कटिहार: जिला मुख्यालय से गांव तक सड़कों का जाल तो जरुर बिछा, लेकिन गुणवत्ता की अनदेखी से अधिकांश सड़के खस्ताहाल हैं. जिले के कई अहम सड़कों की वर्तमान दशा खुद सब कुछ खुद ही बयां कर रही है. प्रदेश की सरकार ने नेशनल हाईवे - 31 को जोड़ने वाली कटिहार - गेड़ाबाड़ी मार्ग को स्टेट हाईवे का दर्जा दिया हुआ है. इस मार्ग का पक्कीकरण होना था. लेकिन 2 साल से इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. जिस वजह से सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं. धूलकण की वजह से यात्रियों को दिन में ही वाहनों के हेडलाइट्स जलाने पड़ते हैं.
2 साल से लंबित पड़ा है काम
इस बाबत स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार ने जब मार्ग को स्टेट हाईवे का दर्जा दिया तो हम लोग काफी खुश थे. लेकिन यही खुशी वर्तमान समय में हमलोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. दरअसल, मामला यह है कि एसएच का दर्जा मिलने के बाद 18 किमी मार्ग का पक्कीकरण किया जाना था. लेकिन विभागीय लापरवाही और ठेकेदारों की मनमानी के कारण यह कार्य विगत 2 साल में भी पूरा नही हो पाया है. स्थानीय ग्रामीण इनामुल बताते हैं कि इस सड़क मार्ग पर लोगों को बीस किलोमीटर की दूरी तय करने में पसीने छुट जाते है. इसका मरम्मत कार्य दो वर्ष पूर्व हुआ था. लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.
'हेडलाइट जलाकर यात्रा करने को मजबूर हैं राहगीर'
मामले पर कोढ़ा से जिला परिषद सदस्य वकील दास बताते हैं कि वर्तमान समय में इस मार्ग पर हालात इस कदर बेपटरी है कि यहां से गुजरने वाले राहगीर अपनी जान को हथेली पर रखकर यात्रा कर रहे है. उन्होंने बताया कि वाहन चालक अनहोनी के भय से दिन में भी गाड़ियों के हैडलाइट्स जला कर चलते है. उन्होंने बताया कि संवेदक की लापरवाही के वजह से सड़क अभी तक नहीं बन पाया हैं. सड़क के निर्माण के लिए जिले के डीएम और वरीय पदाधिकारी से गुहार लगा कर थक चुकें है. लेकिन मामले पर किसी ने कोई जहमत नहीं उठाई.
2017 था कार्य समाप्ति का लक्ष्य
बताया जा रहा है कि जिस समय सरकार ने इस मार्ग के पक्कीकरण के आदेश दिया था, उस समय कार्य आदेश वर्ष 2016 था और इस मार्ग का कार्य समाप्ति का लक्ष्य मार्च - 2017 रखा गया था. लेकिन जिला प्रशासन की धोर लापरवाही के कारण 2 साल बीत जाने के बाद भी यह कार्य अभी आधा भी पूरा नहीं हो पाया हैं. सड़क पर कच्ची मिट्टी और धूल ने राहगीरों को परेशान कर रखा हैं. सड़क निर्माण के नाम पर खोदे गये गड्ढे लोगों के लिये जानलेवा बन गये हैं .
चुनाव में सड़कों का निर्माण है प्रमुख मुद्दा
गौरतलब है कि जिले में चुनाव के दौरान सड़क का मुद्दा प्राथमिकता पर रहता है. सभी दलों की ओर से आश्वासनों की झड़ी लगा दी जाती है. लेकिन चुनाव के बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है.