कटिहार (मनिहारी): जिले के मनिहारी अनुमंडल में गंगा नदी के कटाव को रोकने के लिए सरकार कटावरोधी कार्य शुरू कर चुकी है. एक सौ करोड़ रुपए लागत से इसे बाघमारा से केवाला तक करीब 5 किमी में बनाना है. इस कार्य को शुरू हुए अब तक 6 महीने बीत गए. अब तक मात्र 600 मीटर ही कार्य हो पाया है. जो भी काम अब तक हुए हैं, वह अनियमितता, लापरवाही और गंगा के तेज बहाव के कारण कट कर गंगा में विलीन हो गया.
लापरवाही से स्थानीय लोगों में आक्रोश
बताया जाता है कि संवेदकों की लापरवाही के कारण स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है. एक बार फिर गंगा किनारे रहने वाले लोगों पर कटाव का खतरा मंडरा है. उन्हें चिंता सताने लगी है कि कब उनका घर, गांव गंगा में कटकर विलीन हो जाएगा. बता दें कि बाघमारा गांव से लेकर सिग्नल टोला तक मात्र 600 मीटर में काम हुए हैं. उसमें भी कई जगह पर नदी के तेज बहाव के कारण कटाव रोधी कार्य गंगा में विलीन हो गया है.
नदी में पानी है कम, बेहतर हो सकता था काम
स्थानीय बाघमारा पंचायत के मुखिया पति हरेराम यादव ने बताया कि संवेदक काम में लापरवाही बरत रहे हैं. बोल्डर पीचिंग का किया गया काम नदी में बह गया. इंजीनियर स्वयं वहां रहकर इस काम को पूरा कराएं. अन्यथा काम में लापरवाही के कारण कई गांव बाढ़ के वक्त कट सकता है. कई ग्रामीणों ने बताया कि संवेदक बाढ़ के वक्त काम कराते हैं. अभी जब नदी में पानी कम है तो बेहतर तरीके से काम किया जा सकता है. लेकिन संवेदक इस काम में लापरवाही बरत रहे हैं.
उच्च स्तरीय होगी जांचः सांसद
इस बारे में कटिहार के सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने बताया कि यह चिंता का विषय है. मनिहारी गंगा नदी में हो रहे बोल्डर पीचिंग का काम कट कर बह गया है. इस मामले को लेकर इंजीनियर से बात की है. कहा कि यह कटना नहीं चाहिए था. इसको लेकर उच्च स्तरीय जांच होगी. अभी तक मात्र 600 मीटर काम हुआ है और जो भी खामियां हैं, उसे जल्द दूर कर लिया जाएगा और काम को पूरा किया जाएगा.