कटिहारः नेपाल से आए प्रलयकारी जल ने दंडखोरा प्रखंड के नोहडी गांव को पूरी तरह से डूबा दिया है. बस्ती में घुसे सैलाब के पानी में कई जिंदगी मचानों पर बेबस पड़ी है. 3 दिन हो गए यहां चूल्हा तक नहीं जला है. बाढ़ के पानी में घिरे पीड़ितों ने बताया कि तीन दिनों से खाना नसीब नहीं हुआ है. बाढ़ का पानी पी कर जिंदा हैं.
बुजुर्गों के लिए आफत बनी बाढ़
ईटीवी भारत के संवाददाता जब खबर संग्रहित करने के सिलसिले में यहां पहुंचे तो मंजर देखकर हैरान रह गए. उन्होंने 3 दिनों से भूखे पेट पानी में फंसे दो लोगों को किसी तरह बाहर निकाला और तब तक आस-पास के ग्रामीण भी मदद को जुट गए. दंडखोरा प्रखंड के नोहडी गांव में बाढ़ के पानी ने आफत मचा रखी है. गांव में पानी घुस आने के कारण कई लोग यहां से पलायन कर चुके हैं.
नहीं पहुंचे सरकार के अधिकारी
बाढ़ पीड़ित बताते हैं कि सरकार की तरफ से अभी तक मदद के लिए कोई हाथ आगे नहीं बढ़ा है. इस गांव का शहरों से सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट चुका है, लिहाजा अधिकारी दूसरे गांव से ही लौट जाते हैं. यह दर्द सिर्फ एक गांव या बस्ती का नहीं है. बल्कि कटिहार के छह प्रखंड के सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. जिसमें लाखों की आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है. सरकारी मदद भी नसीब नहीं है और कागजी खानापूर्ति कर कैंप लगाया जा रहे है.
नहीं हो रहा आदेश का अनुपालन
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सूबे के प्रशासनिक अफसरों को हर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आदेश दे रखा है. लेकिन इसका अनुपालन अब तक ठीक से नहीं हो रहा है. अफसर सीएम की बातों को एक कान से सुन दूसरे कान से निकाल देते हैं. नतीजा यह है कि कई जगहों पर बाढ़ पीड़ितों को कोई मदद नहीं मिल रही है.