ETV Bharat / state

कटिहार: सदर अस्पताल के ICU में 3 साल से लटका है ताला, इलाज के लिए भटक रहे मरीज - सिविल सर्जन अरविंद प्रसाद शाही

कटिहार के सदर अस्पताल के गहन चिकित्सा केंद्र में पिछले 3 सालों से ताला लटका है, जिससे क्रिटिकल मरीजों के इलाज में काफी परेशानी होती है. ऐसे में बेहतर इलाज के लिए उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पड़ता है.

katihar
सदर अस्पताल के आईसीयू में 3 साल से लटका है ताला
author img

By

Published : Jan 10, 2020, 6:15 PM IST

कटिहार: जिले में स्वास्थ्य विभाग का हाल खराब है. कटिहार सदर अस्पताल में क्रिटिकल मरीजों के लिए आईसीयू का निर्माण कराया गया था जो, पिछले 3 साल से बंद पड़ा हुआ है. 2011 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने सदर अस्पताल में मौजूद आईसीयू का उद्घाटन किया था. लेकिन कुछ दिन तक ठीक ठाक रहने के बाद अब आईसीयू की हालत खराब हो गई है.

3 साल से लटका है ताला
जिले के सदर अस्पताल के गहन चिकित्सा केंद्र में पिछले 3 सालों से ताला लटका है, जिससे क्रिटिकल मरीजों के इलाज में काफी परेशानी होती है. ऐसे में बेहतर इलाज के लिए उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पड़ता है. वहीं, इस हॉस्पिटल में डॉक्टर की कमी की वजह से यह बंद पड़ा हुआ है. जिसे सिविल सर्जन ने जल्द ही चालू कराने का निर्देश दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इलाज के लिए 2000 मरीज पहुंचते हैं रोज
बता दें कि सदर अस्पताल जहां हर रोज तकरीबन 2000 मरीज पहुंचते हैं और उसमें कुछ ऐसे भी क्रिटिकल कंडीशन में होते हैं. आईसीयू को सही रूप से चलाने के लिए तीन चिकित्सक इनमें एक फिजीशियन एक सर्जन और एक एनेस्थेसियन का पद स्वीकृत किया गया है, लेकिन वर्तमान में तीनों पद चिकित्सकों की कमी के वजह से खाली पड़ा हुआ है.

'सरकार को किया गया है पत्राचार'
सिविल सर्जन अरविंद प्रसाद शाही ने बताया आईसीयू में चिकित्सकों की कमी है और इसके लिए सरकार को पत्राचार किया गया है. सरकार की ओर से चिकित्सकों की नियुक्ति होने के बाद आईसीयू को शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया बहुत जल्द ही कटिहार सदर अस्पताल का आईसीयू चालू हो जाएगा.

कटिहार: जिले में स्वास्थ्य विभाग का हाल खराब है. कटिहार सदर अस्पताल में क्रिटिकल मरीजों के लिए आईसीयू का निर्माण कराया गया था जो, पिछले 3 साल से बंद पड़ा हुआ है. 2011 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने सदर अस्पताल में मौजूद आईसीयू का उद्घाटन किया था. लेकिन कुछ दिन तक ठीक ठाक रहने के बाद अब आईसीयू की हालत खराब हो गई है.

3 साल से लटका है ताला
जिले के सदर अस्पताल के गहन चिकित्सा केंद्र में पिछले 3 सालों से ताला लटका है, जिससे क्रिटिकल मरीजों के इलाज में काफी परेशानी होती है. ऐसे में बेहतर इलाज के लिए उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पड़ता है. वहीं, इस हॉस्पिटल में डॉक्टर की कमी की वजह से यह बंद पड़ा हुआ है. जिसे सिविल सर्जन ने जल्द ही चालू कराने का निर्देश दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इलाज के लिए 2000 मरीज पहुंचते हैं रोज
बता दें कि सदर अस्पताल जहां हर रोज तकरीबन 2000 मरीज पहुंचते हैं और उसमें कुछ ऐसे भी क्रिटिकल कंडीशन में होते हैं. आईसीयू को सही रूप से चलाने के लिए तीन चिकित्सक इनमें एक फिजीशियन एक सर्जन और एक एनेस्थेसियन का पद स्वीकृत किया गया है, लेकिन वर्तमान में तीनों पद चिकित्सकों की कमी के वजह से खाली पड़ा हुआ है.

'सरकार को किया गया है पत्राचार'
सिविल सर्जन अरविंद प्रसाद शाही ने बताया आईसीयू में चिकित्सकों की कमी है और इसके लिए सरकार को पत्राचार किया गया है. सरकार की ओर से चिकित्सकों की नियुक्ति होने के बाद आईसीयू को शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया बहुत जल्द ही कटिहार सदर अस्पताल का आईसीयू चालू हो जाएगा.

Intro:कटिहार

कटिहार सदर अस्पताल का गहन चिकित्सा केंद्र पर पिछले 3 वर्षों से लटका है ताला, क्रिटिकल मरीजों को ईलाज में होती है काफी परेशानी, बेहतर इलाज के लिए जाना पड़ता है प्राइवेट चिकित्सालय, डॉक्टर की कमी के वजह से बंद पड़ा हुआ है आईसीयू, सिविल सर्जन ने जल्द ही चालू कराने का किया निर्देश।


Body:Anchor_ जिले के स्वास्थ्य विभाग में कोई सुधार नहीं हो रहा है कटिहार सदर अस्पताल में क्रिटिकल मरीजों के लिए आईसीयू का निर्माण कराया गया था जो पिछले 3 साल से बंद पड़ा हुआ है। 2011 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने सदर अस्पताल में मौजूद आईसीयू का उद्घाटन किया था लेकिन कुछ दिन तक ठीक ठाक रहने के बाद आईसीयू का हालत खराब हो गया।

V.O1_ करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद इस आईसीयू का निर्माण कराया गया था लेकिन डॉक्टरों की कमी की मार आए दिन मरीजों को झेलनी पड़ती है और मरीजों को बेहतर इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। इतना ही नहीं अगर कोई गंभीर मरीज अस्पताल में आ जाता है तो डॉक्टर सिर्फ उसे रेफर करने में ही अपनी भलाई समझते हैं।

V.O2_ जिले के सबसे बड़े सदर अस्पताल जहां हर रोज तकरीबन 2000 मरीज पहुंचते हैं और उसमें कुछ ऐसे भी मरीज होते हैं जो क्रिटिकल कंडीशन में होते हैं वैसे लोगों का इलाज सदर अस्पताल में नहीं हो पाता और उन्हें बेहतर इलाज के लिए प्राइवेट अस्पतालों को रुख करना पड़ता है। आईसीयू को सही रूप से चलाने के लिए तीन चिकित्सक इनमें एक फिजीशियन एक सर्जन एवं एक एनेस्थेसियन का पद स्वीकृत किया गया है लेकिन वर्तमान में तीनों पद चिकित्सकों की कमी के वजह से खाली पड़ा हुआ है।

byte1_ इस पूरे मामले में कटिहार सिविल सर्जन अरविंद प्रसाद शाही ने बताया आईसीयू में चिकित्सकों की कमी है और इसके लिए सरकार को पत्राचार किया गया है सरकार के द्वारा चिकित्सकों की नियुक्ति होने के बाद आईसीयू को शुरू कर दिया जाएगा इसके लिए प्रयासरत रहें उन्होंने बताया बहुत जल्द ही कटिहार सदर अस्पताल का आईसीयू शुरू हो जाएगा।


Conclusion:सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे कहते हैं बिहार में स्वास्थ्य सेवा में सुधार हो रहा है और राज्य के सभी अस्पतालों में नए तकनीक से मरीजों का इलाज किया जा रहा है लेकिन कटिहार के सदर अस्पताल में आईसीयू का स्थिति देखकर कहा जा सकता है कि सरकार का दावा झूठा साबित हो रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए बिहार सरकार जल्द से जल्द चिकित्सकों की नियुक्ति करें और आईसीयू को चालू करने में मदद करें ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.