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लॉकडाउन में कैमूर के शिक्षक का कमाल, भोजपुरी में लिख डाला रामचरितमानस

कैमूर के रहने वाले शिक्षक पीयूष मोहन ने लॉकडाउन के खाली समय का सही इस्तेमाल करते हुए रामचरितमानस को भोजपुरी में लिख डाला. उनका कहना है कि ऐसा करने का एकमात्र मकसद यही है कि रामचरितमानस को आसानी से और सरल तरीके लोग पढ़ सकें. इसके पहले भी उनके दो उपन्यास छप चुके हैं.

ramcharitmanas in bhojpuri
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Published : Feb 3, 2021, 5:21 PM IST

Updated : Feb 3, 2021, 6:46 PM IST

कैमूर: दुर्गावती प्रखंड के कर्मनाशा के रहने वाले शिक्षक पीयूष मोहन इन दिनों हर जगह चर्चा का विषय बने हुये है. दरअसल पीयूष ने भोजपुरी में रामचरितमानस लिख डाला है. जिसकी चर्चा सभी कर रहे हैं.

ramcharitmanas in bhojpuri
भोजपुरी में भी लोग पढ़ सकेंगे रामचरितमानस

'जब लॉकडाउन लगा तो मैंने सोचा क्यों रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखा जाए. क्योंकि वह जिस भाषा में लिखा गया है उस भाषा में सभी के लिए पढ़ना संभव नहीं है. इसलिए मैंने अपने खाली समय में रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखना शुरू किया और अब वे अंतिम दौर में है.'- पीयूष मोहन, लेखक, भोजपुरी रामायण

यह भी पढ़ें- वैक्सीनेशन के लिए 2 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स का हुआ रजिस्ट्रेशन, 7 फरवरी है अंतिम तारीख: मंगल पांडे

भोजपुरी में रामचरितमानस

ramcharitmanas in bhojpuri
भोजपुरी में लिखा गया रामचरितमानस
इस सबन्ध में शिक्षक से लेखक बने पीयूष मोहन बताते हैं जब लॉकडाउन लगा तो पूरी तरह खाली बैठे थे. और उन्होंने सोचा कि रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखा जाए, क्योंकि वह जिस भाषा में लिखा गया है उस भाषा में सभी के लिए पढ़ना संभव नहीं है. साथ ही उनका कहना है कि भोजपुरी को बहुत ही हेय दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि कुछ लोगों द्वारा भोजपुरी में अश्लील गाने गाकर उसको लोगों की नजरों में गिरा दिया है. इसलिए लोगों को भोजपुरी के प्रति मान सम्मान दिलाने के लिए रामचरितमानस लिखने का उन्होंने फैसला लिया. ग्रामीण भी शिक्षक की इस पहल की प्रशंसा कर रहे हैं.
देखें ये रिपोर्ट

'भोजपुरी को बहुत ही हेय दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि कुछ लोगों द्वारा भोजपुरी में अश्लील गाने गाकर उसको लोगों की नजरों में गिरा दिया गया है. इसलिए लोगों को भोजपुरी के प्रति मान सम्मान दिलाने के लिए हमने रामचरितमानस लिख दिया. कई क्षेत्रीय भाषा में लोगों को अवार्ड मिलता है लेकिन भोजपुरी को लेकर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया, इसलिए हमने सोचा कि रामचरितमानस को अपनी भाषा में लिखकर भोजपुरी का मान सम्मान बढ़ाया जाए.'- पीयूष मोहन, लेखक, भोजपुरी रामायण

'भोजपुरी को सम्मान'

ramcharitmanas in bhojpuri
कैमूर के शिक्षक ने लिखा भोजपुरी में रामचरितमानस
बता दें कि पीयूष मोहन लगभग 6 महीने से रामचरितमानस लिख रहे हैं. अभी कुछ अध्याय बाकी हैं जिसे कुछ दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. पीयूष ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि 'भोजपुरी में लोग रामचरितमानस जैसे भोजपुरी में लिखी गई किताबों को पढ़ें जिससे कि समाज में भोजपुरी का मान सम्मान बढ़ सके.

कैमूर: दुर्गावती प्रखंड के कर्मनाशा के रहने वाले शिक्षक पीयूष मोहन इन दिनों हर जगह चर्चा का विषय बने हुये है. दरअसल पीयूष ने भोजपुरी में रामचरितमानस लिख डाला है. जिसकी चर्चा सभी कर रहे हैं.

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भोजपुरी में भी लोग पढ़ सकेंगे रामचरितमानस

'जब लॉकडाउन लगा तो मैंने सोचा क्यों रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखा जाए. क्योंकि वह जिस भाषा में लिखा गया है उस भाषा में सभी के लिए पढ़ना संभव नहीं है. इसलिए मैंने अपने खाली समय में रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखना शुरू किया और अब वे अंतिम दौर में है.'- पीयूष मोहन, लेखक, भोजपुरी रामायण

यह भी पढ़ें- वैक्सीनेशन के लिए 2 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स का हुआ रजिस्ट्रेशन, 7 फरवरी है अंतिम तारीख: मंगल पांडे

भोजपुरी में रामचरितमानस

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भोजपुरी में लिखा गया रामचरितमानस
इस सबन्ध में शिक्षक से लेखक बने पीयूष मोहन बताते हैं जब लॉकडाउन लगा तो पूरी तरह खाली बैठे थे. और उन्होंने सोचा कि रामचरितमानस को भोजपुरी में लिखा जाए, क्योंकि वह जिस भाषा में लिखा गया है उस भाषा में सभी के लिए पढ़ना संभव नहीं है. साथ ही उनका कहना है कि भोजपुरी को बहुत ही हेय दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि कुछ लोगों द्वारा भोजपुरी में अश्लील गाने गाकर उसको लोगों की नजरों में गिरा दिया है. इसलिए लोगों को भोजपुरी के प्रति मान सम्मान दिलाने के लिए रामचरितमानस लिखने का उन्होंने फैसला लिया. ग्रामीण भी शिक्षक की इस पहल की प्रशंसा कर रहे हैं.
देखें ये रिपोर्ट

'भोजपुरी को बहुत ही हेय दृष्टि से देखा जाता है क्योंकि कुछ लोगों द्वारा भोजपुरी में अश्लील गाने गाकर उसको लोगों की नजरों में गिरा दिया गया है. इसलिए लोगों को भोजपुरी के प्रति मान सम्मान दिलाने के लिए हमने रामचरितमानस लिख दिया. कई क्षेत्रीय भाषा में लोगों को अवार्ड मिलता है लेकिन भोजपुरी को लेकर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया, इसलिए हमने सोचा कि रामचरितमानस को अपनी भाषा में लिखकर भोजपुरी का मान सम्मान बढ़ाया जाए.'- पीयूष मोहन, लेखक, भोजपुरी रामायण

'भोजपुरी को सम्मान'

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कैमूर के शिक्षक ने लिखा भोजपुरी में रामचरितमानस
बता दें कि पीयूष मोहन लगभग 6 महीने से रामचरितमानस लिख रहे हैं. अभी कुछ अध्याय बाकी हैं जिसे कुछ दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. पीयूष ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि 'भोजपुरी में लोग रामचरितमानस जैसे भोजपुरी में लिखी गई किताबों को पढ़ें जिससे कि समाज में भोजपुरी का मान सम्मान बढ़ सके.
Last Updated : Feb 3, 2021, 6:46 PM IST
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