कटिहार: कटिहार के शेख सोबराती को पौधे लगाने के उनके जुनून की वजह से सभी जानते हैं. अब तक तेरह हजार से अधिक पौधे लगाकर उन्होंने मिसाल कायम की है. शेख सोबराती के इस कार्य से सीएम नीतीश कुमार इतने खुश हुए कि कटिहार यात्रा के दौरान उन्होंने शेख सोबराती को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. लेकिन कटिहार के हरियाली के इस सिपाही के पीछे का स्याह सच यह है कि आज शेख सोबराती का परिवार दाने-दाने को मोहताज है.
यह भी पढ़ें- गया के मोहरे गांव में विकास की चली बयार, सात निश्चय योजना के तहत 70 फीसदी हुआ काम
लगा चुके हैं 13 हजार से ज्यादा पौधे
शेख सोबराती को पेड़ पौधों से बहुत लगाव है. वे अपने बच्चों की तरह इनका चौबीस घंटे ख्याल रखते हैं. शेख सोबराती की दिनचर्या पौधों के रखरखाव, सफाई और निकाई - गुड़ाई से शुरू होती है. हरियाली के प्रति शेख सोबराती का ऐसा जुनून है कि सुबह से कब शाम हो जाती है इन्हें पता ही नहीं चलता है.
सीएम ने किया सम्मानित
हरियाली के प्रति शेख सोबराती के समर्पण भाव का जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पता चला तो 07 जनवरी 2020 को कटिहार आगमन के दौरान सीएम नीतीश ने खुद अपने हाथों से शॉल ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित किया. स्थानीय प्रशासन ने शेख सोबराती को 1400 रुपये मासिक पर रौतारा के चमरू पोखर पर पौधों की देखदेख के लिये बतौर वनपोषक रख लिया. और भरोसा दिया गया कि जल्द ही उन्हें कहीं एडजेस्ट किया जायेगा. लेकिन साल भर गुजरने के बाद भी शेख सोबराती को कुछ नहीं मिला. अब कोई इस बारे में कुछ बोलता ही नहीं है.
यह भी पढ़ें- बिहार के इस गांव में आज तक नहीं पहुंचा 'विकास', मुलभूत सुविधाएं तक नहीं
दाने दाने को मोहताज परिवार
शेख को वनपोषक के रूप में चौदह सौ रुपये की पगार मिलती थी. वह भी महीनों से नहीं मिली है. जिससे हरियाली के इस जांबाज सिपाही का परिवार दाने-दाने को तरस रहा है.
'क्या कमायें, क्या खाये, कुछ समझ मे नहीं आता. झाड़-फानूस के चूल्हे को फूंक किसी तरह पेट की आग बुझायी जाती है. अब जिन्दगी पहाड़ सी बन गयी है. छोटा बेटा एक सहारा है. यदि सरकार की नजर-ए- इनायत होती तो किसी तरह परिवार की गाड़ी चलती.'- शेख सोबराती, वन पोषक
महीनों से नहीं मिली पगार
हरियाली के सिपहसालार शेख सोबराती को पौधरोपण से सुकून मिलता है. पौधों का रखरखाव उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा है. लेकिन महीनों से इन्हें पगार नहीं मिली है. ऐसे में इनका परिवार दाने दाने को मोहताज है. शेख अब न्याय और मदद की गुहार लगा रहे हैं.