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कटिहार: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कार्यक्रम में शामिल हुए किसान, कृषि बिल पर कही बड़ी बात - कृषि बिल पर किसानों की राय

कटिहार में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कार्यक्रम में कई किसान शामिल हुए. इस दौरान कार्यक्रम में आये किसानों ने कृषि बिल पर अलग-अलग मत दिये. बता दें इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने 6 राज्यों के किसानों से संवाद किया.

Farmers joined Samman Nidhi program
Farmers joined Samman Nidhi program
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Published : Dec 26, 2020, 7:13 PM IST

कटिहार: कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से सैकड़ों किसान दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इस बीच राजनीतिक पार्टियां भी इन कानूनों का विरोध कर रही है. लेकिन किसानों के इस विरोध-प्रदर्शन से सीमांचल के किसान अलग-थलग हैं. पंजाब, महाराष्ट्र के किसानों की हुंकार भी इन किसानों को प्रदर्शनों से नहीं जोड़ पायी है.

6 राज्यों के किसानों से संवाद
कटिहार के जिला कृषि कार्यालय में पूरे जिले के किसान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कार्यक्रम में शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 राज्यों के किसानों से संवाद किया और बटन दबाकर नौ करोड़ से अधिक किसान लाभार्थियों के खाते में अठारह करोड़ रुपये स्थानांतरित किये गये. इस मौके पर आये किसानों ने कृषि बिल पर अलग-अलग मत दिये.

Farmers joined Samman Nidhi program
जानकारी देते किसान

किसानों के लिये मील का पत्थर
कटिहार सदर प्रखंड के किसान दिनेश मोहन ठाकुर ने नये एग्रीकल्चर बिल का पूरी तरह समर्थन किया और बताया कि यह बिल आगे आने वाले दिनों में किसानों के लिये मील का पत्थर साबित होगा.

"सरकार को सबसे पहले किसानों के समर्थन में मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानि एमएसपी लागू करना चाहिये. बिहार में मक्के का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. इसलिये यहां प्रोसेसिंग का काम भी होना चाहिये. तभी किसानों का कुछ भला होगा"- दामोदर प्रसाद शर्मा, किसान, पोखरिया गांव

Farmers joined Samman Nidhi program
कार्यक्रम में मौजूद किसान

"किसान यदि अपने हक के लिये सड़कों पर हैं तो, इसमें कोई गुनाह नहीं हैं"- प्रदीप कुमार विश्वास, किसान

देखें पूरी रिपोर्ट

"भारत सरकार का यह बिल किसानों के लिये बहुत आवश्यक है और यह कानून किसानों के लिये अच्छे दिन लायेगा"- गोपाल प्रसाद भगत, किसान

Farmers joined Samman Nidhi program
कार्यक्रम में मौजूद किसान
किसानों को समझाने में जुटे मंत्रीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर केन्द्र सरकार के कई मंत्री एक तरफ दावा कर किसानों को समझाने में जुटे हैं कि प्रस्तावित तीन कृषि कानून किसानों के हित में हैं. जबकि दूसरी तरफ किसान प्रदर्शनों में अपने तेवर और तल्ख करने में जुटे हैं.

कटिहार: कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से सैकड़ों किसान दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इस बीच राजनीतिक पार्टियां भी इन कानूनों का विरोध कर रही है. लेकिन किसानों के इस विरोध-प्रदर्शन से सीमांचल के किसान अलग-थलग हैं. पंजाब, महाराष्ट्र के किसानों की हुंकार भी इन किसानों को प्रदर्शनों से नहीं जोड़ पायी है.

6 राज्यों के किसानों से संवाद
कटिहार के जिला कृषि कार्यालय में पूरे जिले के किसान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कार्यक्रम में शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 राज्यों के किसानों से संवाद किया और बटन दबाकर नौ करोड़ से अधिक किसान लाभार्थियों के खाते में अठारह करोड़ रुपये स्थानांतरित किये गये. इस मौके पर आये किसानों ने कृषि बिल पर अलग-अलग मत दिये.

Farmers joined Samman Nidhi program
जानकारी देते किसान

किसानों के लिये मील का पत्थर
कटिहार सदर प्रखंड के किसान दिनेश मोहन ठाकुर ने नये एग्रीकल्चर बिल का पूरी तरह समर्थन किया और बताया कि यह बिल आगे आने वाले दिनों में किसानों के लिये मील का पत्थर साबित होगा.

"सरकार को सबसे पहले किसानों के समर्थन में मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानि एमएसपी लागू करना चाहिये. बिहार में मक्के का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. इसलिये यहां प्रोसेसिंग का काम भी होना चाहिये. तभी किसानों का कुछ भला होगा"- दामोदर प्रसाद शर्मा, किसान, पोखरिया गांव

Farmers joined Samman Nidhi program
कार्यक्रम में मौजूद किसान

"किसान यदि अपने हक के लिये सड़कों पर हैं तो, इसमें कोई गुनाह नहीं हैं"- प्रदीप कुमार विश्वास, किसान

देखें पूरी रिपोर्ट

"भारत सरकार का यह बिल किसानों के लिये बहुत आवश्यक है और यह कानून किसानों के लिये अच्छे दिन लायेगा"- गोपाल प्रसाद भगत, किसान

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कार्यक्रम में मौजूद किसान
किसानों को समझाने में जुटे मंत्रीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर केन्द्र सरकार के कई मंत्री एक तरफ दावा कर किसानों को समझाने में जुटे हैं कि प्रस्तावित तीन कृषि कानून किसानों के हित में हैं. जबकि दूसरी तरफ किसान प्रदर्शनों में अपने तेवर और तल्ख करने में जुटे हैं.
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