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कटिहार में मोबाइल ने बच्चे के दिमाग से खेला 'गेम', खेल-खेल में चली गई जान

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Published : Apr 16, 2021, 1:36 PM IST

Updated : Apr 16, 2021, 3:57 PM IST

कोरोना काल की वजह पिछले एक साल से स्कूल, कॉलेज बंद हैं. लिहाजा बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है. कटिहार में पिछले कई महीनों से एक परिवार को लग रहा था कि बच्चा ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा है लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो ना धरती के 'भगवान' कुछ कर पाए ना ही परिवार के लोग, बच्चे को ऑनलाइन गेम खेलने की ऐसी आदत लगी कि उसकी जान ही चली गई.

जानलेवा है ये खेल
जानलेवा है ये खेल

कटिहारः लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई के बदले मोबाइल पर पबजी और फ्री फायर गेम खेलते-खेलते छात्र ने अपनी जान गंवा दी. मोबाइल पर लगातार गेम खेलने के कारण आठवीं क्लास के 15 वर्षीय छात्र आयुष की मौत हो गयी. ऑनलाइन पढ़ाई करने के बहाने वह देर-देर तक गेम खेलता था. जब गर्दन में दर्द की शिकायत होती तो माता-पिता से छुपा कर पेन किलर खा लिया करता था. एक दिन अचानक दर्द ज्यादा हुआ तो पिता डॉक्टर के पास ले गए. डॉक्टर ने कहा पेन किलर ज्यादा खाने के कारण परेशानी है. बच्चे को अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

आयुष के माता-पिता
आयुष के माता-पिता

यह भी पढ़ें- औरंगाबाद: सड़क हादसे में घायल महिला की इलाज के दौरान मौत, परिजनों ने किया हंगामा

इकलौता बेटा था आयुष
आयुष अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र था. घटना कोढ़ा प्रखंड के मकईपुर गांव की है. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के बाद से ही छात्र अपने-अपने घरों में ही मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई करते थे. आयुष भी अपने घर में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा था. आयुष आठवीं कक्षा का छात्र था. पढ़ाई के साथ-साथ आयुष को मोबाइल में गेम खेलने के भी लत लग गई.

देखें पूरी रिपोर्ट

माता-पिता ने समझाया था काफी
माता-पिता के लाख समझाने के बाद भी आयुष ने मोबाइल में गेम खेलना नहीं छोड़ा. देर रात तक गेम खेलता था. पबजी और फ्री फायर गेम की लत उसे ऐसी लगी कि रात-रात भर और दिन भर लगातार मोबाइल पर गेम ही खेलने लगा था.

आयुष के दोस्त और परिवार के बच्चे
आयुष के दोस्त और परिवार के बच्चे

दवा की लग गई थी आदत
आयुष को जब गेम खेलने से उसके गर्दन में दर्द होने लगा, तो वह चुपचाप बिना मां-बाप को बताए दर्द की दवा खाने लगा. दर्द की वजह से उसे दवा की आदत लग गई. इसकी जानकारी आयुष के माता-पिता को नहीं थी. एक दिन जब दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ तो आयुष ने अपने माता-पिता को बताया. फिर आयुष के पिता उसे लेकर डॉक्टर के पास गए.

आयुष के परिजन
आयुष के परिजन

थम गई आयुष की सांसें
तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो मेडिकल कॉलेज लेकर गए. डॉक्टर ने एक्सरे रिपोर्ट देखने के बाद उसके पिता को बताया कि दर्द की दवा ज्यादा खाने से दिक्कतें आई है. इसका इलाज लंबा चलेगा. इसी बीच आयुष की सांसें काफी फूलने लगी. देखते-ही-देखते अपने पिता के सामने आयुष इस दुनिया से हमेशा के लिए चला गया.

आयुष
आयुष

यह भी पढ़ें- रेट फिक्स है! जानें किस अस्पताल में कोरोना के इलाज के लिए कितना देना होगा पैसा

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कटिहारः लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई के बदले मोबाइल पर पबजी और फ्री फायर गेम खेलते-खेलते छात्र ने अपनी जान गंवा दी. मोबाइल पर लगातार गेम खेलने के कारण आठवीं क्लास के 15 वर्षीय छात्र आयुष की मौत हो गयी. ऑनलाइन पढ़ाई करने के बहाने वह देर-देर तक गेम खेलता था. जब गर्दन में दर्द की शिकायत होती तो माता-पिता से छुपा कर पेन किलर खा लिया करता था. एक दिन अचानक दर्द ज्यादा हुआ तो पिता डॉक्टर के पास ले गए. डॉक्टर ने कहा पेन किलर ज्यादा खाने के कारण परेशानी है. बच्चे को अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

आयुष के माता-पिता
आयुष के माता-पिता

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इकलौता बेटा था आयुष
आयुष अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र था. घटना कोढ़ा प्रखंड के मकईपुर गांव की है. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के बाद से ही छात्र अपने-अपने घरों में ही मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई करते थे. आयुष भी अपने घर में ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा था. आयुष आठवीं कक्षा का छात्र था. पढ़ाई के साथ-साथ आयुष को मोबाइल में गेम खेलने के भी लत लग गई.

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माता-पिता ने समझाया था काफी
माता-पिता के लाख समझाने के बाद भी आयुष ने मोबाइल में गेम खेलना नहीं छोड़ा. देर रात तक गेम खेलता था. पबजी और फ्री फायर गेम की लत उसे ऐसी लगी कि रात-रात भर और दिन भर लगातार मोबाइल पर गेम ही खेलने लगा था.

आयुष के दोस्त और परिवार के बच्चे
आयुष के दोस्त और परिवार के बच्चे

दवा की लग गई थी आदत
आयुष को जब गेम खेलने से उसके गर्दन में दर्द होने लगा, तो वह चुपचाप बिना मां-बाप को बताए दर्द की दवा खाने लगा. दर्द की वजह से उसे दवा की आदत लग गई. इसकी जानकारी आयुष के माता-पिता को नहीं थी. एक दिन जब दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ तो आयुष ने अपने माता-पिता को बताया. फिर आयुष के पिता उसे लेकर डॉक्टर के पास गए.

आयुष के परिजन
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थम गई आयुष की सांसें
तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी तो मेडिकल कॉलेज लेकर गए. डॉक्टर ने एक्सरे रिपोर्ट देखने के बाद उसके पिता को बताया कि दर्द की दवा ज्यादा खाने से दिक्कतें आई है. इसका इलाज लंबा चलेगा. इसी बीच आयुष की सांसें काफी फूलने लगी. देखते-ही-देखते अपने पिता के सामने आयुष इस दुनिया से हमेशा के लिए चला गया.

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Last Updated : Apr 16, 2021, 3:57 PM IST
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