कैमूर(भभुआ): सीएम नीतीश के महात्वकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक नल-जल योजना कैमूर के बेत्तरी पंचायत में बदहाली के आंसू बहा रहा है. एक तरफ सरकार के तमाम मंत्री संतरी इस योजना को सफल और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में दिन रात एक किए हुए हैं. तो वहीं, दूसरी ओर बेत्तरी गांव में योजना धरातल पर ही नहीं उतर पा रही है. सात निश्चय शामिल यह योजना जिले के बेत्तरी गांव में सवालों के घेरे में आ गया है.
सरकारी उदासीनता के कारण नल-जल योजना गांव में नहीं पहुंचने से ग्रामीण शुद्ध पेय जल के मोहताज हो गए हैं. लापरवाही व भ्रष्टाचार का आलम यह है कि कई घरों में गंदा और खारा पानी आ रहा है. वहीं, कई घरों तक तो पानी पहुंच भी नहीं पा रहा है. कई जगह पाइप फटे पड़े हैं. जिस कारण रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है.
250 घरों में पानी पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार ने खर्चे थे 30 लाख रुपए
बता दें कि इस योजना के तहत गांव के 250 घरों को पानी पहुचाने के लिए इस योजना में करीब 30 लाख रुपये की राशि खर्च की गई. ग्रामीणों का आरोप है कि कबार पंचायत के वार्ड संख्या दो और तीन में पीएचईडी विभाग के संवेदक द्वारा काम कराया गया है. काम को आधे-अधूरे ही छोड़ कर योजना को 15 दिन पूर्व में ही चालू कर दिया गया. बिना तैयारी के शुरू किए जाने के कारण मोटर दो हफ्ते के भीतर ही जल गया. जिसे अभी तक न तो बदला गया है न ही सुधारा गया है.
वहीं, इस संबंध में कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार सुमन से जब जानकारी ली गई. तो उन्होंने कहा कि जल्द ही व्यवस्था को दुरुस्त कर पानी सप्लाई की व्यवस्था को फिर से बहाल किया जाएगा.