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कटिहार: रेल पटरी किनारे शरण लिए बाढ़ पीड़ित, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा - बाढ़ पीड़ितों को सुविधाएं नहीं कराई जा रही उपलब्ध

लोगों का आरोप है कि कुछ जगहों पर दलगत राजनीति खेली जा रही है. कहां किस पार्टी के कितने वोटर हैं, कहां किसका वोट है, यह चिन्हित करके ही पीड़ितों तक सुविधाएं पहुंचाई जा रही है.

बाढ़ पीड़ित दे रहे मौत को आमंत्रण
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Published : Oct 6, 2019, 9:03 AM IST

कटिहार: बाढ़ और बारिश के चलते प्रदेश के कई जिलों में जलजमाव हो गया था. जिसके चलते लोगों के घरों में पानी घुस गया था. जिसकी वजह से लोगों को किसी दूसरी जगह पर शरण लेना पड़ा. तो वहीं जिले के कुछ लोग रेल पटरी के किनारे शरण लिए हुए हैं. इसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

कांग्रेस कमिटी की टीम जिले के बाढ़ पीड़ितों का जायजा ले रही है. उनका कहना है कि सरकार की तरफ से बाढ़ पीड़ितों के लिए की जा रही मदद काफी नहीं है, पीड़ितों को और मदद की जरूरत है.

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पटरी किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे बाढ़ पीड़ित

सुविधाएं नहीं कराई जा रही उपलब्ध
किसान संघ के जिला अध्यक्ष दिलीप विश्वास ने बताया कि कटिहार जिले का पांच प्रखंड सैलाब से पूरी तरह से प्रभावित है. कांग्रेस कमिटी की टीम ने अमदाबाद और मनिहारी प्रखंड का दौरा किया था. जहां अमदाबाद प्रखण्ड के चौदह पंचायत पूरी तरह जलमग्न है. बाढ़ पीड़ितों के हालात को देखते हुए वहां बीस हजार मीटर पॉलिथीन सीट की आवश्यकता है. लेकिन सरकार ने पांच हजार मीटर पॉलिथीन सीट देकर अपना पल्ला झाड़ लिया. साथ ही उन्होंने कहा कि सामुदायिक किचन की सुविधा भी बाढ़ पीड़ितों को सही तरीके से नहीं दी जा रही है.

रेल पटरी किनारे शरण लिए हुए हैं बाढ़ पीड़ित

खेली जा रही दलगत राजनीति
मनिहारी प्रखंड में भी बाढ़ पीड़ित त्राहिमाम कर रहे हैं. उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ जगहों पर दलगत राजनीति खेली जा रही है. कहां किस पार्टी के कितने वोटर है, कहां किसका वोट है, यह चिन्हित करके ही बाढ़ पीड़ितों तक सुविधाएं पहुंचाई जा रही है. जो कि बहुत दुखद है.

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दिलीप विश्वास, किसान संघ के जिला अध्यक्ष

बड़े हादसे को दे रहे दावत
दिलीप विश्वास ने बताया कि मनिहारी प्रखंड के बाढ़ पीड़ित पटरी किनारे झाड़-फानूस से झोपड़े बनाकर रह रहे हैं. लेकिन पुरुष, महिला और बच्चे सभी दिनभर पटरियों पर ही जिन्दगी गुजारते हैं. जब ट्रेन आती है तो सभी झोपड़ों में घुस जाते हैं. इस दौरान कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, जिसमें कई लोगों की जान जा सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए.

कटिहार: बाढ़ और बारिश के चलते प्रदेश के कई जिलों में जलजमाव हो गया था. जिसके चलते लोगों के घरों में पानी घुस गया था. जिसकी वजह से लोगों को किसी दूसरी जगह पर शरण लेना पड़ा. तो वहीं जिले के कुछ लोग रेल पटरी के किनारे शरण लिए हुए हैं. इसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

कांग्रेस कमिटी की टीम जिले के बाढ़ पीड़ितों का जायजा ले रही है. उनका कहना है कि सरकार की तरफ से बाढ़ पीड़ितों के लिए की जा रही मदद काफी नहीं है, पीड़ितों को और मदद की जरूरत है.

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पटरी किनारे झोपड़ी बनाकर रह रहे बाढ़ पीड़ित

सुविधाएं नहीं कराई जा रही उपलब्ध
किसान संघ के जिला अध्यक्ष दिलीप विश्वास ने बताया कि कटिहार जिले का पांच प्रखंड सैलाब से पूरी तरह से प्रभावित है. कांग्रेस कमिटी की टीम ने अमदाबाद और मनिहारी प्रखंड का दौरा किया था. जहां अमदाबाद प्रखण्ड के चौदह पंचायत पूरी तरह जलमग्न है. बाढ़ पीड़ितों के हालात को देखते हुए वहां बीस हजार मीटर पॉलिथीन सीट की आवश्यकता है. लेकिन सरकार ने पांच हजार मीटर पॉलिथीन सीट देकर अपना पल्ला झाड़ लिया. साथ ही उन्होंने कहा कि सामुदायिक किचन की सुविधा भी बाढ़ पीड़ितों को सही तरीके से नहीं दी जा रही है.

रेल पटरी किनारे शरण लिए हुए हैं बाढ़ पीड़ित

खेली जा रही दलगत राजनीति
मनिहारी प्रखंड में भी बाढ़ पीड़ित त्राहिमाम कर रहे हैं. उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ जगहों पर दलगत राजनीति खेली जा रही है. कहां किस पार्टी के कितने वोटर है, कहां किसका वोट है, यह चिन्हित करके ही बाढ़ पीड़ितों तक सुविधाएं पहुंचाई जा रही है. जो कि बहुत दुखद है.

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दिलीप विश्वास, किसान संघ के जिला अध्यक्ष

बड़े हादसे को दे रहे दावत
दिलीप विश्वास ने बताया कि मनिहारी प्रखंड के बाढ़ पीड़ित पटरी किनारे झाड़-फानूस से झोपड़े बनाकर रह रहे हैं. लेकिन पुरुष, महिला और बच्चे सभी दिनभर पटरियों पर ही जिन्दगी गुजारते हैं. जब ट्रेन आती है तो सभी झोपड़ों में घुस जाते हैं. इस दौरान कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, जिसमें कई लोगों की जान जा सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए.

Intro:....." कटिहार में मौत को आमंत्रण दे रहा हैं रेल पटरी के किनारे बसेरा बनाये सैकड़ों बाढ़ पीड़ित परिवार ....। कभी भी हो सकती हैं कोई बड़ा हादसा.....। जा सकती हैं एक साथ कई जानें ....। राज्य सरकार से गुजारिश कि अविलम्ब सरकार इसपर ध्यान दें " ....। यह कहना हैं कटिहार में बाढ़ पीड़ित इलाके का जायजा ले रही कांग्रेस कमिटी टीम का ....। सरकार की ओर से की जा बाढ़ पीड़ितों की मदद नाकाफी हैं और पीड़ितों के बीच और मदद की आवश्यकता हैं ......।


Body:इस मौके पर किसान सेल के जिला अध्यक्ष दिलीप विश्वाश ने बताया कि कटिहार जिले का पाँच प्रखण्ड सैलाब से पूर्णरुपेण प्रभावित हैं और कांग्रेस की त्रिस्तरीय टीम ने अमदाबाद और मनिहारी प्रखंडों का दौरा किया हैं । अमदाबाद प्रखण्ड के चौदह पंचायत पूरी तरह जलमग्न हैं और इसमें तीन पंचायत ऐसे हैं जहाँ एक भी पॉलिथीन , पीड़ितों के बीच नहीं बंटे हैं । अमदाबाद प्रखण्ड में बाढ़पीड़ितों के हालात देखते हुए वहाँ कम से कम बीस हजार मीटर पॉलिथीन सीट की आवश्यकता हैं जबकि जिला प्रशासन इसकी एक चौथाई यानि पाँच हजार मीटर पॉलीथिन सीट देकर अपने कर्तव्यों का इतिश्री कर ली है । उन्होंने बताया कि सामुदायिक किचेन नाकाफी हैं । कहीं - कहीं पाँच हजार रुपये देकर सामुदायिक किचेन की शुरुआत की गयी थी , उसके बाद वह भी बन्द हो गया । मनिहारी प्रखण्ड में भी वहीं हालात हैं , पीड़ित त्राहिमाम कर रहे हैं । उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ जगहों पर दलगत राजनीति से प्रेरित होकर कार्य किये जा रहें हैं । कहाँ किसका वोट हैं , कहाँ किसके वोटर हैं , यह चिन्हित करके रिलीफ पहुँचाया जा रहा हैं , जो दुःखद हैं ....। प्राकृतिक आपदा के समय में सभी को दलीय भावना से ऊपर उठकर काम करना चाहिये .....।


Conclusion:कांग्रेस किसान सेल के जिला अध्यक्ष दिलीप विश्वाश ने बताया कि मनिहारी प्रखण्ड के सिंगल टोला में जो बाढ़ पीड़ित पटरी किनारे आकर शरण लिये हुए हैं , उन्होंने वहाँ झाड़ - फानूस से बने झोपड़े तैयार कर लिये हैं लेकिन पुरुष , महिला , बच्चे सभी दिनभर पटरियों पर ही जिन्दगी गुजारते हैं और जब ट्रेन आती हैं तो हायतौबा कर आपाधापी कर सभी झोपड़ों में जा घुसते हैं , इस दौरान कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है । यह वाकया मौत को आमंत्रण हैं जिसमे कई जानें जा सकती हैं । राज्य सरकार को इसपर अविलम्ब ध्यान देना चाहिये ......।
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