कैमूर (भभुआ): बिहार के भभुआ में रविवार को तालीमी मरकज शिक्षक स्वयंसेवक संघ की बैठक गुलाम सरवर मददगार मुस्लिम मुसाफिर खाना में आयोजित की गई. जिसमें हिंदुस्तान के महान समाज सुधारक शिक्षक, नेता और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के फाउंडर सर सैय्यद अहमद खान (Sir Syed Ahmed Khan) को उनके जन्मदिवस पर याद किया गया.
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इस दौरान वक्ताओं ने सर सैय्यद अहमद खान के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सर सैयद अहमद खान का जन्म 17 अक्टूबर 1817 को हुआ, जबकि उनकी मृत्यु 27 मार्च 1898 में हुई. वह हिंदुस्तानी शिक्षक और नेता थे, जो भारत के मुसलमानों के लिए आधुनिक शिक्षा की शुरुआत की. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना की तथा उनके प्रयासों से अंग्रेजों के खिलाफ अलीगढ़ क्रांति की शुरुआत हुई. जिसमें बुद्धजीवी और नेताओं ने भारतीय मुसलमान को शिक्षित किया. 1857 के पहले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वे अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मदद की और गैर फौजी अंग्रेजों को अपने घर में पनाह दी. उस दौरान उन्होंने कई किताबें भी लिखी.
वहीं, बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी तालिमी मरकज के शिक्षा सेवक अपनी कोचिंग समय से अपने मोहल्ले में चलाएंगे.संघ के द्वारा निर्णय लिया गया कि बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद जमा खान का पंचायत चुनाव के बाद भव्य स्वागत का कार्यक्रम किया जाएगा.
तालीमी मरकज शिक्षक स्वयंसेवक संघ की बैठक की अध्यक्षता रमजान अंसारी और संचालन इम्तियाज अंसारी के द्वारा किया गया. इस दौरान नूर नजर, सबा परवीन, इइब्राना खातून, सरवरी खातून, अली हसन, सरफराज, नौशाद समेत तमाम लोग मौजूद रहे.
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