कटिहार: जिले में स्वास्थ्य विभाग का हाल खराब है. कटिहार सदर अस्पताल में क्रिटिकल मरीजों के लिए आईसीयू का निर्माण कराया गया था जो, पिछले 3 साल से बंद पड़ा हुआ है. 2011 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने सदर अस्पताल में मौजूद आईसीयू का उद्घाटन किया था. लेकिन कुछ दिन तक ठीक ठाक रहने के बाद अब आईसीयू की हालत खराब हो गई है.
3 साल से लटका है ताला
जिले के सदर अस्पताल के गहन चिकित्सा केंद्र में पिछले 3 सालों से ताला लटका है, जिससे क्रिटिकल मरीजों के इलाज में काफी परेशानी होती है. ऐसे में बेहतर इलाज के लिए उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पड़ता है. वहीं, इस हॉस्पिटल में डॉक्टर की कमी की वजह से यह बंद पड़ा हुआ है. जिसे सिविल सर्जन ने जल्द ही चालू कराने का निर्देश दिया है.
इलाज के लिए 2000 मरीज पहुंचते हैं रोज
बता दें कि सदर अस्पताल जहां हर रोज तकरीबन 2000 मरीज पहुंचते हैं और उसमें कुछ ऐसे भी क्रिटिकल कंडीशन में होते हैं. आईसीयू को सही रूप से चलाने के लिए तीन चिकित्सक इनमें एक फिजीशियन एक सर्जन और एक एनेस्थेसियन का पद स्वीकृत किया गया है, लेकिन वर्तमान में तीनों पद चिकित्सकों की कमी के वजह से खाली पड़ा हुआ है.
'सरकार को किया गया है पत्राचार'
सिविल सर्जन अरविंद प्रसाद शाही ने बताया आईसीयू में चिकित्सकों की कमी है और इसके लिए सरकार को पत्राचार किया गया है. सरकार की ओर से चिकित्सकों की नियुक्ति होने के बाद आईसीयू को शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया बहुत जल्द ही कटिहार सदर अस्पताल का आईसीयू चालू हो जाएगा.