ETV Bharat / state

कटिहार: जेल कनेक्शन के खुलासे के बाद बंद आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज - bihar news

कटिहार सदर एसडीपीओ अनिल कुमार ने बताया कि स्थानीय सहायक थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गये हैं.

एसडीपीओ
author img

By

Published : Jun 2, 2019, 11:35 AM IST

कटिहार: बीते महीने कटिहार नगर थाना के एक चावल व्यवसायी से दिन दहाड़े हथियारबंद बदमाशों ने बारह लाख रुपये लूट लिए थे. इसके बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित स्पेशल टीम ने लूट के 53 हजार रूपये के साथ दो आरोपी को गिरफ्तार किया था. मामले की जांच के दौरान यह साक्ष्य सामने आया है कि कटिहार जेल में बंद आरोपी के आदेश पर दोनों बदमाशों ने अन्य कुछ आरोपियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था. साथ ही घटना से पहले आरोपियों ने जेल में बंद मंजीत से मोबाइल पर बातें भी की थी.

प्राथमिकी दर्ज करने का दिया निर्देश
इस खुलासे के बाद जहां दोनों गिरफ्तार आरोपी पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जेल भेज दिया. वहीं आरोपी मंजीत के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसते हुए अलग से एफआईआर के आदेश दिये गए. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के लीडर और कटिहार सदर एसडीपीओ अनिल कुमार ने बताया कि स्थानीय सहायक थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गये हैं.

जानकारी देते एसडीपीओ


जेल प्रशासन पर उठता है सवाल
लेकिन अब सवाल उठता है कि जेल में मोबाइल फोन के दुरुपयोग को रोकने को लेकर सरकार ने जैमर लगा रखे हैं. इसके अलावे सलाखों के पीछे कक्षपाल और कारा पुलिस की भी व्यवस्था होती है. इसके बाद भी अपराधी धड़ल्ले से मोबाइल फोन का उपयोग गलत कामों में करते हैं. इस तमाम इंतजाम के बाद भी जेल में कैसे बदमाशों के हाथ मोबाइल फोन पहुंचती हैं. यह गहन जांच का विषय है, लापरवाह कर्मियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

कटिहार: बीते महीने कटिहार नगर थाना के एक चावल व्यवसायी से दिन दहाड़े हथियारबंद बदमाशों ने बारह लाख रुपये लूट लिए थे. इसके बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा गठित स्पेशल टीम ने लूट के 53 हजार रूपये के साथ दो आरोपी को गिरफ्तार किया था. मामले की जांच के दौरान यह साक्ष्य सामने आया है कि कटिहार जेल में बंद आरोपी के आदेश पर दोनों बदमाशों ने अन्य कुछ आरोपियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था. साथ ही घटना से पहले आरोपियों ने जेल में बंद मंजीत से मोबाइल पर बातें भी की थी.

प्राथमिकी दर्ज करने का दिया निर्देश
इस खुलासे के बाद जहां दोनों गिरफ्तार आरोपी पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जेल भेज दिया. वहीं आरोपी मंजीत के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसते हुए अलग से एफआईआर के आदेश दिये गए. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के लीडर और कटिहार सदर एसडीपीओ अनिल कुमार ने बताया कि स्थानीय सहायक थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए गये हैं.

जानकारी देते एसडीपीओ


जेल प्रशासन पर उठता है सवाल
लेकिन अब सवाल उठता है कि जेल में मोबाइल फोन के दुरुपयोग को रोकने को लेकर सरकार ने जैमर लगा रखे हैं. इसके अलावे सलाखों के पीछे कक्षपाल और कारा पुलिस की भी व्यवस्था होती है. इसके बाद भी अपराधी धड़ल्ले से मोबाइल फोन का उपयोग गलत कामों में करते हैं. इस तमाम इंतजाम के बाद भी जेल में कैसे बदमाशों के हाथ मोबाइल फोन पहुंचती हैं. यह गहन जांच का विषय है, लापरवाह कर्मियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.

Intro:.......ईटीवी भारत के खबर का असर ......। बिहार में जेल , अपराधियों के सुरक्षित पनाह , जहाँ से ऑपरेट होते हैं । बाहर घूम रहे बंद सरगनाओं के गुर्गे देते हैं अपने हुक्मरानों के आदेश के बाद वारदात को अंजाम के खबर को प्रमुखता से दिखाये जाने के बाद कटिहार पुलिस एक्शन मोड में आ गयी हैं और अब जेल में बन्द आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिये हैं .....।


Body:........दरअसल , बीते 31 मई को ईटीवी भारत ने अपने खबर में प्रमुखता से प्रसारित किया था कि कटिहार नगर थाना के एक चावल व्यवसायी से दिन दहाड़े संगीनों के बल पर हथियारबंद बदमाशों ने भीड़ भरे इलाके में बारह लाख रुपये लूट चम्पत हो गये थे । कटिहार पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस अधिकारियों की एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनायी थी जिसका नेतृत्व सदर एसडीपीओ अनिल कुमार कर रहें थे । इस टीम ने दो बदमाशों को लूट के तिरपन हजार रुपये नगद के साथ गिरफ्तार किया था और तफशीश के दौरान यह साक्ष्य सामने आये थे कि कटिहार जेल में बन्द आरोपी दिलीप सहनी के आदेश पर दोनों बदमाशों ने अन्य कुछ आरोपियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था और घटना से पूर्व जेल में बन्द मंजीत से मोबाइल पर बातें की थी.....। इस खुलासे के बाद जहाँ दोनों गिरफ्तार आरोपी को अग्रतर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जेल भेज दिया वहीं आरोपी मंजीत के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसते हुए अलग एफआईआर के आदेश दिये । स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के लीडर और कटिहार सदर एसडीपीओ अनिल कुमार ने बताया कि स्थानीय सहायक थाने में प्राथमिकी के निर्देश दिये गये हैं ......।


Conclusion:........लेकिन अब सवाल उठता हैं कि जेल में मोबाइल फोन के दुरुपयोग को रोकने को लेकर सरकार ने जैमर लगा रखे हैं और इसके अलावे सलाखों के पीछे कक्षपाल और कारा पुलिस की भी व्यवस्था होती हैं तो इस तमाम इंतजाम के बाद भी जेल में कैसे बदमाशों के हाथ मोबाइल फोन पहुँचती हैं और कैसे वह धड़ल्ले से इसका गलत कार्यों में उपयोग करते हैं , यह गहन जाँच का विषय हैं और इसके लापरवाह कर्मियों पर भी कार्रवाई निश्चित होनी चाहिये.........।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.