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गेड़ाबाड़ी-कटिहार सड़क मार्ग खस्ताहाल, वाहनचालक दिन में जलाते हैं गाड़ियों के हेडलाइट

एसएच का दर्जा मिलने के बाद 18 किमी मार्ग का पक्कीकरण किया जाना था. लेकिन विभागीय लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी के कारण यह कार्य विगत 2 साल में भी पुरा नही हो पाया है.

कटिहार सड़क मार्ग
गेड़ाबाड़ी-कटिहार सड़क मार्ग हुआ खस्ताहाल
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Published : Nov 28, 2019, 10:23 AM IST

Updated : Nov 28, 2019, 11:37 AM IST

कटिहार: जिला मुख्यालय से गांव तक सड़कों का जाल तो जरुर बिछा, लेकिन गुणवत्ता की अनदेखी से अधिकांश सड़के खस्ताहाल हैं. जिले के कई अहम सड़कों की वर्तमान दशा खुद सब कुछ खुद ही बयां कर रही है. प्रदेश की सरकार ने नेशनल हाईवे - 31 को जोड़ने वाली कटिहार - गेड़ाबाड़ी मार्ग को स्टेट हाईवे का दर्जा दिया हुआ है. इस मार्ग का पक्कीकरण होना था. लेकिन 2 साल से इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. जिस वजह से सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. धूलकण की वजह से यात्रियों को दिन में ही वाहनों के हेडलाइट्स जलाने पड़ते हैं.

कटिहार सड़क मार्ग
हेडलाइट जलाकर यात्रा करते वाहनचालक

2 साल से लंबित पड़ा है काम
इस बाबत स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार ने जब मार्ग को स्टेट हाईवे का दर्जा दिया तो हम लोग काफी खुश थे. लेकिन यही खुशी वर्तमान समय में हमलोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. दरअसल, मामला यह है कि एसएच का दर्जा मिलने के बाद 18 किमी मार्ग का पक्कीकरण किया जाना था. लेकिन विभागीय लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी के कारण यह कार्य विगत 2 साल में भी पूरा नही हो पाया है. स्थानीय ग्रामीण इनामुल बताते हैं कि इस सड़क मार्ग पर लोगों को बीस किलोमीटर की दूरी तय करने में पसीने छुट जाते है. इसका मरम्मत कार्य दो वर्ष पूर्व हुआ था. लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.

पेश है एक खास रिपोर्ट

'हेडलाइट जलाकर यात्रा करने को मजबूर हैं राहगीर'
मामले पर कोढ़ा से जिला परिषद सदस्य वकील दास बताते हैं कि वर्तमान समय में इस मार्ग पर हालात इस कदर बेपटरी है कि यहां से गुजरने वाले राहगीर अपनी जान को हथेली पर रखकर यात्रा कर रहे है. उन्होंने बताया कि वाहन चालक अनहोनी के भय से दिन में भी गाड़ियों के हैडलाइट्स जला कर चलते है. उन्होंने बताया कि संवेदक की लापरवाही के वजह से सड़क अभी तक नहीं बन पाया हैं. सड़क के निर्माण के लिए जिले के डीएम और वरीय पदाधिकारी से गुहार लगा कर थक चुकें है. लेकिन मामले पर किसी ने कोई जहमत नहीं उठाई.

कटिहार सड़क मार्ग
2 साल से अधर में है कार्य

2017 था कार्य समाप्ति का लक्ष्य
बताया जा रहा है कि जिस समय सरकार ने इस मार्ग के पक्कीकरण के आदेश दिया था, उस समय कार्य आदेश वर्ष 2016 था और इस मार्ग का कार्य समाप्ति का लक्ष्य मार्च - 2017 रखा गया था. लेकिन जिला प्रशासन की धोर लापरवाही के कारण 2 साल बीत जाने के बाद भी यह कार्य अभी आधा भी पूरा नहीं हो पाया हैं. सड़क पर कच्ची मिट्टी और धूल ने राहगीरों को परेशान कर रखा हैं. सड़क निर्माण के नाम पर खोदे गये गड्ढे लोगों के लिये जानलेवा बन गये हैं .

कटिहार सड़क मार्ग
वकील दास, जिला परिषद

चुनाव में सड़कों का निर्माण है प्रमुख मुद्दा
गौरतलब है कि जिले में चुनाव के दौरान सड़क का मुद्दा प्राथमिकता पर रहता है. सभी दलों की ओर से आश्वासनों की झड़ी लगा दी जाती है. लेकिन चुनाव के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है.

कटिहार: जिला मुख्यालय से गांव तक सड़कों का जाल तो जरुर बिछा, लेकिन गुणवत्ता की अनदेखी से अधिकांश सड़के खस्ताहाल हैं. जिले के कई अहम सड़कों की वर्तमान दशा खुद सब कुछ खुद ही बयां कर रही है. प्रदेश की सरकार ने नेशनल हाईवे - 31 को जोड़ने वाली कटिहार - गेड़ाबाड़ी मार्ग को स्टेट हाईवे का दर्जा दिया हुआ है. इस मार्ग का पक्कीकरण होना था. लेकिन 2 साल से इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. जिस वजह से सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. धूलकण की वजह से यात्रियों को दिन में ही वाहनों के हेडलाइट्स जलाने पड़ते हैं.

कटिहार सड़क मार्ग
हेडलाइट जलाकर यात्रा करते वाहनचालक

2 साल से लंबित पड़ा है काम
इस बाबत स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार ने जब मार्ग को स्टेट हाईवे का दर्जा दिया तो हम लोग काफी खुश थे. लेकिन यही खुशी वर्तमान समय में हमलोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. दरअसल, मामला यह है कि एसएच का दर्जा मिलने के बाद 18 किमी मार्ग का पक्कीकरण किया जाना था. लेकिन विभागीय लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी के कारण यह कार्य विगत 2 साल में भी पूरा नही हो पाया है. स्थानीय ग्रामीण इनामुल बताते हैं कि इस सड़क मार्ग पर लोगों को बीस किलोमीटर की दूरी तय करने में पसीने छुट जाते है. इसका मरम्मत कार्य दो वर्ष पूर्व हुआ था. लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.

पेश है एक खास रिपोर्ट

'हेडलाइट जलाकर यात्रा करने को मजबूर हैं राहगीर'
मामले पर कोढ़ा से जिला परिषद सदस्य वकील दास बताते हैं कि वर्तमान समय में इस मार्ग पर हालात इस कदर बेपटरी है कि यहां से गुजरने वाले राहगीर अपनी जान को हथेली पर रखकर यात्रा कर रहे है. उन्होंने बताया कि वाहन चालक अनहोनी के भय से दिन में भी गाड़ियों के हैडलाइट्स जला कर चलते है. उन्होंने बताया कि संवेदक की लापरवाही के वजह से सड़क अभी तक नहीं बन पाया हैं. सड़क के निर्माण के लिए जिले के डीएम और वरीय पदाधिकारी से गुहार लगा कर थक चुकें है. लेकिन मामले पर किसी ने कोई जहमत नहीं उठाई.

कटिहार सड़क मार्ग
2 साल से अधर में है कार्य

2017 था कार्य समाप्ति का लक्ष्य
बताया जा रहा है कि जिस समय सरकार ने इस मार्ग के पक्कीकरण के आदेश दिया था, उस समय कार्य आदेश वर्ष 2016 था और इस मार्ग का कार्य समाप्ति का लक्ष्य मार्च - 2017 रखा गया था. लेकिन जिला प्रशासन की धोर लापरवाही के कारण 2 साल बीत जाने के बाद भी यह कार्य अभी आधा भी पूरा नहीं हो पाया हैं. सड़क पर कच्ची मिट्टी और धूल ने राहगीरों को परेशान कर रखा हैं. सड़क निर्माण के नाम पर खोदे गये गड्ढे लोगों के लिये जानलेवा बन गये हैं .

कटिहार सड़क मार्ग
वकील दास, जिला परिषद

चुनाव में सड़कों का निर्माण है प्रमुख मुद्दा
गौरतलब है कि जिले में चुनाव के दौरान सड़क का मुद्दा प्राथमिकता पर रहता है. सभी दलों की ओर से आश्वासनों की झड़ी लगा दी जाती है. लेकिन चुनाव के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है.

Intro:.......बिहार सरकार ने नेशनल हाईवे - 31 को जोड़ने वाली कटिहार - गेड़ाबाड़ी मार्ग को स्टेट हाईवे का दर्जा तो दे दिया लेकिन यह राज्य मार्ग बीते दो सालों से लोगों के लिये परेशानी का सबब बना हुआ हैं । दरअसल , स्टेट हाईवे का दर्जा मिलने के बाद अठारह किलोमीटर लम्बी इस सड़क का पक्कीकरण किया जाना था लेकिन विभागीय लापरवाही और ठेकेदारों के मनमानापन की वजह से यह कार्य बीते दो वर्षों में भी पूरा नहीं हो पाया हैं । हालात इस कदर बेपटरी हैं कि इधर से गुजरने वाले राहगीरों को उड़ने वाले धूलकणों की वजह से सिर पर हेलमेट या कपड़ों को पहन दिन के उजाले में गाड़ियों के हैडलाइट्स जलाने पड़ते हैं ताकि हादसा से बचा जा सकें......।


Body:यह हैं कटिहार - गेड़ाबाड़ी स्टेट हाइवे.....। यह राज्य मार्ग कटिहार शहर और आसपास के इलाके को नेशनल हाइवे - 31 से जोड़ता हैं लेकिन जरा इसके हालात को देखिये ......। ग्रामीण सड़क में तब्दील इस राज्य मार्ग में पक्कीकरण के निर्माण के नाम पर जगह - जगह बड़े - बडे बेतरकीब गड्ढे बन गये हैं ....। और तो और गहरे धुएँ के रूप में धूलकणों का गुब्बारा राहगीरों की साँसे लेना भी दूभर कर डाला हैं । बताया जाता हैं राज्य सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत से इस मार्ग के पक्कीकरण के आदेश वर्ष - 2016 में ही दिये थे और इसका कार्य समाप्ति का लक्ष्य मार्च - 2017 रखा गया था लेकिन दो वर्ष बीतने को हैं और यह कार्य अभी आधा भी पूरा नहीं हो पाया हैं .....। सड़क के कच्ची मिट्टी के धूलों ने राहगीरों को परेशान कर रखा हैं और सड़क निर्माण के नाम पर खोदे गये गड्ढे लोगों के लिये जानलेवा बन गये हैं । स्थानीय ग्रामीण इनामुल बताते हैं कि उन्हें सिर पर हेलमेट लगा चलना कोई ट्रैफिक बाध्यता नहीं हैं बल्कि हेलमेट को पहन वह सभी इसलिये चलते हैं कि धूलों के फब्बारों से बचा जा सकें.....। कोढ़ा से जिला परिषद सदस्य वकील दास बताते हैं कि ठेकेदार की मनमानी की वजह से यह सड़क अभी तक नहीं बन पाया हैं । धूलकणों ने राहगीरों का जीना मुहाल कर रखा हैं और उन्होंने इसके जल्द निर्माण के पीछे संबंधित पदाधिकारी समेत जिला पदाधिकारी से स्वयं गुहार लगायी और लिखित में जल्द निर्माण के आवेदन भी दिये ......। बाबजुद इसके , बाबुओं का इसपर ना तो कभी ध्यान गया और ना ही किसी ने इसके निर्माण होने के जहमत ही उठायी । नतीजा यह हुआ कि इस सड़क से गुजरना , राहगीरों के लिये चैलेंज बन गया हैं.......।


Conclusion:दो साल से सड़क का आधा - अधूरा बनना और इस बाबत जिम्मेदार बाबुओं का जल्द संज्ञान नहीं लेना....यह बताने के लिये काफी हैं कि सूबे में विकास कार्य की गति क्या है और सुशासन बाबू आम - अवाम की परेशानी को दूर करने के बजाय चैन की वंशी बजाने में मशगूल हैं । अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर सरकार की नींद कब तक टूटती हैं और कब तक सड़क निर्माण कार्य पुरा होता हैं .......।
Last Updated : Nov 28, 2019, 11:37 AM IST
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