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कटिहार: बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली को अपना रहे किसान, हो रही है बिजली और पानी की बचत

कोढ़ा प्रखंड के प्रखंड उद्यान अधिकारी अमित कुमार पांडे ने बताया ड्रिप सिंचाई के जरिए रौतारा पंचायत के किसान अपने खेतों में इसका उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने बताया इस प्रणाली के तहत किसान 70% तक पानी की बचत कर सकते हैं. वहीं, फसलों के उत्पादन में 20 से 25% तक की वृद्धि भी हो सकती है.

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बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली
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Published : Jan 10, 2020, 9:47 AM IST

कटिहार: जिले के किसान अब ड्रिप सिंचाई के जरिए अपने खेतों की पटवन कर रहे हैं. जिससे पानी और बिजली की बचत होगी. साथ ही इससे मिट्टी की उर्वरकता भी प्रभावित नहीं होगी और किसानों को मेहनत भी कम लगेगी. वहीं, फसलों के उत्पादन में भी वृद्वि होगी. बता दें कि ड्रिप सिंचाई के लिए सरकार ने किसानों के लिए अनुदान की व्यवस्था भी की है.

खेतों में ड्रिप सिंचाई प्रणाली का इस्तेमाल
कटिहार के किसान भी अब बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली को अपना रहे हैं और इसी के जरिए अपने खेतों की पटवन कर रहे हैं. रौतारा पंचायत क्षेत्र में दो-तीन किसान अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं. बता दें कि सरकार ने ड्रिप सिंचाई के लिए किसानों को अनुदान देने के लिए भी व्यवस्था की है. ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस प्रणाली को अपनाकर मिट्टी पानी और बिजली की बचत कर सके.

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ड्रिप सिंचाई

बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली को अपना रहे किसान
प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना का लक्ष्य हर किसान का खेत सींचने के साथ प्रति बूंद अधिक फसल पैदा करने का व्यवस्था करना है. केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई यह योजना अब किसानों के परवान चढ़ने लगा है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और इसके लिए सरकार ने किसानों के लिए अनेकों योजनाएं चला रखी है. इसमें बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली भी है. जिसमें किसान ड्रिप सिंचाई के जरिए पानी और बिजली की कम खपत और मानव श्रम भी कम लगता है. साथ ही मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित नहीं होती है. इस तरह से बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आई है.

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ड्रिप सिंचाई के जरिए खेतों का कर रहे पटवन

बनी रहती है मिट्टी की गुणवत्ता
किसान संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली के जरिए वह अपने खेतों का पटवन कर रहे हैं. इससे पानी और बिजली की बचत होती है और मेहनत भी कम लगती है. साथ ही साथ मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहती है. उन्होंने बताया धान की फसलों को छोड़कर अन्य सभी फसलों में ड्रिप सिंचाई से पटवन कर सकते हैं.

फसलों के उत्पादन में होगी वृद्धि
कोढ़ा प्रखंड के प्रखंड उद्यान अधिकारी अमित कुमार पांडे ने बताया ड्रिप सिंचाई के जरिए रौतारा पंचायत के किसान अपने खेतों में इसका उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने बताया इस प्रणाली के तहत किसान 70% तक पानी की बचत कर सकते हैं. वहीं, फसलों के उत्पादन में 20% से 25% तक की वृद्धि भी हो सकती है.

ड्रिप सिंचाई को अपना रहे किसान

बिजली की होगी कम खपत
बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा ये है कि पानी की हर बूंद पौधे के लिए उपयोगी होती है. पौधे को जितने पानी की जरूरत है किसान उतना ही पानी देते हैं. एक हिस्से में सिंचाई पूरी होते ही पाइप को दूसरी तरफ बढ़ा दिया जाता है. इससे कम बिजली खपत और कम वक्त में पानी की हर बूंद उपयोगी हो जाती है. साथ ही फसल का उत्पादन भी दोगुना हो जाता है.

कटिहार: जिले के किसान अब ड्रिप सिंचाई के जरिए अपने खेतों की पटवन कर रहे हैं. जिससे पानी और बिजली की बचत होगी. साथ ही इससे मिट्टी की उर्वरकता भी प्रभावित नहीं होगी और किसानों को मेहनत भी कम लगेगी. वहीं, फसलों के उत्पादन में भी वृद्वि होगी. बता दें कि ड्रिप सिंचाई के लिए सरकार ने किसानों के लिए अनुदान की व्यवस्था भी की है.

खेतों में ड्रिप सिंचाई प्रणाली का इस्तेमाल
कटिहार के किसान भी अब बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली को अपना रहे हैं और इसी के जरिए अपने खेतों की पटवन कर रहे हैं. रौतारा पंचायत क्षेत्र में दो-तीन किसान अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं. बता दें कि सरकार ने ड्रिप सिंचाई के लिए किसानों को अनुदान देने के लिए भी व्यवस्था की है. ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस प्रणाली को अपनाकर मिट्टी पानी और बिजली की बचत कर सके.

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ड्रिप सिंचाई

बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली को अपना रहे किसान
प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना का लक्ष्य हर किसान का खेत सींचने के साथ प्रति बूंद अधिक फसल पैदा करने का व्यवस्था करना है. केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई यह योजना अब किसानों के परवान चढ़ने लगा है. 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और इसके लिए सरकार ने किसानों के लिए अनेकों योजनाएं चला रखी है. इसमें बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली भी है. जिसमें किसान ड्रिप सिंचाई के जरिए पानी और बिजली की कम खपत और मानव श्रम भी कम लगता है. साथ ही मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित नहीं होती है. इस तरह से बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आई है.

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ड्रिप सिंचाई के जरिए खेतों का कर रहे पटवन

बनी रहती है मिट्टी की गुणवत्ता
किसान संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली के जरिए वह अपने खेतों का पटवन कर रहे हैं. इससे पानी और बिजली की बचत होती है और मेहनत भी कम लगती है. साथ ही साथ मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहती है. उन्होंने बताया धान की फसलों को छोड़कर अन्य सभी फसलों में ड्रिप सिंचाई से पटवन कर सकते हैं.

फसलों के उत्पादन में होगी वृद्धि
कोढ़ा प्रखंड के प्रखंड उद्यान अधिकारी अमित कुमार पांडे ने बताया ड्रिप सिंचाई के जरिए रौतारा पंचायत के किसान अपने खेतों में इसका उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने बताया इस प्रणाली के तहत किसान 70% तक पानी की बचत कर सकते हैं. वहीं, फसलों के उत्पादन में 20% से 25% तक की वृद्धि भी हो सकती है.

ड्रिप सिंचाई को अपना रहे किसान

बिजली की होगी कम खपत
बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा ये है कि पानी की हर बूंद पौधे के लिए उपयोगी होती है. पौधे को जितने पानी की जरूरत है किसान उतना ही पानी देते हैं. एक हिस्से में सिंचाई पूरी होते ही पाइप को दूसरी तरफ बढ़ा दिया जाता है. इससे कम बिजली खपत और कम वक्त में पानी की हर बूंद उपयोगी हो जाती है. साथ ही फसल का उत्पादन भी दोगुना हो जाता है.

Intro:कटिहार

कटिहार के किसान अब ड्रिप सिंचाई के जरिए अपने खेतों की कर रहे हैं पटवन, ड्रिप सिंचाई के जरिए किसान पानी, बिजली की बचत कर सकते हैं और मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी तथा मेहनत भी कम लगेगी साथ ही फसलों के उत्पादन में वृद्धि भी होगी, ड्रिप सिंचाई के लिए की सरकार ने किसानों के लिए अनुदान की व्यवस्था भी कर रखी है।


Body:ANCHOR_ ड्रिप सिंचाई प्रणाली कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आई है। इससे पानी की खपत कम होती है, बिजली का खर्चा कम होता है और मानव श्रम भी कम लगता है साथ ही साथ मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित नहीं होती है। कुल मिला कहें तो ड्रिप सिंचाई के जरिए किसान अधिक पानी भी नहीं खर्च करेंगे और सिंचाई के लिए उपयुक्त होने वाली हर बूंद का फसल के लिए फायदा लेंगे। इससे ना सिर्फ सिंचाई में होने वाला खर्च कम होगा बल्कि कम लागत में अधिक उपज देने का सपना भी साकार होगा।

V.O1_ प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना का लक्ष्य हर किसान का खेत सींचने के साथ प्रति बूंद अधिक फसल पैदा करने का व्यवस्था करना है। केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई यह योजना अब किसानों के परवान चढ़ने लगा है। 2022 तक किसानों की आय दुगनी के लिए करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और इसके लिए सरकार ने किसानों के लिए अनेकों योजनाएं चला रखी है इसमें बूंद बूंद सिंचाई प्रणाली भी है जिसमें किसान ड्रिप सिंचाई के जरिए पानी की कम खपत, बिजली का खर्चा कम होना और मानव श्रम भी कम लगता है साथ ही मिट्टी की उर्वरता भी प्रभावित नहीं होती है। इस तरह से बूंद बूंद सिंचाई प्रणाली कृषि क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आई है।

V.O2_ कटिहार के किसान भी अब बूंद बूंद सिंचाई प्रणाली को अपना रहे हैं और इसी के जरिए अपने खेतों की पटवन कर रहे हैं कटिहार के रौतारा पंचायत क्षेत्र में दो-तीन किसान अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं। बता दें कि सरकार के द्वारा ड्रिप सिंचाई के लिए किसानों को अनुदान देने के लिए भी व्यवस्था की है ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस प्रणाली को अपनाकर मिट्टी पानी और बिजली की बचत कर सके।

BYTE1_ किसान संजय कुमार गुप्ता बताते हैं बूंद बूंद सिंचाई प्रणाली के जरिए वह अपने खेतों के पटवन कर रहे हैं इसमें पानी, बिजली की बचत है और मेहनत भी कम लगता है साथ ही साथ मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहती है। उन्होंने बताया धान की फसलों को छोड़कर अन्य सभी फसलों में ड्रिप सिंचाई से पटवन कर सकते हैं।

BYTE2_ कोढ़ा प्रखंड के प्रखंड उद्यान पदाधिकारी अमित कुमार पांडे ने बताया ड्रिप सिंचाई के जरिए रौतारा पंचायत के किसान अपने खेतों में इसका उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया इस प्रणाली के तहत किसान 70% तक पानी की बचत कर सकते हैं वही फसलों के उत्पादन में 20%-25% तक की वृद्धि भी हो सकती है।


Conclusion:बूंद बूंद सिंचाई प्रणाली का सबसे बड़ा फायदा यह है कि पानी की हर बूंद पौधे के लिए उपयोगी होती है। पौधे को जीतने पानी की जरूरत है किसान उतना ही पानी देते हैं। एक हिस्से में सिंचाई पूरी होते ही पाइप को दूसरी तरफ बढ़ा दिया जाता है। इससे कम बिजली खपत और कम वक्त में पानी की हर बूंद उपयोगी हो जाते हैं साथ ही फसल के उत्पादन भी दुगना हो जाता है। किसानों द्वारा इस नई तकनीक को अपनाने के साथ ही हम निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि किसान इस नई तकनीक को अपनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना 2022 तक किसानों की आय हो दुगना को पूरा करने में जुट गए हैं।
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