कटिहार: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को केन्द्र सरकार ने खत्म कर दिया है. सरकार के इस फैसले से आम लोग से लेकर फ्रीडम फाइटर भी खुश हैं. जिले केस्वतंत्रता सेनानी सत्यनारायण सौरभ ने सरकार के इस फैसले को साहसिक और ऐतिहासिक बताया है.
ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में स्वतंत्रता सेनानी सत्यनारायण सौरभ ने कश्मीर का अनुभव साझा किया. सत्यनारायण सौरभ के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जाने पर परमिट बनाना पड़ता था. बगैर परमिट के इंट्री नहीं मिलती. ऐसा लगता जैसे किसी दूसरे देश में आ गए हैं. कभी-कभी पुलिस पीछे लग जाती थी. जासूसी का शक किया जाता. हर तरफ पुलिस का कड़ा पहरा. काफी परेशानी झेलनी पड़ती. परमिट को लेकर इसकी शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला के दामाद गुलाम बख्शी से की थी. इसके बाद स्पेशल परमिट दिया गया.
'कार्रवाई के लिए पीएम और गृह मंत्री को धन्यवाद'
स्वतंत्रता सेनानी सत्यनारायण सौरभ के मुताबिक, इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान भारत के खिलाफ सिर्फ दुष्प्रचार कर सकता है. अनुच्छेद 370 और 35 ए खत्म होने से मुझे बहुत खुशी हुई. स्वतंत्रता सेनानी ने इसके लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया. आगे कहते हैं, पाकिस्तान के साथ वार्ता केवल अभिन्न हिस्सा पीओके, गिलगिट पर हो.
गुलाम कश्मीर को भी कराया जाए आजाद
सरकार के इस कदम पर विरोध कर रहे सियासी दलों पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि सरकार ने इस काम को कर के क्रांति ला दी है. सरकार के इस फैसले से मैं बेहद प्रसन्न हूं. सरकार से अनुरोध करते हुए कहते हैं, वर्तमान हालात पर नियंत्रण रखा जाए. पाकिस्तान, यूएन जा सकता है. इससे निपटने के बाद गुलाम कश्मीर को आजाद कराने की तरफ सरकार कदम बढ़ाए. गौरतलब है कि मॉनसून सत्र में संसद ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है.