कटिहार: जिले के समाहरणालय कक्ष में मत्स्य विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई. इस बैठक में मत्स्य विभाग से जुड़े कई मंत्री शामिल रहे. बैठक में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि सूबे को थोड़े से प्रयास की जरूरत हैं. जिससे बिहार मछली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है.
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'मछली उत्पादन में बिहार की आत्मनिर्भरता बढ़ी है और जल्द ही बिहार देश के दूसरे राज्यों को मछली का विक्रय करेगा. पहले बिहार मछली के मामले में आन्ध्र प्रदेश पर निर्भर था, लेकिन यह निर्भरता अब धीरे-धीरे कम हो गयी है'- तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री
बिहार में मछलियों की मांग
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में मछलियों की मांग बहुत ज्यादा है. तीस हजार करोड़ से ज्यादा मछली का उत्पादन यहां के पोखरों, तालाब और नदियों में होता है. हर साल करीब आठ लाख मीट्रिक टन मछली की खपत होती है. जिसमें 6 लाख टन मछली यहीं की होती है. वहीं, दो लाख मीट्रिक टन दूसरे राज्यों से मंगाई जाती है. उन्होंने बताया कि मछुआरों के विकास का काम हो रहा है.
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सरकार ने लिया नीली क्रांति का संकल्प
उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि वह दिन दूर नहीं कि नीली क्रान्ति का संकल्प सरकार ने लिया है और बिहार आने वाले दिनों में दूसरे राज्यों को मछली बेचेगा. उन्होंने बताया कि मत्स्य को बढ़ावा देने के लिये कई योजनाएं लागू की गई हैं.