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कैमूर: जल-नल योजना की उड़ रही हैं धज्जियां, पानी के लिए परेशान ग्रामीण - Faucet water scheme fails in Kaimur

जिले के बेत्तरी गांव में नल जल योजना सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गई है. सरकार ने गांव के 250 घरों को शुद्ध पेय जल को पहुंचाने के उद्देश्य से 30 लाख की लागत से पानी सप्लाई की व्यवस्था की थी. लेकिन योजना के शुरू होने के दो हफ्ते बाद ही व्यवस्था ने दम तोड़ दिया.

कैमूर
कैमूर में नल जल योजना
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Published : Dec 28, 2020, 1:09 PM IST

कैमूर(भभुआ): सीएम नीतीश के महात्वकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक नल-जल योजना कैमूर के बेत्तरी पंचायत में बदहाली के आंसू बहा रहा है. एक तरफ सरकार के तमाम मंत्री संतरी इस योजना को सफल और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में दिन रात एक किए हुए हैं. तो वहीं, दूसरी ओर बेत्तरी गांव में योजना धरातल पर ही नहीं उतर पा रही है. सात निश्चय शामिल यह योजना जिले के बेत्तरी गांव में सवालों के घेरे में आ गया है.

देखें रिपोर्ट

सरकारी उदासीनता के कारण नल-जल योजना गांव में नहीं पहुंचने से ग्रामीण शुद्ध पेय जल के मोहताज हो गए हैं. लापरवाही व भ्रष्टाचार का आलम यह है कि कई घरों में गंदा और खारा पानी आ रहा है. वहीं, कई घरों तक तो पानी पहुंच भी नहीं पा रहा है. कई जगह पाइप फटे पड़े हैं. जिस कारण रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है.

250 घरों में पानी पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार ने खर्चे थे 30 लाख रुपए
बता दें कि इस योजना के तहत गांव के 250 घरों को पानी पहुचाने के लिए इस योजना में करीब 30 लाख रुपये की राशि खर्च की गई. ग्रामीणों का आरोप है कि कबार पंचायत के वार्ड संख्या दो और तीन में पीएचईडी विभाग के संवेदक द्वारा काम कराया गया है. काम को आधे-अधूरे ही छोड़ कर योजना को 15 दिन पूर्व में ही चालू कर दिया गया. बिना तैयारी के शुरू किए जाने के कारण मोटर दो हफ्ते के भीतर ही जल गया. जिसे अभी तक न तो बदला गया है न ही सुधारा गया है.

वहीं, इस संबंध में कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार सुमन से जब जानकारी ली गई. तो उन्होंने कहा कि जल्द ही व्यवस्था को दुरुस्त कर पानी सप्लाई की व्यवस्था को फिर से बहाल किया जाएगा.

कैमूर(भभुआ): सीएम नीतीश के महात्वकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक नल-जल योजना कैमूर के बेत्तरी पंचायत में बदहाली के आंसू बहा रहा है. एक तरफ सरकार के तमाम मंत्री संतरी इस योजना को सफल और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में दिन रात एक किए हुए हैं. तो वहीं, दूसरी ओर बेत्तरी गांव में योजना धरातल पर ही नहीं उतर पा रही है. सात निश्चय शामिल यह योजना जिले के बेत्तरी गांव में सवालों के घेरे में आ गया है.

देखें रिपोर्ट

सरकारी उदासीनता के कारण नल-जल योजना गांव में नहीं पहुंचने से ग्रामीण शुद्ध पेय जल के मोहताज हो गए हैं. लापरवाही व भ्रष्टाचार का आलम यह है कि कई घरों में गंदा और खारा पानी आ रहा है. वहीं, कई घरों तक तो पानी पहुंच भी नहीं पा रहा है. कई जगह पाइप फटे पड़े हैं. जिस कारण रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है.

250 घरों में पानी पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार ने खर्चे थे 30 लाख रुपए
बता दें कि इस योजना के तहत गांव के 250 घरों को पानी पहुचाने के लिए इस योजना में करीब 30 लाख रुपये की राशि खर्च की गई. ग्रामीणों का आरोप है कि कबार पंचायत के वार्ड संख्या दो और तीन में पीएचईडी विभाग के संवेदक द्वारा काम कराया गया है. काम को आधे-अधूरे ही छोड़ कर योजना को 15 दिन पूर्व में ही चालू कर दिया गया. बिना तैयारी के शुरू किए जाने के कारण मोटर दो हफ्ते के भीतर ही जल गया. जिसे अभी तक न तो बदला गया है न ही सुधारा गया है.

वहीं, इस संबंध में कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार सुमन से जब जानकारी ली गई. तो उन्होंने कहा कि जल्द ही व्यवस्था को दुरुस्त कर पानी सप्लाई की व्यवस्था को फिर से बहाल किया जाएगा.

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