पटना: ट्रांसजेंडरों की समाज में भागीदारी बढ़ाने के लिए नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ( NMRC ) ने बड़ा कदम उठाया है. पिंक स्टेशन ( Pink Station ) के बाद एनएमआरसी ट्रांसजेंडर स्टेशन की शुरुआत की गयी. इसके तहत नोएडा सेक्टर-50 मेट्रो स्टेशन ( Noida Sector 50 Metro station ) ट्रांसजेंडर्स के लिए समर्पित किया गया. इसी नोएडा सेक्टर में 50 स्टेशन की टीम लीडर है कटिहार की माही गुप्ता.
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मेट्रो स्टेशन पर टीम लीडर है माही: कटिहार जिले के काढ़ागोला ब्लॉक के सेमापुर गांव से ताल्लुक रखने वाली माही नोएडा सेक्टर 50 मेट्रो स्टेशन की टीम लीडर (Mahi Gupta is team leader of Pride Station) है. वह छह लोगों की टीम को लीड करती हैं. माही ने यह मकाम रातो-रात हासिल नहीं की है. इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और लगन है. ईटीवी भारत के साथ विशेष बात करते हुए माही बताती हैं कि वह दौर कुछ अलग था. वह पढ़ना चाहती थी, कुछ अलग करना चाहती थी लेकिन कहीं न कहीं समाज की रूढ़िवदी बातें सामने आ रही थी. चार बहनों में वह तीसरे नंबर पर थी. बाकी सारी बहनें सामान्य थी लेकिन कुदरत ने उसे अलग तरीके से बनाया था. वर्ष 2007 में माही को घर से निकाल दिया गया. 2017 में घर वालों ने उसकी अचीवमेंट के बाद उसे स्वीकार कर लिया.
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खुद को टूटने मत दोः माही कहती है, मैं अपने समुदाय के लोगों से यही कहना चाहती हूं कि कभी भी खुद को टूटने मत दो. जैसे अच्छा वक्त निकलता है, वैसे ही बुरा वक्त भी निकल जाता है. वह कहती हैं लोगों के कुछ तो कहना होता है, वह तो कहेंगे ही. लोगों की बातों पर अपने सपनों को नहीं तोड़ना चाहिए. आज बहुत सारे लोगों का कॉल और मैसेज आते हैं. बहुत सारे लोग स्टेशन पर कहते हैं कि हमें आप पर गर्व है कि आपने अपनी लाइफ को इतना बेहतर बनाया है. माही कहती हैं कि सबसे पहले खुद से प्यार करना सीखें फिर दुनिया भी आपको प्यार करने लगेगी. आज मैं एक लेवल पर हूं लेकिन मेरी तमन्ना है कि मैं आगे और बेहतर लेवल पर जाऊं. वह कहती है मैं सभी ट्रांस भाई और बहन से यह जरूर करना चाहूंगी कि वो पढ़ाई जरूर करें. जीवन में प्रॉब्लम है आगे भी दिक्कतें रहेंगी.
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माही ने की है मेहनतः भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल काउंसिल फॉर ट्रांसजेंडर पर्सन की एक्सपर्ट मेंबर रेशमा प्रसाद बताती हैं कि वो करीब 12 सालों से माही को जानती हैं. माही बिहार ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की मेंबर भी रह चुकी हैं. वो कहती हैं, ट्रांसजेंडर की जिंदगी बहुत मुश्किल होती है. सामने आने पर दुनिया खड़ी होती है और अगर सामने ना हो तो खुद की जिंदगी बंद पड़ी होती है. रेशमा कहती हैं कि माही एक बहुत ही माइंड ब्लोइंग पर्सन है. उन्होंने अपनी पढ़ाई बिहार से की है और मुंबई से भी की है. रेशमा कहती हैं कि आप आगे तभी बढ़ सकते हैं जब आपके पास शिक्षा हो. उन्होंने शिक्षा हासिल की और यह मुकाम हासिल की है.
बिहार में भी हो ऐसी पहलः रेशमा कहती है कि माही मिस ट्रांस स्क्रीन बिहार भी रह चुकी हैं. वह अपनी ब्यूटी और ब्रेन दोनों को एक साथ लेकर चलती हैं. माही ने संघर्ष की दरिया को पार करके मुकाम हासिल किया है. यह बिहार और मेरे ट्रांसजेंडर साथियों के लिए गौरव की बात है. रेशमा कहती है कि जो पहल दिल्ली मेट्रो में की गई है, वैसी पहल पटना मेट्रो में भी होनी चाहिए. हमारे ट्रांसजेंडर साथियों के लिए एक ऐसा स्टेशन नोटिफाइड होना चाहिए और वहां काम करने वाले साथ ही ट्रांसजेंडर हो. उनकी जिंदगी अच्छी हो जाएगी. रेशमा कहती हैं कि 2011 की जनगणना के अनुसार पूरे देश में करीब पांच लाख ट्रांसजेंडर हैं, जबकि बिहार में 40,986 ट्रांसजेंडर हैं.
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बनाया प्राइड स्टेशनः ज्ञात हो कि 28 अक्तूबर को नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने अपने एक मेट्रो स्टेशन का नाम आधिकारिक तौर पर बदल दिया था. नोएडा के सेक्टर 50 मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर प्राइड स्टेशन कर दिया गया था, जो कि ट्रांसजेंडर समुदाय को समर्पित है. उत्तर भारत का इस तरह का यह पहला मेट्रो स्टेशन है. इस मेट्रो स्टेशन का संचालन ट्रांसजेंडर समुदाय के ही लोग करते हैं. इससे पहले केरल में कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड ने भी 2017 में 23 ट्रांसजेंडर की भर्ती करने का बड़ा फैसला लिया था.