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बिहार में ठंड का सितम जारी, बचने के लिए कटिहार में लोग ले रहे 'जुगाड़ टेक्नोलॉजी' का सहारा

मौसम के बदले तेवर ने लोगों की नींद उड़ा दी है. इस बाबत स्थानीय मनोज बताते है कि पिछले 2-3 दिनों से ठंड कहर बरपा रहा है. दिन में तो किसी तरह समय कट जाता है, लेकिन शाम होते ही परेशानी बढ़ जाती है. शाम से देर सुबह तक घना कोहरा छाया रहता है.

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Published : Dec 27, 2019, 10:00 AM IST

ठंड का सितम जारी
ठंड का सितम जारी

कटिहार: राजधानी सहित प्रदेशभर में ठंड का सितम जारी है. एक तरफ जहां शहर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से कहीं पर भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. जिस वजह से गरीब लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अलाव की व्यवस्था नहीं हो पाने की वजह से गरीब लोग ठंड का सितम झेलने को मजबूर हैं. गांव में लोग तो किसी तरह से अपना जीवन काट रहे हैं, लेकिन शहरों में आलम यह है कि गरीब कूड़ा जलाकर किसी तरह सर्द रातों का मुकाबला कर रहे हैं. जब तक कूड़ा जलता है, इन गरीबों को नींद आती है और जैसे ही कूड़ा जलकर राख हो जाता है. वैसे ही हाड़ कंपाती ठंड उनकी नींद हराम कर देती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जुगाड़ टेक्नोलॉजी बन रहा जीवनरक्षक'
मौसम के बदले तेवर ने लोगों की नींद उड़ा दी है. इस बाबत स्थानीय मनोज बताते हैं कि पिछले 2-3 दिनों से ठंड कहर बरपा रही है. दिन में तो किसी तरह समय कट जाता है, लेकिन शाम होते ही परेशानी बढ़ जाती है. शाम से देर सुबह तक घना कोहरा छाया रहता है. प्रशासन ने अब तक इसके लिए कोई पुख्ता इंतजामा नहीं किये हैं. रात में हम लोग 'जुगाड़' यानी कूड़ा जलाकर जीने को मजबूर है.

नीरज कुमार, एसडीएम
नीरज कुमार, एसडीएम

प्रशासन बनाए हुए है अपनी नजर- एसडीएम
इस मामले पर जब ईटीवी भारत ने एसडीएम नीरज कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि ठंड पर जिला प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए है. जान-माल के बचाव के लिये इंतजाम किये जा रहे हैं. जिले के सभी अंचलाधिकारी को अपने-अपने इलाके में अलाव जलाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं.

कटिहार: राजधानी सहित प्रदेशभर में ठंड का सितम जारी है. एक तरफ जहां शहर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से कहीं पर भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. जिस वजह से गरीब लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

अलाव की व्यवस्था नहीं हो पाने की वजह से गरीब लोग ठंड का सितम झेलने को मजबूर हैं. गांव में लोग तो किसी तरह से अपना जीवन काट रहे हैं, लेकिन शहरों में आलम यह है कि गरीब कूड़ा जलाकर किसी तरह सर्द रातों का मुकाबला कर रहे हैं. जब तक कूड़ा जलता है, इन गरीबों को नींद आती है और जैसे ही कूड़ा जलकर राख हो जाता है. वैसे ही हाड़ कंपाती ठंड उनकी नींद हराम कर देती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'जुगाड़ टेक्नोलॉजी बन रहा जीवनरक्षक'
मौसम के बदले तेवर ने लोगों की नींद उड़ा दी है. इस बाबत स्थानीय मनोज बताते हैं कि पिछले 2-3 दिनों से ठंड कहर बरपा रही है. दिन में तो किसी तरह समय कट जाता है, लेकिन शाम होते ही परेशानी बढ़ जाती है. शाम से देर सुबह तक घना कोहरा छाया रहता है. प्रशासन ने अब तक इसके लिए कोई पुख्ता इंतजामा नहीं किये हैं. रात में हम लोग 'जुगाड़' यानी कूड़ा जलाकर जीने को मजबूर है.

नीरज कुमार, एसडीएम
नीरज कुमार, एसडीएम

प्रशासन बनाए हुए है अपनी नजर- एसडीएम
इस मामले पर जब ईटीवी भारत ने एसडीएम नीरज कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि ठंड पर जिला प्रशासन अपनी नजर बनाए हुए है. जान-माल के बचाव के लिये इंतजाम किये जा रहे हैं. जिले के सभी अंचलाधिकारी को अपने-अपने इलाके में अलाव जलाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं.

Intro:कटिहार में बढ़े ठण्ड के तेवर , लोगों पर ढा रहें हैं सितम ।



.......कटिहार में ठण्ड के बढ़े तेवर लोगों पर सितम ढा रहे हैं.....। कड़ाके की सर्दी दिन प्रतिदिन एक नया रिकॉर्ड बना रही हैं .....। बीते दो दिनों में मौसम का तापमान काफी नीचे चला गया हैं जिस कारण लोगों की परेशानियाँ काफी बढ़ गयी हैं । ठण्ड का असर सबसे ज्यादा सड़कों पर गुजार रहे उन लोगों पर पड़ी हैं जो दो वक्त का रोटी जुगाड़ करने के लिये जिन्दगी से जद्दोजहद कर रहे हैं और जुगाड़ टेक्नोलॉजी के अलाव लोगों के लिये जीवनरक्षक साबित हो रहें हैं । प्रशासन के अनुसार अलाव की व्यवस्था के लिये सभी अंचलाधिकारी को निर्देश दे दिये गये हैं ....।


Body:प्रशासन ने अलाव के इंतजाम के लिये सभी अंचल पदाधिकारियों को दिये निर्देश ।


सड़क किनारे आग सेंकते लोगों के यह दृश्य कटिहार के मिरचाईबाड़ी इलाके का हैं जहाँ हाड़ - माँस गला देने वाली ठंड के कंपकंपी से जान बचाने के लिये अलाव सेंक रहे हैं लेकिन इस अलाव को आप जरा गौर से देखिये , यह अलाव लकड़ियों के नहीं हैं बल्कि जुगाड़ टेक्नोलॉजी से जुगाड़ किये गये कागज के कुटों , सड़कों किनारे चुन - चुन कर जमा किये गये छोटे लकड़ियों के टुकड़े ....के हैं । यह अलाव लोगों के लिये प्राणरक्षक साबित हो रहे हैं । स्थानीय मनोज बताते हैं कि दो - तीन दिनों से ठंड कहर ढा रहा हैं । दिन में तो किसी तरह समय कट जाता हैं लेकिन शाम होते - होते कंपकंपी छूटने लगती हैं । शाम से देर सुबह तक घना कोहरा छाया रहता हैं । प्रशासन ने अब तक अलाव के इंतजाम नहीं किये हैं जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया हैं । दूसरी ओर , कटिहार सदर एसडीएम नीरज कुमार बताते हैं कि प्रशासन द्वारा ठण्ड से जान - माल के बचाव के लिये इंतजाम किये जा रहे हैं और जिले के सभी अंचलाधिकारी को अलाव के बाबत अपने - अपने इलाके में अलाव जलाने के आवश्यक निर्देश दिये गये हैं ......।


Conclusion:आगामी कुछ दिनों तक मौसम में सुधार की गुँजाइश नहीं , बढ़ेगी लोगों की परेशानी ।


मौसम का आलम यह हैं कि पारा लगातार लुढ़क रहा हैं । वेदर में सुधार के आगामी कुछ दिनों तक कुछ भी संभावना नहीं हैं । अधिकतम तापमान में भी गिरावट हो रहीं हैं । आम जनजीवन ठण्ड से बेहाल हैं , ऐसे में यदि जल्द से जल्द अलाव के इंतजाम प्रशासनिक तौर पर नहीं किये गये तो लोगों की जिन्दगानियाँ और परेशान हो सकती हैं ........।
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