कैमूर: बिहार सरकार ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दूसरे राज्यों के सभी बॉर्डर को सील करने का आदेश जारी किया था. लेकिन जिले के यूपी चंदौली के इलिया स्थित यूपी बिहार करवंदिया बॉर्डर को सील करना तो दूर की बात है, यहां एक हवालदार तक तैनात नहीं है.
बता दें बिहार सरकार ने राज्य के सभी बॉर्डर को सील करने का आदेश जारी किया था. लेकिन जिले के चांद प्रखंड में आज भी ऐसे कई बॉर्डर हैं, जहां एक भी पुलिस कर्मियों की तैनाती नहीं की गई है. ऐसे में बॉर्डर खुला छोड़ना लॉकडाउन और बिहार में बढ़ते कोरोना वायरस को दावत देने जैसा है.
कोई भी कर सकता है प्रवेश
करवंदिया बॉर्डर से प्रखंड मुख्यालय महज 6 किमी की दूरी पर है. यानी इस रास्ते पर कोई बिना रोक-टोक के जिले में पैदल चलकर भी प्रवेश कर सकता है. इस बॉर्डर का आलम अगर ऐसा ही रहा तो दूसरे राज्यों से आ रहे लोग बिहार में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं.
ईटीवी भारत ने जब ग्राउंड जीरो पर जाकर यूपी के चंदौली स्थित इलिया गांव के संजय कुमार से बात की तो उसने बताया कि बिहार पुलिस को लॉकडाउन के बाद सिर्फ एक दफा राउंड करते हुए देखा है. ऐसे में बिहार बॉर्डर को सील करने की हकीकत ग्राउंड लेवल पर फेल साबित होती है.
3 शिफ्ट में ड्यूटी कर रही पुलिस
चांद प्रखंड के मदराईच स्थित यूपी बिहार बॉर्डर पर तैनात मजिस्ट्रेट संजीव कुमार ने बताया कि बॉर्डर पर 24 घंटे में 3 शिफ्टों में पुलिस पदाधिकारी ड्यूटी कर रहे हैं. सिर्फ अति आवश्यक वाहनों और पास वालों वाहनों को बिहार में जांच के बाद प्रवेश दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं है कि दूसरे बॉर्डर पर कोई तैनात नहीं है. जांच करवा कर सभी बॉर्डर को जल्द ही सील कर दिया जाएगा.