ETV Bharat / state

कटिहार: बालू और गोंद से बना है यह अनोखा दुर्गा पूजा पंडाल, बना आकर्षण का केन्द्र

जिले में बालू और गोंद मिलाकर एक अनोखा पंडाल का निर्माण किया है. वहीं, गोल्डन कलर बेस पर बने यह दुर्गापूजा पंडाल कटिहार ही नहीं पूरे सीमांचल में इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है.

katihar
author img

By

Published : Oct 6, 2019, 2:52 PM IST

कटिहार: जिले में बालू और गोंद को मिलाकर थाई मंदिर के थीम पर पंडाल का निर्माण किया गया है. जो लोगों के आर्कषण का केन्द्र बना हुआ है. बताया जाता है कि इस पंडाल को तैयार करने में कारीगरों को एक महीने का समय लगा है.

बालू और गोंद मिलाकर बना है पंडाल
गोल्डन कलर बेस पर बना यह दुर्गापूजा पंडाल कटिहार ही नहीं पूरे सीमांचल में इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है. जानकारी के अनुसार कटिहार के एक स्थानीय दुर्गापूजा कमिटि ने इसे बनवाया है. बताया जाता है कि बालू को बारीकी से गोंद के साथ मिलाकर सुनहरे रंगों में पंडाल के दीवार बनाये गये हैं.

katihar
भव्य पंडाल

'अनोखा और इको फ्रेंडली है पंडाल'
पूजा कमेटी के अध्यक्ष साधन दास बताते हैं कि रेत और गोंद से बना यह पंडाल अपने आप में अनोखा और इको फ्रेंडली है. इसे तैयार करने में कारीगरों को एक महीने से ज्यादा का समय लगा है. वहीं श्रद्धालु गौरव दास बताते हैं कि थाई थीम पर आधारित यह एक खूबसूरत पंडाल है.

पेश है रिपोर्ट

आठवें दिन महागौरी की होती है पूजा
बता दें कि नवरात्रि के आठवें दिन माता के आठवें स्वरूप महागौरी देवी की उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन महागौरी की उपासना करने से व्यक्ति के धन-सम्पत्ति में बढ़ोतरी होती है. बताया जाता है कि महाष्ठमी के दिन दुर्गासप्तशती के मध्यम चरित्र का पाठ करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है.

Katihar
अनोखा और इको फ्रेंडली है यह पंडाल
शारदीय नवरात्र के 8वें दिन मां गौरी की पूजा के साथ-साथ जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंडों की बाजारों में काफी चहल पहल देखी जा रही है. जिले के 5 प्रखंड में आयी बाढ़ की त्रासदी के बाद भी श्रद्धालुओं के आस्था में कमी नहीं दिख रही है.

कटिहार: जिले में बालू और गोंद को मिलाकर थाई मंदिर के थीम पर पंडाल का निर्माण किया गया है. जो लोगों के आर्कषण का केन्द्र बना हुआ है. बताया जाता है कि इस पंडाल को तैयार करने में कारीगरों को एक महीने का समय लगा है.

बालू और गोंद मिलाकर बना है पंडाल
गोल्डन कलर बेस पर बना यह दुर्गापूजा पंडाल कटिहार ही नहीं पूरे सीमांचल में इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है. जानकारी के अनुसार कटिहार के एक स्थानीय दुर्गापूजा कमिटि ने इसे बनवाया है. बताया जाता है कि बालू को बारीकी से गोंद के साथ मिलाकर सुनहरे रंगों में पंडाल के दीवार बनाये गये हैं.

katihar
भव्य पंडाल

'अनोखा और इको फ्रेंडली है पंडाल'
पूजा कमेटी के अध्यक्ष साधन दास बताते हैं कि रेत और गोंद से बना यह पंडाल अपने आप में अनोखा और इको फ्रेंडली है. इसे तैयार करने में कारीगरों को एक महीने से ज्यादा का समय लगा है. वहीं श्रद्धालु गौरव दास बताते हैं कि थाई थीम पर आधारित यह एक खूबसूरत पंडाल है.

पेश है रिपोर्ट

आठवें दिन महागौरी की होती है पूजा
बता दें कि नवरात्रि के आठवें दिन माता के आठवें स्वरूप महागौरी देवी की उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन महागौरी की उपासना करने से व्यक्ति के धन-सम्पत्ति में बढ़ोतरी होती है. बताया जाता है कि महाष्ठमी के दिन दुर्गासप्तशती के मध्यम चरित्र का पाठ करने से व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है.

Katihar
अनोखा और इको फ्रेंडली है यह पंडाल
शारदीय नवरात्र के 8वें दिन मां गौरी की पूजा के साथ-साथ जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंडों की बाजारों में काफी चहल पहल देखी जा रही है. जिले के 5 प्रखंड में आयी बाढ़ की त्रासदी के बाद भी श्रद्धालुओं के आस्था में कमी नहीं दिख रही है.
Intro:.......दुर्गापूजा पंडालों में ना जाने क्या - क्या चीजें देखने को मिलती हैं लेकिन क्या आपको यकीन होगा कि बालू और गोंद को मिलाकर एक पंडाल भी बन सकता हैं । आईये , आज हम आपको बिहार के एक ऐसे ही दुर्गापूजा पंडालों की तस्वीर दिखाते हैं जहाँ बालू और गोंद को बारीकी से मिलाकर थाई मंदिर पर आधारित पंडाल बनाया गया हैं .....। यकीन मानिये , इसे देखकर कोई यह नहीं कहेगा कि यह वही बालू हैं जिसने पानी के साथ मिलकर बिहार में इनदिनों जलप्रलय मचा रखा हैं .....। बालू और गोंद से इस पूजा पंडाल को तैयार करने में एक महीने से भी ज्यादा का समय लगा हैं .....। थाई मंदिर के थीम पर आधारित इस पूजा पंडाल को देख श्रद्धालु फुले नहीं समा रहें हैं .....।


Body:शारदीय नवरात्र के मौके पर बने माँ दुर्गा के इस पूजा पंडाल को जरा गौर से देखिये .....। गोल्डन कलर बेस पर बने यह दुर्गापूजा पंडाल कटिहार ही नहीं पूरे सीमाँचल में इनदिनों खूब सुर्खियाँ बटोर रही हैं .....। कटिहार के एक स्थानीय दुर्गापूजा कमिटि ने इसे बनवाया हैं । बताया जाता हैं कि इसे बालू और गोंद को मिलाकर तैयार किया गया हैं और इसे थाई मंदिर का थीम दिया गया हैं ....। बालू को इतनी बारीकी से गोंद के साथ मिलाकर इसे सुनहरे रंगों में पंडाल के दीवार बनाये गये हैं कि इसे देखकर हर कोई अँगुली दांतों तले चबाने लगता हैं कि इतनी सुंदर नक्काशी और साज - सज्जा .....। पंडाल कमिटि के अध्यक्ष साधन दास बताते हैं कि रेत और गोंद से बनी यह पंडाल अपने - आप मे अनोखी हैं औऱ यह इको फ्रेंडली हैं । इसे तैयार करने में कारीगरों को एक महीने से ज्यादा का समय लगा हैं ....। श्रद्धालु गौरव दास बताते हैं कि थाई थीम पर आधारित यह खूबसूरत पंडाल हैं । पंडाल की खूबसूरती सुन अररिया से पंडाल देखने आये राजेश कुमार जैन भी इसे देख काफी खुश है......।


Conclusion:कटिहार को मिनी कोलकाता कहा जाता हैं जहाँ सीमावर्ती पश्चिम बंगाल की बांग्ला संस्कृति की यहाँ स्पष्ट छाप दिखती हैं । कोलकाता में एक से बढ़कर एक दुर्गापूजा पंडाल की होड़ कटिहार में भी दिखती हैं और यहीं कारण हैं कि यहाँ इस बार भीड़ से अलग हटकर बालू और गोंद से थाई थीम का पंडाल लोगों द्वारा सराहा जा रहा हैं ......।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.