कटिहारः क्या कटिहार जिला प्रशासन बाढ़ में डूबकर जान गंवाने वाले पीड़ितों के आंकड़ों पर पर्दा डालना चाहती है? क्या कटिहार में सैलाब के कहर में एक भी मौत नहीं हुई हैं? यह सवाल तब उठा जब बाढ़ में डूबकर मरने वालों की तादाद जिले की डीएम श्रीमती पूनम ने शून्य बताया. वहीं, जिला सदर अस्पताल के चिकित्सक, जिन्होंने पानी में डूबे कई शवों का पोस्टमॉर्टम किया है, वो कुछ और ही आंकड़े बता रहें हैं.
कई इलाकों में है बाढ़ का कहर
कटिहार जिले में बाढ़ का कहर बीते नौ दिनों से जारी है. जिले के कदवा, बारसोई, बलरामपुर, आजमनगर, प्राणपुर और डंडखोरा प्रखंड जलमग्न है. जहां तीन लाख से ज्यादा लोग सैलाब से प्रभावित हैं. कई प्रखंडों में तो आवागमन भी टूट चुका है और अब पानी धीरे-धीरे कम होकर आगे की ओर बढ़ रहा है. जिले में आई इस आपदा ने कई मांओं की कोख को सुनी कर दिया और कईयों के सिंदूर सदा के लिये धुल गए.
बाढ़ में कई लोगों की गई जान
बाढ़ की जद में आने से सबसे ज्यादा सात मौत कदवा प्रखण्ड में हुई है. इसके अलावा आजमनगर, मनिहारी, अमदाबाद प्रखंडों में एक-एक मौत हुई है. बलिया बेलोंन थाना क्षेत्र के रोहित कुमार, मढाईपुर के बनिया टोला में अरमान, परभेली पंचायत की पांच वर्षीय रीति कुमारी और शेखपुरा के रवि कुमार की पानी में डूबने से मौते हुई है. जबकि चंदहर में पचपन वर्षीय शहाबुद्दीन पानी के प्रवाह में बह गये. वहीं, कमरू गांव में दो किशोरियों की डूबकर मौत हो गई है.
एक दिन में किया गया चार पोस्टमॉर्टम
कटिहार सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ आर के सुमन बतातें हैं कि एक दिन में पानी में डूबकर चार-चार मरने वालों का उन्होंने पोस्टमॉर्टम किया है. लेकिन कटिहार की जिलाधिकारी इससे अलग बताती हैं, उनका कहना है कि बाढ़ से एक भी मौत की जानकारी जिला प्रशासन के पास नहीं है.