं की आवाज

हादसे में गंवाया पैर
बिहार के कटिहार स्थित बीएमपी 7 में पदस्थापित महिला पुलिसकर्मी विभा का देश के प्रति प्रेम और कुछ कर गुजरने का जज्बा उनके हौसले को उड़ान दे रहा है. 2 साल पहले ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने के बावजूद विभा ने हार नहीं माना और आज वह पूरे जोश और जुनून के साथ अपनी ड्यूटी ईमानदारी के साथ निभा रही है और अपने सपनों को साकार कर रही है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- महिला दिवस स्पेशल: नारी तू कभी ना हारी...

कैसे हुआ था हादसा
दरअसल विभा 2019 के दिसंबर महीने में छुट्टी लेकर अपने घर नालंदा जा रही थी. तभी बख्तियारपुर जंक्शन पर ट्रेन से उतरने के दौरान उसका पैर फिसल गया. और वह ट्रेन के नीचे चली गई और उसके दोनों पैर कट गये. उस हादसे के बाद विभा पूरी तरह टूट चुकी थी.

यह भी पढ़ें- महिला दिवस स्पेशल: बेटी हो तो साधना जैसी! महज 19 साल में पैक्स अध्यक्ष बनकर पेश की मिसाल

'जिस तरह से विभा उस हादसे के बाद ठीक होकर ड्यूटी ज्वाइन की है. यह अपने आप में एक मिसाल है. और अन्य महिला सिपाही के लिए यह एक प्रेरणास्रोत है. इसके हौसले की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है'.-दिलनवाज अहमद,कमांडेंट, बीएमपी 7

story of brave woman policeman
विभा, पुलिस कर्मी, बीएमपी 7

विभा ने नहीं मानी हार
कुछ महीने बाद ठीक होकर कृत्रिम पैर के जरिए आज विभा उसी जोश और जुनून के साथ ड्यूटी कर रही हैं. जैसे वह उस हादसे के पहले करती थी. विभा के देश भक्ति और उसके जुनून को देखते हुए बीएमपी 7 के कमांडेंट दिलनवाज अहमद और बीएमपी 7 के अन्य महिला पुलिसकर्मी विभा के जज्बे को सलाम कर रहे हैं. इन दिनों विभा की ड्यूटी बीएमपी 7 के अंदर बने महिला चाइल्ड केयर में लगाया गया है. और वह अपने महिला पुलिसकर्मी साथी जो ड्यूटी में चले जाते हैं उनके बच्चों का देखभाल करती हैं और मां की तरह उनका लालन-पालन करती हैं.

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सहकर्मियों के साथ विभा

'देश के लिए कुछ करने के लिए 2015 में बिहार सैन्य पुलिस ज्वाइन किया लेकिन उस ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने के बाद हौसला टूट गया था. लेकिन मैंने हार नहीं मानी और फिर कुछ महीने बाद ठीक होकर कृत्रिम पैर के जरिए उसी जज्बे और जुनून के साथ ड्यूटी निभा रही हूं'.- विभा, पुलिस कर्मी, बीएमपी 7

'महिलाओं को हौसला नहीं खोना चाहिए'
ईटीवी भारत से बात करते हुए विभा कहती हैं कि चाहे जो भी हालात हों महिलाओं को कभी भी अपना हौसला नहीं खोना चाहिए. हिम्मत और मजबूती के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए. कभी न कभी सफलता जरूर मिलेगी.

कटिहार: ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने के बावजूद विभा के हौसले की उड़ान कभी कम नहीं हुई. विभा, कटिहार के बीएमपी 7 में पदस्थापित हैं. महिला पुलिसकर्मी के जज्बे को सभी सलाम कर रहे हैं.

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हादसे में गंवाया पैर
बिहार के कटिहार स्थित बीएमपी 7 में पदस्थापित महिला पुलिसकर्मी विभा का देश के प्रति प्रेम और कुछ कर गुजरने का जज्बा उनके हौसले को उड़ान दे रहा है. 2 साल पहले ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने के बावजूद विभा ने हार नहीं माना और आज वह पूरे जोश और जुनून के साथ अपनी ड्यूटी ईमानदारी के साथ निभा रही है और अपने सपनों को साकार कर रही है.

देखें रिपोर्ट

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कैसे हुआ था हादसा
दरअसल विभा 2019 के दिसंबर महीने में छुट्टी लेकर अपने घर नालंदा जा रही थी. तभी बख्तियारपुर जंक्शन पर ट्रेन से उतरने के दौरान उसका पैर फिसल गया. और वह ट्रेन के नीचे चली गई और उसके दोनों पैर कट गये. उस हादसे के बाद विभा पूरी तरह टूट चुकी थी.

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'जिस तरह से विभा उस हादसे के बाद ठीक होकर ड्यूटी ज्वाइन की है. यह अपने आप में एक मिसाल है. और अन्य महिला सिपाही के लिए यह एक प्रेरणास्रोत है. इसके हौसले की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम है'.-दिलनवाज अहमद,कमांडेंट, बीएमपी 7

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विभा, पुलिस कर्मी, बीएमपी 7

विभा ने नहीं मानी हार
कुछ महीने बाद ठीक होकर कृत्रिम पैर के जरिए आज विभा उसी जोश और जुनून के साथ ड्यूटी कर रही हैं. जैसे वह उस हादसे के पहले करती थी. विभा के देश भक्ति और उसके जुनून को देखते हुए बीएमपी 7 के कमांडेंट दिलनवाज अहमद और बीएमपी 7 के अन्य महिला पुलिसकर्मी विभा के जज्बे को सलाम कर रहे हैं. इन दिनों विभा की ड्यूटी बीएमपी 7 के अंदर बने महिला चाइल्ड केयर में लगाया गया है. और वह अपने महिला पुलिसकर्मी साथी जो ड्यूटी में चले जाते हैं उनके बच्चों का देखभाल करती हैं और मां की तरह उनका लालन-पालन करती हैं.

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सहकर्मियों के साथ विभा

'देश के लिए कुछ करने के लिए 2015 में बिहार सैन्य पुलिस ज्वाइन किया लेकिन उस ट्रेन हादसे में दोनों पैर गंवाने के बाद हौसला टूट गया था. लेकिन मैंने हार नहीं मानी और फिर कुछ महीने बाद ठीक होकर कृत्रिम पैर के जरिए उसी जज्बे और जुनून के साथ ड्यूटी निभा रही हूं'.- विभा, पुलिस कर्मी, बीएमपी 7

'महिलाओं को हौसला नहीं खोना चाहिए'
ईटीवी भारत से बात करते हुए विभा कहती हैं कि चाहे जो भी हालात हों महिलाओं को कभी भी अपना हौसला नहीं खोना चाहिए. हिम्मत और मजबूती के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए. कभी न कभी सफलता जरूर मिलेगी.

Last Updated : Mar 7, 2021, 9:12 PM IST
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