ETV Bharat / state

CM से सम्मानित शेख सोबराती का परिवार दाने-दाने को है मोहताज - कटिहार में गरीबी

अब तक तेरह हजार पेड़ लगा चुके शेख सोबराती को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद सम्मानित किया था. लेकिन आज शेख का परिवार दाने दाने को मोहताज है. ऐसे में शेख सोबराती सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

green man of katihar
green man of katihar
author img

By

Published : Mar 20, 2021, 3:02 PM IST

कटिहार: कटिहार के शेख सोबराती को पौधे लगाने के उनके जुनून की वजह से सभी जानते हैं. अब तक तेरह हजार से अधिक पौधे लगाकर उन्होंने मिसाल कायम की है. शेख सोबराती के इस कार्य से सीएम नीतीश कुमार इतने खुश हुए कि कटिहार यात्रा के दौरान उन्होंने शेख सोबराती को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. लेकिन कटिहार के हरियाली के इस सिपाही के पीछे का स्याह सच यह है कि आज शेख सोबराती का परिवार दाने-दाने को मोहताज है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- गया के मोहरे गांव में विकास की चली बयार, सात निश्चय योजना के तहत 70 फीसदी हुआ काम

लगा चुके हैं 13 हजार से ज्यादा पौधे
शेख सोबराती को पेड़ पौधों से बहुत लगाव है. वे अपने बच्चों की तरह इनका चौबीस घंटे ख्याल रखते हैं. शेख सोबराती की दिनचर्या पौधों के रखरखाव, सफाई और निकाई - गुड़ाई से शुरू होती है. हरियाली के प्रति शेख सोबराती का ऐसा जुनून है कि सुबह से कब शाम हो जाती है इन्हें पता ही नहीं चलता है.

green man of katihar
तेरह हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं शेख सोबराती

सीएम ने किया सम्मानित
हरियाली के प्रति शेख सोबराती के समर्पण भाव का जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पता चला तो 07 जनवरी 2020 को कटिहार आगमन के दौरान सीएम नीतीश ने खुद अपने हाथों से शॉल ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित किया. स्थानीय प्रशासन ने शेख सोबराती को 1400 रुपये मासिक पर रौतारा के चमरू पोखर पर पौधों की देखदेख के लिये बतौर वनपोषक रख लिया. और भरोसा दिया गया कि जल्द ही उन्हें कहीं एडजेस्ट किया जायेगा. लेकिन साल भर गुजरने के बाद भी शेख सोबराती को कुछ नहीं मिला. अब कोई इस बारे में कुछ बोलता ही नहीं है.

green man of katihar
CM से सम्मानित शेख सोबराती का परिवार दाने-दाने को मोहताज

यह भी पढ़ें- बिहार के इस गांव में आज तक नहीं पहुंचा 'विकास', मुलभूत सुविधाएं तक नहीं

दाने दाने को मोहताज परिवार
शेख को वनपोषक के रूप में चौदह सौ रुपये की पगार मिलती थी. वह भी महीनों से नहीं मिली है. जिससे हरियाली के इस जांबाज सिपाही का परिवार दाने-दाने को तरस रहा है.

'क्या कमायें, क्या खाये, कुछ समझ मे नहीं आता. झाड़-फानूस के चूल्हे को फूंक किसी तरह पेट की आग बुझायी जाती है. अब जिन्दगी पहाड़ सी बन गयी है. छोटा बेटा एक सहारा है. यदि सरकार की नजर-ए- इनायत होती तो किसी तरह परिवार की गाड़ी चलती.'- शेख सोबराती, वन पोषक

महीनों से नहीं मिली पगार
हरियाली के सिपहसालार शेख सोबराती को पौधरोपण से सुकून मिलता है. पौधों का रखरखाव उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा है. लेकिन महीनों से इन्हें पगार नहीं मिली है. ऐसे में इनका परिवार दाने दाने को मोहताज है. शेख अब न्याय और मदद की गुहार लगा रहे हैं.

कटिहार: कटिहार के शेख सोबराती को पौधे लगाने के उनके जुनून की वजह से सभी जानते हैं. अब तक तेरह हजार से अधिक पौधे लगाकर उन्होंने मिसाल कायम की है. शेख सोबराती के इस कार्य से सीएम नीतीश कुमार इतने खुश हुए कि कटिहार यात्रा के दौरान उन्होंने शेख सोबराती को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. लेकिन कटिहार के हरियाली के इस सिपाही के पीछे का स्याह सच यह है कि आज शेख सोबराती का परिवार दाने-दाने को मोहताज है.

देखें रिपोर्ट

यह भी पढ़ें- गया के मोहरे गांव में विकास की चली बयार, सात निश्चय योजना के तहत 70 फीसदी हुआ काम

लगा चुके हैं 13 हजार से ज्यादा पौधे
शेख सोबराती को पेड़ पौधों से बहुत लगाव है. वे अपने बच्चों की तरह इनका चौबीस घंटे ख्याल रखते हैं. शेख सोबराती की दिनचर्या पौधों के रखरखाव, सफाई और निकाई - गुड़ाई से शुरू होती है. हरियाली के प्रति शेख सोबराती का ऐसा जुनून है कि सुबह से कब शाम हो जाती है इन्हें पता ही नहीं चलता है.

green man of katihar
तेरह हजार से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं शेख सोबराती

सीएम ने किया सम्मानित
हरियाली के प्रति शेख सोबराती के समर्पण भाव का जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पता चला तो 07 जनवरी 2020 को कटिहार आगमन के दौरान सीएम नीतीश ने खुद अपने हाथों से शॉल ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित किया. स्थानीय प्रशासन ने शेख सोबराती को 1400 रुपये मासिक पर रौतारा के चमरू पोखर पर पौधों की देखदेख के लिये बतौर वनपोषक रख लिया. और भरोसा दिया गया कि जल्द ही उन्हें कहीं एडजेस्ट किया जायेगा. लेकिन साल भर गुजरने के बाद भी शेख सोबराती को कुछ नहीं मिला. अब कोई इस बारे में कुछ बोलता ही नहीं है.

green man of katihar
CM से सम्मानित शेख सोबराती का परिवार दाने-दाने को मोहताज

यह भी पढ़ें- बिहार के इस गांव में आज तक नहीं पहुंचा 'विकास', मुलभूत सुविधाएं तक नहीं

दाने दाने को मोहताज परिवार
शेख को वनपोषक के रूप में चौदह सौ रुपये की पगार मिलती थी. वह भी महीनों से नहीं मिली है. जिससे हरियाली के इस जांबाज सिपाही का परिवार दाने-दाने को तरस रहा है.

'क्या कमायें, क्या खाये, कुछ समझ मे नहीं आता. झाड़-फानूस के चूल्हे को फूंक किसी तरह पेट की आग बुझायी जाती है. अब जिन्दगी पहाड़ सी बन गयी है. छोटा बेटा एक सहारा है. यदि सरकार की नजर-ए- इनायत होती तो किसी तरह परिवार की गाड़ी चलती.'- शेख सोबराती, वन पोषक

महीनों से नहीं मिली पगार
हरियाली के सिपहसालार शेख सोबराती को पौधरोपण से सुकून मिलता है. पौधों का रखरखाव उनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा है. लेकिन महीनों से इन्हें पगार नहीं मिली है. ऐसे में इनका परिवार दाने दाने को मोहताज है. शेख अब न्याय और मदद की गुहार लगा रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.