कैमूरः चावल का व्यापार करने वाले एक व्यापारी को जब कारोबार में घाटा होने लगा और लेनदारों ने पैसा की मांग की तो उसने खुद के अपहरण की साजिश रच दी. झूठी कहानी और दोस्त के सहारे उसने घरवालों से 2 लाख 50 हजार की मांग भी की. लेकिन पुलिस ने उसके सारे प्लान पर पानी फेर दिया और एक दोस्त के साथ उसे गिरफ्तार कर लिया.
बताया जाता है कि युवक विवेक कुमार उर्फ मुरारी चावल का व्यवसाय करता था. घाटे में व्यवसाय चलने के कारण लेनदारों ने दबाव बनाना शुरू किया तो युवक परेशान रहने लगा. 19 नवंबर को वो घर से निकला लेकिन वापस नहीं लौटा. 20 नवंबर को घर पर अपहरणकर्ताओं का फोन आया कि विवेक का अपहरण हो चुका है अगर जिंदा चाहते हो तो ढाई लाख रुपये लेकर मेरे बताए पते पर आ जाओ, तब उसे छोड़ा जाएगा.
घर वालों ने दिए पैसे
इसके बाद परिवार वाले काफी परेशान होने लगे, फिर व्यापारी के बड़े भाई ने भगवत थाने में मामला दर्ज करवाया. जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मामले की छानबीन करनी शुरू की. वहीं पुलिस भी उस समय असमंजस में पड़ गई जब व्यापारी के बड़े भाई ने एसपी से बात करके बताया कि कहीं मेरे भाई की हत्या ना हो जाए.
एसपी ने एक टीम गठित की और उसके बाद पुलिस युवक के घरवालों का पीछा करने लगी. 23 नवंबर को कुदरा के लालापुर पुल के पास फिरौती के पैसे घरवाले लेकर पहुंचे और दो लाख रुपये दे दिया. उसके बाद भी विवेक को नहीं छोड़ा गया.
व्यापारी और उसके दोस्त को भेजा गया जेल
पुलिस ने पैसा लेने वाले का पीछा करते हुए रोहतास के नोखा के पास उसे धर दबोचा. जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो युवक ने कबूला कि उसने खुद घरवालों से 2 लाख 50 हजार रुपये की मांग की थी. चावल के कारोबार में घाटा होने के बाद लेनदार बार-बार पैसे की मांग कर रहे थे. युवक के साथ उसके दोस्त को फर्जी अपराधों के मामले में जेल भेज दिया गया और फिरौती के 2 लाख रुपये बरामद किए गए.
वहीं, एसपी दिलनवाज अमहद ने बताया कि व्यापारी के बड़े भाई ने अपरहण का मामला दर्ज करवाया था. जब पुलिस ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि व्यापारी ने खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची थी.