कटिहार: कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से सैकड़ों किसान दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इस बीच राजनीतिक पार्टियां भी इन कानूनों का विरोध कर रही है. लेकिन किसानों के इस विरोध-प्रदर्शन से सीमांचल के किसान अलग-थलग हैं. पंजाब, महाराष्ट्र के किसानों की हुंकार भी इन किसानों को प्रदर्शनों से नहीं जोड़ पायी है.
6 राज्यों के किसानों से संवाद
कटिहार के जिला कृषि कार्यालय में पूरे जिले के किसान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कार्यक्रम में शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 राज्यों के किसानों से संवाद किया और बटन दबाकर नौ करोड़ से अधिक किसान लाभार्थियों के खाते में अठारह करोड़ रुपये स्थानांतरित किये गये. इस मौके पर आये किसानों ने कृषि बिल पर अलग-अलग मत दिये.
किसानों के लिये मील का पत्थर
कटिहार सदर प्रखंड के किसान दिनेश मोहन ठाकुर ने नये एग्रीकल्चर बिल का पूरी तरह समर्थन किया और बताया कि यह बिल आगे आने वाले दिनों में किसानों के लिये मील का पत्थर साबित होगा.
"सरकार को सबसे पहले किसानों के समर्थन में मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानि एमएसपी लागू करना चाहिये. बिहार में मक्के का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. इसलिये यहां प्रोसेसिंग का काम भी होना चाहिये. तभी किसानों का कुछ भला होगा"- दामोदर प्रसाद शर्मा, किसान, पोखरिया गांव
"किसान यदि अपने हक के लिये सड़कों पर हैं तो, इसमें कोई गुनाह नहीं हैं"- प्रदीप कुमार विश्वास, किसान
"भारत सरकार का यह बिल किसानों के लिये बहुत आवश्यक है और यह कानून किसानों के लिये अच्छे दिन लायेगा"- गोपाल प्रसाद भगत, किसान